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MP BJP Infighting:कटनी जिले के 4 पूर्व विधायक बगावत के मूड में, थाम सकते हैं कांग्रेस का दामन

मध्यप्रदेश में एक तरफ बीजेपी विधासनभा चुनाव की तैयारी में जुटी है तो वहीं उसे बगावत का भी सामना करना पड़ रहा है. अब कटनी जिले में 4 पूर्व विधायकों ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा पर निशाना साधा है. उपेक्षा से नाराज ये विधायक बीजेपी से नाता तोड़ने की तैयारी में हैं. बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में इन नेताओं की एंट्री बहुत जल्द हो सकती है.

4 former MLAs of Katni district in rebellion mood
MP BJP Infighting:कटनी जिले के 4 पूर्व विधायक बगावत के मूड में
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Published : May 30, 2023, 9:10 AM IST

MP BJP Infighting:कटनी जिले के 4 पूर्व विधायक बगावत के मूड में

कटनी। मध्यप्रदेश में आगामी चुनाव भाजपा के लिए मुश्किलों वाला साबित होने वाला है. बीजेपी में मची अंतर्कलह अब सामने आने लगी है. कटनी जिले में भी बीजेपी में बगावत के सुर बढ़ते जा रहे हैं. कटनी जिले में पूर्व विधायकों ने वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी पर नाराजगी जताई है. वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक कुंवर ध्रुव प्रताप सिंह, सुकीर्ति जैन, गिरिराज पोद्दार हो या फिर अलका जैन सभी एक सुर में नई भाजपा और पुरानी भाजपा के बीच बन चुकी खाई के दोषी प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा को बता रहे हैं.

पूर्व विधायक धुव्र प्रताप सिंह की पीड़ा : वरिष्ठ और दिग्गज नेताओ में शुमार कुंवर ध्रुव प्रताप सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. जिसमें वह अपने साथ हो रहे भेदभाव की राजनीति पर रोष जताते हुए कह रहे हैं "हमारा परिवार तीनों पीढ़ियों से राजनीति में है. 1980 में के दौर में पोलिंग एजेंट नहीं मिलते थे. हमने खून-पसीने से सींचकर पार्टी खड़ी की. जिले में विधायक से लेकर कई अहम पदों में रहकर जनसेवा की. लेकिन प्रदेशाध्यक्ष और विजयराघवगढ़ विधायक ने भाजपा को वन मैन आर्मी बना दिया है. भाजपा अपने मूलमंत्र "संगठन गढ़े चलो आगे बढ़े चलो" से भटक चुकी है. इससे भाजपा के वोटर्स काफी नाराज हैं. पिछले 7-8 वर्षों से मेरी अनदेखी के चलते अपनी व्यथा व्यक्त की है. क्योंकि नगर निगम से लेकर ग्रामीण चुनाव में मुझे कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई. हमें आउटडेटेड समझ लिया गया. जबकि हम अभी सक्षम हैं."

कांग्रेस में जाने के संकेत : कांग्रेस में जाने के संकेत देते हुए कुंवर ध्रुव प्रताप सिंह ने कहा "जब कांग्रेस के लोग भाजपा में आ सकते हैं तो भाजपा के कांग्रेस में क्यों नहीं जा सकते. अभी जनसेवा की इच्छा है." बता दें कि वर्ष 2003 में कांग्रेस के कैबिनेट मंत्री सतेंद्र पाठक को हराकर भाजपा की झोली में 15 हजार वोटों की जीत डालने वाले कुंवर ध्रुव प्रताप सिंह का नाम दिग्गजों नेताओं में शुमार होता है. बीजेपी में उनके साथ हो रही उपेक्षा से न सिर्फ ध्रुव प्रताप सिंह बल्कि वरिष्ठ नेत्री अलका जैन, पूर्व विधायक गिरिराज पोद्दार सहित सुकीर्ति जैन ने भी नाराजगी जताई है.

बीजेपी को भुगतना पड़ेगा खामियाजा : पूर्व विधायक अलका जैन और सुकीर्ति जैन की मानें तो वरिष्ठों को सत्ता की नहीं बल्कि सम्मान की भूख होती है और सरकार बनाने में नई पीढ़ी का जोश तो वरिष्ठों का अनुभव की आवश्कता पड़ती है. लेकिन मौजूदा हालात में दोनो पीढ़ी के बीच एक खाई बन चुकी है. जिसके जिम्मेदार प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा को बताया है. इसका खामियाजा सरकार को आने वाले चुनाव में हो सकता है. वहीं जब कांग्रेस में जाने के कयासों पर सवाल किए गए तो दोनों ही विधायको ने उचित अवसर आने की बात कही.

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दरकिनार करने से नाराजगी बढ़ी : वहीं, बीजेपी से निष्कासित पूर्व विधायक गिरिराज पोद्दार ने भी अपने साथ हुए छलावे की राजनीति का जिक्र किया. वह न सिर्फ भाजपा अपितु संघ से जुड़े होने के चलते खुलकर कांग्रेस में जाने की बात नहीं कहते लेकिन भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं और नेताओं की दरकिनार करने के बात से वह नाराज हैं. पूर्व विधायक गिरिराज पोद्दार ने बताया कि भाजपा ने मन बना लिया है, जिसे आना है वो आए जिसे जाना है वो जाए. ये एक तरह का अहंकार है. ये निर्णय संगठन का नहीं हो सकता. रही बात मेरी तो अन्य दल में जाना होता तो 2019 में ही चला जाता. मैं हिंदुत्व प्रेमी व्यक्ति इसलिए मैं कहीं जाने वाला नहीं. दरअसल, दो दिन पहले आधा सैकड़ा भाजपा के युवा मोर्चा के नेता सहित सदस्यों ने युवा कांग्रेस अध्यक्ष अंशु मिश्रा के हाथों सदस्यता ग्रहण की है. ये तमाम संकेत बीजेपी के लिए अशुभ दिखाई पड़ रहे हैं.

MP BJP Infighting:कटनी जिले के 4 पूर्व विधायक बगावत के मूड में

कटनी। मध्यप्रदेश में आगामी चुनाव भाजपा के लिए मुश्किलों वाला साबित होने वाला है. बीजेपी में मची अंतर्कलह अब सामने आने लगी है. कटनी जिले में भी बीजेपी में बगावत के सुर बढ़ते जा रहे हैं. कटनी जिले में पूर्व विधायकों ने वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी पर नाराजगी जताई है. वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक कुंवर ध्रुव प्रताप सिंह, सुकीर्ति जैन, गिरिराज पोद्दार हो या फिर अलका जैन सभी एक सुर में नई भाजपा और पुरानी भाजपा के बीच बन चुकी खाई के दोषी प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा को बता रहे हैं.

पूर्व विधायक धुव्र प्रताप सिंह की पीड़ा : वरिष्ठ और दिग्गज नेताओ में शुमार कुंवर ध्रुव प्रताप सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. जिसमें वह अपने साथ हो रहे भेदभाव की राजनीति पर रोष जताते हुए कह रहे हैं "हमारा परिवार तीनों पीढ़ियों से राजनीति में है. 1980 में के दौर में पोलिंग एजेंट नहीं मिलते थे. हमने खून-पसीने से सींचकर पार्टी खड़ी की. जिले में विधायक से लेकर कई अहम पदों में रहकर जनसेवा की. लेकिन प्रदेशाध्यक्ष और विजयराघवगढ़ विधायक ने भाजपा को वन मैन आर्मी बना दिया है. भाजपा अपने मूलमंत्र "संगठन गढ़े चलो आगे बढ़े चलो" से भटक चुकी है. इससे भाजपा के वोटर्स काफी नाराज हैं. पिछले 7-8 वर्षों से मेरी अनदेखी के चलते अपनी व्यथा व्यक्त की है. क्योंकि नगर निगम से लेकर ग्रामीण चुनाव में मुझे कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई. हमें आउटडेटेड समझ लिया गया. जबकि हम अभी सक्षम हैं."

कांग्रेस में जाने के संकेत : कांग्रेस में जाने के संकेत देते हुए कुंवर ध्रुव प्रताप सिंह ने कहा "जब कांग्रेस के लोग भाजपा में आ सकते हैं तो भाजपा के कांग्रेस में क्यों नहीं जा सकते. अभी जनसेवा की इच्छा है." बता दें कि वर्ष 2003 में कांग्रेस के कैबिनेट मंत्री सतेंद्र पाठक को हराकर भाजपा की झोली में 15 हजार वोटों की जीत डालने वाले कुंवर ध्रुव प्रताप सिंह का नाम दिग्गजों नेताओं में शुमार होता है. बीजेपी में उनके साथ हो रही उपेक्षा से न सिर्फ ध्रुव प्रताप सिंह बल्कि वरिष्ठ नेत्री अलका जैन, पूर्व विधायक गिरिराज पोद्दार सहित सुकीर्ति जैन ने भी नाराजगी जताई है.

बीजेपी को भुगतना पड़ेगा खामियाजा : पूर्व विधायक अलका जैन और सुकीर्ति जैन की मानें तो वरिष्ठों को सत्ता की नहीं बल्कि सम्मान की भूख होती है और सरकार बनाने में नई पीढ़ी का जोश तो वरिष्ठों का अनुभव की आवश्कता पड़ती है. लेकिन मौजूदा हालात में दोनो पीढ़ी के बीच एक खाई बन चुकी है. जिसके जिम्मेदार प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा को बताया है. इसका खामियाजा सरकार को आने वाले चुनाव में हो सकता है. वहीं जब कांग्रेस में जाने के कयासों पर सवाल किए गए तो दोनों ही विधायको ने उचित अवसर आने की बात कही.

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