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छात्रों ने तैयार की 'साइकिल-स्कूटी'

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Published : Nov 20, 2019, 11:40 PM IST

कटनी जिले के सरस्वती स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों ने ऑटोमोबाइल्स टेक्नोलोजी के इस्तेमाल के लिए मिली ट्रेनिंग से 'साइकिल-स्कूटी' का निर्माण किया है.

'साइकिल-स्कूटी'

कटनी। अभी तक आपने स्कूली छात्रों को विज्ञान प्रदर्शनी में छोटे-मोटे मॉडल तैयार कर स्कूल में प्रदर्शनी लगाते देखा होगा. लेकिन कटनी जिले के सरस्वती स्कूल में पढ़ने वाले छात्र इससे कहीं और आगे निकल चुके हैं.
छात्र-छात्राओं को किताबों के साथ नई तकनीकी में प्रैक्टिकल कराने के उद्देश्य से सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों ने छात्रों को ऑटोमोबाइल्स टेक्नोलोजी के इस्तेमाल के लिए प्रशिक्षित किया है.

'साइकिल-स्कूटी'
ट्रेनिंग मिलने के बाद स्कूल के दो छात्रों ने साइकिल को स्कूटी में तब्दील कर दिया है. छात्रों ने साइकिल में 80 सीसी का इंजन लगा कर स्कूटी की तरह साइकिल को फर्राटे भरते हुए प्रदर्शित किया. छात्रों ने स्कूल में बने अटल टिंकरिंग लैब में प्रशिक्षण लिया और ये कारनामा कर दिखाया है.छात्र ओम और अंकित ने साइकिल को इस तरह से मॉडिफाई किया है की अब यह साइकिल स्कूटी की तरह दौड़ रही है. जबलपुर में एक वैज्ञानिक खोज प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें छात्र आपने निर्माणों की प्रस्तुत करेंगे. इस प्रतियोगिता में कटनी के छात्र ओम और अनिकेत अपनी 'साइकिल-स्कूटी' प्रस्तुत करेंगे. छात्रों का कहना है कि नई चीजें बनाना उन्होंने घर से ही सीखा है और विद्यालय में सुविधा मिलने से नई चीजों का निर्माण करने का मौका मिल रहा है. विद्यालयों में इस तरह की सुविधाएं उपलब्ध होने से होनहार छात्र आगे बढ़ रहे हैं.

कटनी। अभी तक आपने स्कूली छात्रों को विज्ञान प्रदर्शनी में छोटे-मोटे मॉडल तैयार कर स्कूल में प्रदर्शनी लगाते देखा होगा. लेकिन कटनी जिले के सरस्वती स्कूल में पढ़ने वाले छात्र इससे कहीं और आगे निकल चुके हैं.
छात्र-छात्राओं को किताबों के साथ नई तकनीकी में प्रैक्टिकल कराने के उद्देश्य से सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों ने छात्रों को ऑटोमोबाइल्स टेक्नोलोजी के इस्तेमाल के लिए प्रशिक्षित किया है.

'साइकिल-स्कूटी'
ट्रेनिंग मिलने के बाद स्कूल के दो छात्रों ने साइकिल को स्कूटी में तब्दील कर दिया है. छात्रों ने साइकिल में 80 सीसी का इंजन लगा कर स्कूटी की तरह साइकिल को फर्राटे भरते हुए प्रदर्शित किया. छात्रों ने स्कूल में बने अटल टिंकरिंग लैब में प्रशिक्षण लिया और ये कारनामा कर दिखाया है.छात्र ओम और अंकित ने साइकिल को इस तरह से मॉडिफाई किया है की अब यह साइकिल स्कूटी की तरह दौड़ रही है. जबलपुर में एक वैज्ञानिक खोज प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें छात्र आपने निर्माणों की प्रस्तुत करेंगे. इस प्रतियोगिता में कटनी के छात्र ओम और अनिकेत अपनी 'साइकिल-स्कूटी' प्रस्तुत करेंगे. छात्रों का कहना है कि नई चीजें बनाना उन्होंने घर से ही सीखा है और विद्यालय में सुविधा मिलने से नई चीजों का निर्माण करने का मौका मिल रहा है. विद्यालयों में इस तरह की सुविधाएं उपलब्ध होने से होनहार छात्र आगे बढ़ रहे हैं.
Intro:कटनी । अभी तक आपने स्कूली छात्रों को विज्ञान प्रदर्शनी में छोटे-मोटे मॉडल तैयार कर स्कूल में प्रदर्शनी लगाते देखा होगा , लेकिन शहर स्थित सरस्वती स्कूल के छात्र इससे कहीं और आगे निकल चुके हैं । छात्र छात्राओं को किताबों के साथ नई तकनीकी में प्रैक्टिकल कराने के उद्देश्य सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शिक्षको ने छात्रों को ऑटोमोबाइल्स तकनीक के इस्तेमाल के लिए प्रशिक्षित किया । यह प्रशिक्षण छात्रों को बड़ा कारगर साबित हुआ ।



Body:वीओ - जिसके बाद स्कूल के 2 छात्रों ने मिलकर साइकिल को स्कूटी में तब्दील कर दिया । छात्रों ने 80 सीसी का इंजन साइकिल में फिट कर स्कूटी की तरह साइकल को फर्राटे भरते हुए प्रदर्शित भी किया । बुधवार को छात्रों ने यह कारनामा अटल टिंकरिंग लैब जो स्कूल में बनाया गया है । वहीं से छात्रों ने शिक्षा ली और इस कारनामे से उन्हें जिला स्तर से राज्य और राष्ट्रीय स्तर मैं अपना हुनर दिखाने का मौका मिलेगा । जिसके लिए छात्रों द्वारा जीत और मेहनत भी की जा रही है ।


Conclusion:फाईनल - छात्रों द्वारा रॉबर्ट हवाई जहाज स्वचालित गांधी तैयार कर रहे हैं । आपको बता देती और अनिकेत नामक छात्रों द्वारा तैयार की गई स्कूटी का कल जबलपुर में प्रदर्शन किया जाएगा । बताया गया है कि जबलपुर में एक वैज्ञानिक खोज प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है , जिसमें छात्र आपने निर्माणों की प्रस्तुति प्रस्तुत करेंगे । छात्रों की यह उपलब्धि अचानक सामने नहीं आई है , बल्कि वह अपने घर में इलेक्ट्रानिक सामग्री के सुधार का कार्य पूर्व से करते आ रहे हैं । छात्रों का कहना है कि बनाना बिगड़ना उन्होंने घर से ही सीखा है और विद्यालय में सुविधा मिलने से छात्र अपनी किस्तमात का निर्माण भी कर रहे है । विद्यालयों में इस तरह की सुविधाएं उपलब्ध होने से होनहार छात्र आगे बढ़े और वैज्ञानिक भी बन सकते हैं , और देश के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि भी हो सकती है ।

बाईट - अनिकेत छात्र
बाईट - ओम - छात्र
बाईट - प्रमोद पांडे - लैब प्रमुख
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