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मौत के साए में संवारा जा रहा नौनिहालों का भविष्य !... बेसुध हैं जिम्मेदार

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Published : Dec 12, 2019, 10:58 PM IST

कटनी जिले की जुहिला पौड़ी ग्राम पंचायत में मौजूद स्कूल जर्जर हालत में है. जिसमें छात्रों को पढ़ाया जा रहा है. स्कूल भवन इस कदर जर्जर है कि कभी भी भरभराकर गिर सकता है.

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जर्जर स्कूल भवन

कटनी। मध्यप्रदेश सरकार भले ही शिक्षा व्यवस्था दुरूस्त होने के दावों पर अपनी पीट थपथपाती ले, लेकिन जमीनी हकीकत कमलनाथ सरकार के सभी दावों को सिरे से खारिज कर रही है. कटनी के नौनिहालों खंडहर स्कूल भवन में तालीम लेने को मजबूर हैं. अधिकारी और शिक्षा विभाग की उदासीनता के चलते छात्र मजबूरन जान जोखिम में डालकर जर्जर भवन में बैठते हैं. बावजूद जिम्मेदार आंखें मूंदकर बैठे हैं. पौड़ी गांव में मौजूद स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक ने इस नए भवन का प्रस्ताव ग्राम पंचायत में कई बार पास करा लिया है, लेकिन जनपद पंचायत और जिला पंचायत की लापरवाही के चलते हालत जस के तस हैं.

जर्जर स्कूल भवन


पौड़ी गांव में मौजूद यह स्कूल दूर से देखने पर किसी भूतिया हवेली जैसा नजर आता है. स्कूल भवन की हालत देखकर इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि कभी भी भवन भरभराकर गिर सकता है. शाम के वक्त यहां शराबियों का जमावड़ा भी लगना शुरू हो जाता है. स्कूल के शिक्षक इसकी शिकायत आला अधिकारियों से भी कर चुके हैं लेकिन शराबियों का आंतक कम होने का नाम नहीं ले रहा.

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जर्जर स्कूल भवन


इस पूरे मामले में बीआरसी विवेक दुबे ने जर्जर भवन का भौतिक सत्यापन कराने के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है. पिछले सालों में इस तरह के कई आश्वासन मिल चुके हैं. इसके बाद भी जिम्मेदारों ने स्कूल की सूरत बदलने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए. सरकारी मशीनरी और जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते इस स्कूल में नौनिहाल एक तर से मौत के साए में शिक्षा ले रहे हैं. ऐसे में सरकार को चाहिए की जल्द ही स्कूल का सूरते हाल बदल दिया जाए.

कटनी। मध्यप्रदेश सरकार भले ही शिक्षा व्यवस्था दुरूस्त होने के दावों पर अपनी पीट थपथपाती ले, लेकिन जमीनी हकीकत कमलनाथ सरकार के सभी दावों को सिरे से खारिज कर रही है. कटनी के नौनिहालों खंडहर स्कूल भवन में तालीम लेने को मजबूर हैं. अधिकारी और शिक्षा विभाग की उदासीनता के चलते छात्र मजबूरन जान जोखिम में डालकर जर्जर भवन में बैठते हैं. बावजूद जिम्मेदार आंखें मूंदकर बैठे हैं. पौड़ी गांव में मौजूद स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक ने इस नए भवन का प्रस्ताव ग्राम पंचायत में कई बार पास करा लिया है, लेकिन जनपद पंचायत और जिला पंचायत की लापरवाही के चलते हालत जस के तस हैं.

जर्जर स्कूल भवन


पौड़ी गांव में मौजूद यह स्कूल दूर से देखने पर किसी भूतिया हवेली जैसा नजर आता है. स्कूल भवन की हालत देखकर इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि कभी भी भवन भरभराकर गिर सकता है. शाम के वक्त यहां शराबियों का जमावड़ा भी लगना शुरू हो जाता है. स्कूल के शिक्षक इसकी शिकायत आला अधिकारियों से भी कर चुके हैं लेकिन शराबियों का आंतक कम होने का नाम नहीं ले रहा.

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जर्जर स्कूल भवन


इस पूरे मामले में बीआरसी विवेक दुबे ने जर्जर भवन का भौतिक सत्यापन कराने के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है. पिछले सालों में इस तरह के कई आश्वासन मिल चुके हैं. इसके बाद भी जिम्मेदारों ने स्कूल की सूरत बदलने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए. सरकारी मशीनरी और जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते इस स्कूल में नौनिहाल एक तर से मौत के साए में शिक्षा ले रहे हैं. ऐसे में सरकार को चाहिए की जल्द ही स्कूल का सूरते हाल बदल दिया जाए.

Intro:कटनी । मध्यप्रदेश में शिक्षा को लेकर पिछले 15 साल से भारतीय जनता पार्टी और उसके पूर्व लंबे समय तक कांग्रेस ने कितना कल्याण किया होगा , इसका उदाहरण कटनी जिले में देखने को मिलता है ,जहां नौनिहालों की बुनियादी शिक्षा खंडहर में चलाई जा रही है । जान जोखिम में डालकर स्कूल भवन में पढ़ने को मजबूर है । जो किसी भी समय भरभरा कर गिर सकती है । खंडहर में तब्दील को देखिए इसमें देश के नौनिहालों के भविष्य को गढ़ा जा रहा है । कटनी जिले के ग्राम पंचायत जुहिला पौड़ी स्कूल के सूरते हाल हैं । इस भवन को देख कर आप समझ सकते है कि किसी भूतिया हवेली से कम नहीं है । लेकिन यहां पर देश के मासूम बच्चे अपना भविष्य तय करने के लिए रोज पढ़ने आते हैं ।


Body:वीओ - स्कूल प्रबंधक की मुताबिक ग्राम पंचायत में उन्होंने कई बार इस स्कूल के जिम्मेदार का प्रस्ताव पास भी करवा लिया लेकिन जनपद पंचायत और जिला पंचायत की लापरवाही के चलते आज भी हालात जस के तस बने हुए हैं खास बात यह है कि देर शाम जारी स्कूल बंद हो जाता है उसी स्कूल में अपराधियों का जमावड़ा लगता है ।
इस स्कूल का ख्याल रखने का जन्म जलेबी आशिक के ऊपर भी है ,जिनकी निगरानी में तमाम स्कूल संचालित किए जाते हैं । बीआरसी विवेक दुबे ने बताया कि शहरी में क्षेत्र में जन शिक्षा केंद्र में जन शिक्षकों की भारी कमी है ।जिसके चलते इस तरह की जर्जर इमारतों की सूचना नहीं मिल पाती है जिसके चलते इनका कायाकल्प नहीं हो पा रहा है। लेकिन सूचना मिली है तो कर्मचारियों को भेज कर जांच करवाता हूं ।


Conclusion:फाईनल - प्रशासनिक लापरवाही का जिम्मा एक दूसरे पर थोप कर इस बड़ी लापरवाही से नहीं बचा जा सकता है जाहिर तौर पर प्रधानाध्यापक से लेकर बीआरसी और जनपद पंचायत से लेकर जिला पंचायत यह तमाम सरकारी मशीनरी के हिस्से हैं और यह गलतियों का खामियाजा तमाम मासूम बच्चों को भुगतना पड़ रहा है जो मौजूदा सरकार पर कई तरह के सवाल खड़ा करता है ।

बाईट - गणेश शंकर गर्ग - प्रभारी प्रधानाध्यापक
बाईट - विवेक दुबे - बीआरसी कटनी
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