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कोयला डस्ट से किसानों की फसलें हुई काली, उपजाऊ जमीन बनीं बंजर - कोयला प्लांट

कटनी जिले की बड़वारा तहसील में कोयला प्लांट और क्रेशर खदानों से उड़ने वाली डस्ट के कारण तहसील के कई गांवों में किसानों की फसल पर असर हो रहा है, इस डस्ट के कारण उनकी उपजाऊ जमीन बंजर हो रही है.

Land is barren due to dust of coal plant in Barwara
कोयला प्लांट की डस्ट से जमीन बंजर
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Published : Nov 13, 2020, 6:15 PM IST

कटनी। बड़वारा तहसील में संचालित कोयला प्लांट और क्रेशर खदानों से उड़ने वाली डस्ट के कारण रुपौध व इसके आसपास लगे गांवों के किसानों को उनकी उपजाऊ कृषि भूमि के बंजर होने की चिंता सता रही है, जिसे किसानों ने अपना खून पसीना बहा कर उपजाऊ बनाया था. बड़वारा रेलवे स्टेशन के पास रुपौध सहित आसपास के गांव में इन दिनों धान की कटाई की जा रही है, लेकिन लागत के अनुसार किसानों को खेती में लगातार घाटा हो रहा है. दोनों कृषि माहो में उन्हें सिर्फ नुकसान ही झेलना पड़ रहा है. जिसका कारण है यहां संचालित कोयला व क्रेशर प्लांट से निकलने वाली महीन डस्ट.

कोयला प्लांट की डस्ट से जमीन बंजर
यहां तक की डस्ट सिर्फ किसानों के खेत बंजर ही नहीं बल्कि क्षेत्र के लोगों को बीमार भी कर रही है, ग्रामीणों ने इसकी शिकायत भी की लेकिन नतीजा सिफर रहा. क्षेत्र की महिला कृषक जानकी चौहान ने बताया कि डस्ट के कारण लोग बीमार हो रहे हैं. वहीं उनकी धान की फसल पर आधे हिस्से में बारीक धूल व कोयले की डस्ट जमी हुई है. उनका कहना है कि किसानों ने शासन प्रशासन से कई बार शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. अगर यही हाल रहा तो क्षेत्र के अधिकांश किसानों को खेती करना बंद करना पड़ेगा, उनकी उपजाऊ भूमि इस डस्ट से बंजर होने की कगार पर पहुंच चुकी है.बड़वारा से रूपा नवा बछवारा मार्ग से हाईवा और कोयला लोड ट्रकों का दिन-रात आवागमन होता है. इसी मार्ग से स्कूली बच्चों का आवागमन भी होता है जिनकी यूनिफॉर्म डस्ट के कारण खराब होती है. इसके साथ ही सड़क में गड्ढों के कारण आए दिन स्कूली छात्र छात्राएं दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं.

वहीं एक प्राथमिक स्कूल भी संचालित है यहां पढ़ने वाले छात्र छात्राएं कक्षा के अंदर डस्ट आने के कारण परेशान होते हैं, और बच्चे आए दिन बीमार भी हो रहे हैं, लेकिन इसके बाद ही कोई प्रयास अब शासन प्रशासन द्वारा नहीं किया जा रहा है. आलम यह है कि नियमों को ताक पर रखकर क्रेशर खदानों और कोयला प्लांट संचालक धड़ल्ले से काम कर रहे हैं.

कटनी। बड़वारा तहसील में संचालित कोयला प्लांट और क्रेशर खदानों से उड़ने वाली डस्ट के कारण रुपौध व इसके आसपास लगे गांवों के किसानों को उनकी उपजाऊ कृषि भूमि के बंजर होने की चिंता सता रही है, जिसे किसानों ने अपना खून पसीना बहा कर उपजाऊ बनाया था. बड़वारा रेलवे स्टेशन के पास रुपौध सहित आसपास के गांव में इन दिनों धान की कटाई की जा रही है, लेकिन लागत के अनुसार किसानों को खेती में लगातार घाटा हो रहा है. दोनों कृषि माहो में उन्हें सिर्फ नुकसान ही झेलना पड़ रहा है. जिसका कारण है यहां संचालित कोयला व क्रेशर प्लांट से निकलने वाली महीन डस्ट.

कोयला प्लांट की डस्ट से जमीन बंजर
यहां तक की डस्ट सिर्फ किसानों के खेत बंजर ही नहीं बल्कि क्षेत्र के लोगों को बीमार भी कर रही है, ग्रामीणों ने इसकी शिकायत भी की लेकिन नतीजा सिफर रहा. क्षेत्र की महिला कृषक जानकी चौहान ने बताया कि डस्ट के कारण लोग बीमार हो रहे हैं. वहीं उनकी धान की फसल पर आधे हिस्से में बारीक धूल व कोयले की डस्ट जमी हुई है. उनका कहना है कि किसानों ने शासन प्रशासन से कई बार शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. अगर यही हाल रहा तो क्षेत्र के अधिकांश किसानों को खेती करना बंद करना पड़ेगा, उनकी उपजाऊ भूमि इस डस्ट से बंजर होने की कगार पर पहुंच चुकी है.बड़वारा से रूपा नवा बछवारा मार्ग से हाईवा और कोयला लोड ट्रकों का दिन-रात आवागमन होता है. इसी मार्ग से स्कूली बच्चों का आवागमन भी होता है जिनकी यूनिफॉर्म डस्ट के कारण खराब होती है. इसके साथ ही सड़क में गड्ढों के कारण आए दिन स्कूली छात्र छात्राएं दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं.

वहीं एक प्राथमिक स्कूल भी संचालित है यहां पढ़ने वाले छात्र छात्राएं कक्षा के अंदर डस्ट आने के कारण परेशान होते हैं, और बच्चे आए दिन बीमार भी हो रहे हैं, लेकिन इसके बाद ही कोई प्रयास अब शासन प्रशासन द्वारा नहीं किया जा रहा है. आलम यह है कि नियमों को ताक पर रखकर क्रेशर खदानों और कोयला प्लांट संचालक धड़ल्ले से काम कर रहे हैं.

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