कटनी । देश में सरकार ने ग्रामीण गरीबों को रोजगार देने और आजीविका चलाने के उद्देश्य से मनरेगा योजना को शुरू किया था. लेकिन ये योजना अब दम तोड़ती नजर आ रही है. यहां अब इतना भ्रष्टाचार हो गया है क्योंकि गरीब के बजाय शासकीय कर्मचारी इनकी जगह लेने लगे हैं. यह खुलासा तब हुआ जब जॉब कार्ड में सरकारी कर्मचारियों के नाम देखे गए.
मास्टर रिकॉर्ड में खुलासा
ग्राम बिछुआ के मनरेगा के मास्टर रिकॉर्ड से खुलासा हुआ कि गांव के ही ऐसे दो लोग जो शासकीय विभाग में नौकरी कर रहे हैं और उनके नाम से फर्जीवाड़ा कर मनरेगा मस्टर रोल में दर्ज मजदूरों की सूची में नाम शामिल भी कर रहे हैं. यहीं नहीं मजदूरी का भुगतान भी सरकारी कर्मचारियों के बैंक खाते में किया गया है. मामला तब सामने आया जब बिछुआ के नरेंद्र वल्द रामाधार का नाम आया. दूसरा मामला रश्मि का है जो मास्टर रिकॉर्ड में क्रमांक 109 में है और शासकीय विभाग में शिक्षक पद पर पदस्थ हैं.
नाबालिग बच्चों के भी जोड़ दिए नाम
तीसरा मामला मनरेगा में ग्राम बिछुआ में नाबालिग बच्चों के भी नाम दर्ज होने की बात सामने आई है. एक के बाद एक कई फर्जीवाड़े करने का आरोप जीआरएस सहायक सचिव शैलेष मिश्रा पर है. आरोप है कि शैलेष मिश्रा ने सरकार के मनरेगा योजना का लाभ सरकारी कर्मचारियों को दिया है, सहायक सचिव शैलेष मिश्रा का कारनामा उजागर हो गया. इस पूरे प्रकरण का खुलासा गांव के ही रहवासी विनोद कुमार मिश्रा ने पंचायत आकर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जगदीश चंद्र गोमे को लिखित शिकायत कर किया.
भ्रष्टाचारियों पर होगी कार्रवाई, वसूली जाएगी रकम
इस मामले में जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी C.E.O. जगदीश चंद्र गोमे से शिकायत की गई. सीईओ ने कहा कि तीन दिन में पूरी जांच कर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ जांच रिपोर्ट आने पर कार्रवाई और रकम वसूली की जाएगी.