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रेत माफिया महा नदी के बहाव को रोककर कर रहे अवैध उत्खनन

कटनी जिले में बड़वारा तहसील में पोकलेन मशीन के माध्यम से बेहाडी घाट में बीच नदी से रेत खनन का काम लगातार किया जा रहा है, वहीं इस ओर न प्रशासनिक अधिकारी ध्यान दे रहे हैं और न ही पुलिस.

Katni
नदी के बहाव को रोककर अवैध उत्खनन
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Published : Jan 24, 2021, 1:19 PM IST

कटनी। जिले के पुलिस अधीक्षक को प्रदेश के मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के साथ ही इसलिए तत्काल से प्रभाव से हटा दिया था कि जिले में खनिज के अवैध खनन को लेकर कार्रवाई नहीं हो रही थी. उसके बाद भी अधिकारियों की नजर मनमाने तरीके से नदी का दोहन करने वालों के तरफ नहीं पड़ रही है. ऐसी ही स्थिति बड़वारा तहसील में देखने को मिल रही है, जहां पर बेहाडी घाट में ठेकेदार द्वारा रेम्प बनाकर नदी को जहां दो भागों में बांट दिया गया है, तो वहीं ग्रामीणों के अनुसार लालपुर और गणेशपुर में खदान स्वीकृत होने के बाद भी मनमाने तरीके से पोकलेन मशीन के माध्यम से बेहाडी घाट में बीच नदी से रेत खनन का कार्य जारी है.

Katni
नदी के बहाव को रोककर अवैध उत्खनन

बदल गया नदी का स्वरुप

ग्रामीणों का कहना है कि नदी का स्वरूप बदल गया है, जिसके चलते मावेशी तक पानी नहीं पी सकते. ग्रामीणों ने बताया है कि गांव के अंदर से दिन-रात दौड़ रहे रेत के ओवरलोड डंफर ने भी परेशानी बढ़ा रखी है एक और धूल के कारण उनके खेतों में लगी फसलें बर्बाद हो रही है और दूसरी ओर दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. उनका कहना है कि ठेकेदार के कर्मचारियों से बात करने पर उनके द्वारा धमकाया भी जाता है.

महा नदी से रेत खनन के मामले में नियमों को ताक पर रखकर काम कर रहे ठेकेदार पर खनिज विभाग की पूरी तरह से मेहरबानी नजर आती है. बीच नदी में रेंम्प बना खनिज विभाग के अधिकारियों को ना तो नजर आ रहा है और ना ही मनमाने तरीके से किया जा रहा है खनन पर अंकुश लगाने का काम विभागीय अधिकारियों ने किया है. दूसरी ओर पुलिस भी ऐसे स्थानों से दूरी बनाए हुए हैं. बहरहाल इस पूरे मामले पर ईटीवी भारत की टीम ने माइनिंग अधिकारी संतोष सिंह बघेल से बात की तो उन्होंने कहा कि मुझे तो जानकारी ही नहीं है आज ही जानकारी मिली है तो जांच करा कर कार्रावई कराई जाएगी.

कटनी। जिले के पुलिस अधीक्षक को प्रदेश के मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के साथ ही इसलिए तत्काल से प्रभाव से हटा दिया था कि जिले में खनिज के अवैध खनन को लेकर कार्रवाई नहीं हो रही थी. उसके बाद भी अधिकारियों की नजर मनमाने तरीके से नदी का दोहन करने वालों के तरफ नहीं पड़ रही है. ऐसी ही स्थिति बड़वारा तहसील में देखने को मिल रही है, जहां पर बेहाडी घाट में ठेकेदार द्वारा रेम्प बनाकर नदी को जहां दो भागों में बांट दिया गया है, तो वहीं ग्रामीणों के अनुसार लालपुर और गणेशपुर में खदान स्वीकृत होने के बाद भी मनमाने तरीके से पोकलेन मशीन के माध्यम से बेहाडी घाट में बीच नदी से रेत खनन का कार्य जारी है.

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नदी के बहाव को रोककर अवैध उत्खनन

बदल गया नदी का स्वरुप

ग्रामीणों का कहना है कि नदी का स्वरूप बदल गया है, जिसके चलते मावेशी तक पानी नहीं पी सकते. ग्रामीणों ने बताया है कि गांव के अंदर से दिन-रात दौड़ रहे रेत के ओवरलोड डंफर ने भी परेशानी बढ़ा रखी है एक और धूल के कारण उनके खेतों में लगी फसलें बर्बाद हो रही है और दूसरी ओर दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. उनका कहना है कि ठेकेदार के कर्मचारियों से बात करने पर उनके द्वारा धमकाया भी जाता है.

महा नदी से रेत खनन के मामले में नियमों को ताक पर रखकर काम कर रहे ठेकेदार पर खनिज विभाग की पूरी तरह से मेहरबानी नजर आती है. बीच नदी में रेंम्प बना खनिज विभाग के अधिकारियों को ना तो नजर आ रहा है और ना ही मनमाने तरीके से किया जा रहा है खनन पर अंकुश लगाने का काम विभागीय अधिकारियों ने किया है. दूसरी ओर पुलिस भी ऐसे स्थानों से दूरी बनाए हुए हैं. बहरहाल इस पूरे मामले पर ईटीवी भारत की टीम ने माइनिंग अधिकारी संतोष सिंह बघेल से बात की तो उन्होंने कहा कि मुझे तो जानकारी ही नहीं है आज ही जानकारी मिली है तो जांच करा कर कार्रावई कराई जाएगी.

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