कटनी। मध्यप्रदेश सरकार भले ही शिक्षा व्यवस्था दुरूस्त होने के दावों पर अपनी पीट थपथपाती ले, लेकिन जमीनी हकीकत कमलनाथ सरकार के सभी दावों को सिरे से खारिज कर रही है. कटनी के नौनिहालों खंडहर स्कूल भवन में तालीम लेने को मजबूर हैं. अधिकारी और शिक्षा विभाग की उदासीनता के चलते छात्र मजबूरन जान जोखिम में डालकर जर्जर भवन में बैठते हैं. बावजूद जिम्मेदार आंखें मूंदकर बैठे हैं. पौड़ी गांव में मौजूद स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक ने इस नए भवन का प्रस्ताव ग्राम पंचायत में कई बार पास करा लिया है, लेकिन जनपद पंचायत और जिला पंचायत की लापरवाही के चलते हालत जस के तस हैं.
पौड़ी गांव में मौजूद यह स्कूल दूर से देखने पर किसी भूतिया हवेली जैसा नजर आता है. स्कूल भवन की हालत देखकर इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि कभी भी भवन भरभराकर गिर सकता है. शाम के वक्त यहां शराबियों का जमावड़ा भी लगना शुरू हो जाता है. स्कूल के शिक्षक इसकी शिकायत आला अधिकारियों से भी कर चुके हैं लेकिन शराबियों का आंतक कम होने का नाम नहीं ले रहा.
इस पूरे मामले में बीआरसी विवेक दुबे ने जर्जर भवन का भौतिक सत्यापन कराने के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है. पिछले सालों में इस तरह के कई आश्वासन मिल चुके हैं. इसके बाद भी जिम्मेदारों ने स्कूल की सूरत बदलने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए. सरकारी मशीनरी और जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते इस स्कूल में नौनिहाल एक तर से मौत के साए में शिक्षा ले रहे हैं. ऐसे में सरकार को चाहिए की जल्द ही स्कूल का सूरते हाल बदल दिया जाए.