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घर में रखा था शव फिर भी प्रशासन ने चला दिया बुलडोजर!, कलेक्टर ने बताया झूठ

कमलनाथ सरकार भू माफिया के खिलाफ 'आपरेशन क्लीन' अभियान चला रही है. कटनी में इस अभियान की एक हैरान कर देने वाली तस्वीर सामने आई है. मामला सामने आने के बाद बवाल मचा हुआ है.

katni administration broke the house
घर में रखा था शव फिर भी प्रशासन ने चला दिया बुल्डोजर !
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Published : Jan 3, 2020, 4:37 PM IST

कटनी। कमलनाथ सरकार भू माफियाओं के खिलाफ 'ऑपरेशन क्लीन' चला रही है. इस अभियान के तहत सरकारी जमीनों को अतिक्रमण से मुक्त कराया जा रहा है. कटनी से इस अभियान की हैरान करने वाली तस्वीर सामने आयी है, जहां प्रशासन ने मानवता को शर्मसार करने वाली कार्रवाई को अंजाम दिया है. 28 दिसंबर को माफिया दमन दल द्वारा स्लीमनाबाद में अतिक्रमण के खिलाफ की गई कार्रवाई पर बवाल मचा हुआ है.

घर में रखा था शव फिर भी प्रशासन ने चला दिया बुल्डोजर !

आरोप है कि जिन घरों को जमींदोज किया गया, उनमें से एक घर में शव रखा हुआ था. पीड़ित परिवार के आग्रह के बाद भी प्रशासनिक अधिकारियों ने मकान पर बुलडोजर चला दिया. परिजनों का आरोप है कि उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों से अंतिम संस्कार के लिए कई मिन्नतें की, लेकिन अधिकारी नहीं मानें और मकान तोड़ दिया.

मीडिया में खबर आने के बाद जिला कलेक्टर ने पीड़त परिवार के सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. कलेक्टर ने कहा कि शकुन बाई की सास का 18 दिसंबर को निधन हुआ था, जबकि कार्रवाई 28 दिसंबर को की गई है.मकान खाली करने के लिए शुकन बाई को दो दिन का वक्त दिया गया था.

कलेक्टर ने कहा कि जिन मकानों को गिराया गया वो सरकारी जमीन में बने थे. ठंड को देखते हुए प्रशासन ने पीड़ित परिवारों को सरकारी भवन में शिफ्ट कराया है. वहीं दूसरी तरफ जिन लोगों के मकान तोड़े गए, उनका आरोप है कि उन्हें किसी भी प्रकार की मदद नहीं दी गई. कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के बीच उन्होंने रात गुजारी.

कटनी। कमलनाथ सरकार भू माफियाओं के खिलाफ 'ऑपरेशन क्लीन' चला रही है. इस अभियान के तहत सरकारी जमीनों को अतिक्रमण से मुक्त कराया जा रहा है. कटनी से इस अभियान की हैरान करने वाली तस्वीर सामने आयी है, जहां प्रशासन ने मानवता को शर्मसार करने वाली कार्रवाई को अंजाम दिया है. 28 दिसंबर को माफिया दमन दल द्वारा स्लीमनाबाद में अतिक्रमण के खिलाफ की गई कार्रवाई पर बवाल मचा हुआ है.

घर में रखा था शव फिर भी प्रशासन ने चला दिया बुल्डोजर !

आरोप है कि जिन घरों को जमींदोज किया गया, उनमें से एक घर में शव रखा हुआ था. पीड़ित परिवार के आग्रह के बाद भी प्रशासनिक अधिकारियों ने मकान पर बुलडोजर चला दिया. परिजनों का आरोप है कि उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों से अंतिम संस्कार के लिए कई मिन्नतें की, लेकिन अधिकारी नहीं मानें और मकान तोड़ दिया.

मीडिया में खबर आने के बाद जिला कलेक्टर ने पीड़त परिवार के सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. कलेक्टर ने कहा कि शकुन बाई की सास का 18 दिसंबर को निधन हुआ था, जबकि कार्रवाई 28 दिसंबर को की गई है.मकान खाली करने के लिए शुकन बाई को दो दिन का वक्त दिया गया था.

कलेक्टर ने कहा कि जिन मकानों को गिराया गया वो सरकारी जमीन में बने थे. ठंड को देखते हुए प्रशासन ने पीड़ित परिवारों को सरकारी भवन में शिफ्ट कराया है. वहीं दूसरी तरफ जिन लोगों के मकान तोड़े गए, उनका आरोप है कि उन्हें किसी भी प्रकार की मदद नहीं दी गई. कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के बीच उन्होंने रात गुजारी.

Intro:कटनी - मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार भूमाफिया के खिलाफ अभियान चला रही है आपरेशन क्लीन। लेकिन कटनी में इस अभियान की हैरान कर देने वाली तस्वीर सामने आई है। कटनी में प्रशासन ने मानवता को शर्मसार कर देने वाली कार्रवाई को अंजाम दिया है। दरअसल बीते शनिवार को कटनी जिले के स्लीमनाबाद में माफिया दमन दल ने सरकारी जमीं पर बने कई कच्चे-पक्के मकान तोड़ दिए और इस कड़ाके की ठंड में गरीबो को बेघर कर दिया। जिस वक्त माफिया दमन दल यह कार्यवाही कर रहा था, उस दिन एक घर में एक महिला की मौत हो गई थी और शव घर मे रख था। परिजनों का आरोप है कि अधिकारियों और कर्मचारियों से मिन्नत की कि क्रिया करम की मौहलत दे दीजिए, उसके बाद वह घर खाली कर देंगी, लेकिन किसी ने एक न सुनी और घर पर बुलडोजर चला दिया । यह बात तब सामने आई जब कड़ाके की इस ठंड में बेघर हुए लोगो का मीडिया हाल जानने पहुंचा। हालाँकि मिडिया में खबर चलने के बाद मचे बवाल के बीच कटनी कलेक्टर ने महिला के आरोप को सिरे से नकार दिया है। Body:वी /ओ 1 : ये वो गरीब है, जिनके मकान चार पांच दिन दिन पहले भूमाफियाओं के विरुद्ध कार्यवाही के नाम बुलडोजर चला कर जमीदोज कर दिए गए। ठिठुरन भरी ठण्ड में इन परिवारों को कटनी जिला प्रशासन ने पहले बेघर कर दिया है। पेड़ के नीचे खुले आसमान में रात गुजार रहे इन लोंगो का हम हाल जान रहे थे तभी हमारी मुलाकात शकुन बाई चौधरी से हुई तो रौंगटे खड़े कर देने वाला सच सामने आया। उन्होंने बताया कि जिस दिन प्रशासन घर तोड़ने पहुँचा था उस दिन उनकी सास का निधन हो गया था शव घर पर ही रखा था, बार-बार मिन्नते करते रहे बावजूद इसके कोई सुनवाई नहीं हुई। निर्दय और निष्ठुर प्रशासन ने अंतिम संस्कार तक का मौका नही दिया और तोड़ दिया मकान। कड़ाके की ठंड में एक परिवार के लोगां के पेड़ के नीचे आग जलाकर रात काटते दिखाई दिए। हालाँकि प्रश्न ने खबर को गलत बताते हए ऐसे किसी मामले से इंकार किया है।
Conclusion:फाईनल - ट्रांस्क्रिप्ट : हमारे पास कुछ नहीं है बीस साल से यहाँ रह रहे थे कोई सुनइ नहीं हुई हमारे घर द्वार टूट गए है ------ सास ख़त्म भई है मिटटी डली रही है फिर भी नई माने कोनों ऐसे में उठा के मिटटी ले गए हो ------ जिस दिन माकन तोडा है उस दिन घर में लाश पड़ी थी सास ख़त्म हो गई थी।
बाइट : शकुन बाई ( पीड़ित )
बाईट : पीड़ित

ट्रांस्क्रिप्ट : शकुन बाई के आरोप को जिला प्रशासन ने झूंठा बताते हुए कहा कि महिला के सास का निधन अठारह दिसंबर को हो गया था और करवाई अठाइस दिसंबर को की गई उसके यहाँ दसवा था तो उसे दो दिन का समय दिया गया था उसने खुद अपने हाथों से माकन के अतिक्रमण को हटाया था।
बाइट : शशि भूषण सिंह ( कलेक्टर कटनी )
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