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कटनी में एक बार फिर मौसम ने ली करवट, हल्की बारिश ने किसानों के चेहरे पर आई खुशी

कटनी में हल्की बारिश के बाद किसानों के चेहरे खिल उठे हैं, वहीं मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक जिल में 10-12 दिन तक ऐसा मौसम बना रहेगा.

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Published : Feb 4, 2020, 7:03 PM IST

Updated : Feb 4, 2020, 7:56 PM IST

Rain in the katni
मौसम

कटनी। मंगलवार की सुबह से कटनी में अचानक मौसम ने करवट ली है. हवाओं के साथ आए बादलों ने धुंध के बीच बूंदाबांदी के बाद हल्की बरसात का दौर भी शुरू हो गया है. हल्की बरसात में बूंदाबांदी से किसानों के चेहरे भी खिल उठे.

मौसम ने ली करवट


कटनी जिले में सुबह से ही बारिश रुक-रुककर जारी है. साथ ही बादलों की आवाजाही के चलते मौसम में ठंड ने किसानों के चेहरे पर रौनक फिर से लौटा दी है. मौसम के इस बदलाव ने शहरवासियों को गर्म कपड़े पहनने और अलाव का सहारा लेने के लिए मजबूर कर दिया है.


लोगों का कहना है कि सर्दी के इस मौसम में यह बरसात ऐसे समय हुई है. जब किसानों को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी. क्योंकि जनवरी महीने के पहले सप्ताह में जबरदस्त कोहरे के बाद दिन के समय अचानक मौसम में आई तल्खी से किसानों की फसलें प्रभावित होने का डर बन गया था. वहीं कृषि अधिकारी ऐके राठौर का कहना है कि बूंदाबांदी को किसान कुदरत का एक तोहफा मान रहे हैं.


साथ ही उन्होंने यह कहा कि इस साल से रबी फसलों के लिए संजीवनी साबित होगी और रवि फसलें बेहतर ढंग से पोषक तत्व ग्रहण कर अपना विकास कर पाएंगी. उन्होंने कहा कि बरसात से किसानों का गेहूं व सरसों की फसल को खासा लाभ मिलेगा. इससे पिछले साल की तुलना में ज्यादा पैदावार होने की संभावना भी बन गई है. बरहाल इस तरह का मौसम 10 से 12 दिन और बना रह सकता है.

कटनी। मंगलवार की सुबह से कटनी में अचानक मौसम ने करवट ली है. हवाओं के साथ आए बादलों ने धुंध के बीच बूंदाबांदी के बाद हल्की बरसात का दौर भी शुरू हो गया है. हल्की बरसात में बूंदाबांदी से किसानों के चेहरे भी खिल उठे.

मौसम ने ली करवट


कटनी जिले में सुबह से ही बारिश रुक-रुककर जारी है. साथ ही बादलों की आवाजाही के चलते मौसम में ठंड ने किसानों के चेहरे पर रौनक फिर से लौटा दी है. मौसम के इस बदलाव ने शहरवासियों को गर्म कपड़े पहनने और अलाव का सहारा लेने के लिए मजबूर कर दिया है.


लोगों का कहना है कि सर्दी के इस मौसम में यह बरसात ऐसे समय हुई है. जब किसानों को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी. क्योंकि जनवरी महीने के पहले सप्ताह में जबरदस्त कोहरे के बाद दिन के समय अचानक मौसम में आई तल्खी से किसानों की फसलें प्रभावित होने का डर बन गया था. वहीं कृषि अधिकारी ऐके राठौर का कहना है कि बूंदाबांदी को किसान कुदरत का एक तोहफा मान रहे हैं.


साथ ही उन्होंने यह कहा कि इस साल से रबी फसलों के लिए संजीवनी साबित होगी और रवि फसलें बेहतर ढंग से पोषक तत्व ग्रहण कर अपना विकास कर पाएंगी. उन्होंने कहा कि बरसात से किसानों का गेहूं व सरसों की फसल को खासा लाभ मिलेगा. इससे पिछले साल की तुलना में ज्यादा पैदावार होने की संभावना भी बन गई है. बरहाल इस तरह का मौसम 10 से 12 दिन और बना रह सकता है.

Intro:कटनी । मंगलवार की सुबह से अचानक मौसम ने करवट ही है साथी हवाओं के साथ आए बादलों ने धुंध के बीच बूंदाबांदी के बाद हल्की बरसात का दौर भी शुरू हो गया है । हल्की बरसात में बूंदाबांदी से किसानों के चेहरे भी खिल उठेंगे । उल्लेखनीय है कि कटनी जिले में सुबह से शुरू हुई बरसात रुक रुक कर जारी रही साथ ही बादलों की आवाजाही के कारण मौसम में ठंड ने किसानों के चेहरे पर रौनक फिर से लौटा दी है । लेकिन शहर वासियों को गर्म कपड़े पहने व अलाव का सहारा लेने के लिए मजबूर कर दी है ।


Body:वीओ - लोगों का मानना है कि सर्दी के इस मौसम में यह बरसात ऐसे समय हुई है जब किसानों को इसकी सर्वाधिक जरूरत थी क्योंकि जनवरी माह के प्रथम सप्ताह में जबरदस्त कोहरे के बाद दिन के समय अचानक मौसम में आई तल्खी से किसानों की फसलें प्रभावित होने का भय बन गया था । इस बरसात के ठंड से भी राहत मिलेगी और फसलों का विकास होगा ।


Conclusion:फाईनल - कृषि अधिकारी का मानना है कि बूंदाबांदी को कुदरा का एक तोहफा किसान मान रहे हैं , साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि इस वर्षा से रबी फसलों के लिए संजीवनी साबित होगी , और रवि फसले बेहतर ढंग से पोषक तत्व ग्रहण कर अपना विकास कर पाएंगी । बरसात से किसानों का गेहूं व सरसों की फसल को खासा लाभ मिलेगा । इसके पिछले वर्ष की तुलना में अधिक पैदावार होने की संभावना भी बन गई है । बरहाल इस तरह का मौसम 10 से 12 दिन और बना रहेगा ।

बाईट - ऐ.के.राठौर - उप कृषि संचालक कटनी
Last Updated : Feb 4, 2020, 7:56 PM IST
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