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अष्टमी पर मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, विधि-विधान से किया गया पूजन

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Published : Oct 24, 2020, 4:33 PM IST

शारदीय नवरात्रि की अष्टमी पर देवी मां के मंदिरों में श्रद्धालुओं का सुबह से ही तांता लगा रहा. महिलाओं ने मां की पूरी विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की.

Crowd of devotees gathered in the temple
मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

कटनी। शारदीय नवरात्र की अष्टमी पर शनिवार को शहर के देवी मंदिरों में भी भक्तों की भीड़ उमड़ी. मंदिरों में देवी मां का भव्य श्रृंगार किया गया. अष्टमी पर देवी मां के दर्शन और पूजन के लिए मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा. व्रत पूजन के साथ श्रद्धालुओं ने मां जालपा देवी की आराधना की. इस दौरान मंदिर में लगातार सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के उपयोग करने को लेकर एनाउंसमेंट होता रहा.

मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

शहर के शक्तिपीठ प्रसिद्ध भूमि प्रगट मां जालपा देवी ,ज्वालामुखी, मां चामुंडा ,शीतला देवी मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. भक्तों ने मां को सिंगार अर्पित किया और सुख समृद्धि की कामना की साथ ही वैश्विक महामारी को खत्म करने के लिए श्रद्धालुओं ने प्रार्थना की.

अष्टमी तिथि का क्यों होता है ज्यादा महत्व

नवरात्रि के नौ दिनो तक मां की चौकी लगाकर उनकी पूजा अर्चना की जाती है. इन नौ दिनों के दौरान भक्त मां को प्रसन्न करने और उनकी कृपा दृष्टि पाने के लिए व्रत करते हैं. नवरात्रि के नौ दिन तक व्रत किया जाता है. अष्टमी तिथि को हवन होता है और नवमी वाले दिन कंजक पूजन के साथ नवरात्रि का समापन हो जाता है. जिसके बाद नवरात्रि के व्रत का पारण किया जाता है. अष्टमी तिथि को दुर्गाष्टमी कहा जाता है, इस तिथि का बहुत महत्व माना गया है.

कटनी। शारदीय नवरात्र की अष्टमी पर शनिवार को शहर के देवी मंदिरों में भी भक्तों की भीड़ उमड़ी. मंदिरों में देवी मां का भव्य श्रृंगार किया गया. अष्टमी पर देवी मां के दर्शन और पूजन के लिए मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा. व्रत पूजन के साथ श्रद्धालुओं ने मां जालपा देवी की आराधना की. इस दौरान मंदिर में लगातार सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के उपयोग करने को लेकर एनाउंसमेंट होता रहा.

मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

शहर के शक्तिपीठ प्रसिद्ध भूमि प्रगट मां जालपा देवी ,ज्वालामुखी, मां चामुंडा ,शीतला देवी मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. भक्तों ने मां को सिंगार अर्पित किया और सुख समृद्धि की कामना की साथ ही वैश्विक महामारी को खत्म करने के लिए श्रद्धालुओं ने प्रार्थना की.

अष्टमी तिथि का क्यों होता है ज्यादा महत्व

नवरात्रि के नौ दिनो तक मां की चौकी लगाकर उनकी पूजा अर्चना की जाती है. इन नौ दिनों के दौरान भक्त मां को प्रसन्न करने और उनकी कृपा दृष्टि पाने के लिए व्रत करते हैं. नवरात्रि के नौ दिन तक व्रत किया जाता है. अष्टमी तिथि को हवन होता है और नवमी वाले दिन कंजक पूजन के साथ नवरात्रि का समापन हो जाता है. जिसके बाद नवरात्रि के व्रत का पारण किया जाता है. अष्टमी तिथि को दुर्गाष्टमी कहा जाता है, इस तिथि का बहुत महत्व माना गया है.

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