कटनी। जिले में मिशनरी स्कूल में धर्मांतरण कराने का मामला समाने आया है. बताया जा रहा है कि मिशनरी संस्था ने 4 नाबालिग बच्चों को क्रिश्चन में कन्वर्ट करने की कोशिश की थी. वहीं बच्चों से जबरदस्ती ईसाई प्रार्थना कराए जाने की भी बात सामने आ रही है. मामले में राष्ट्रीय बाल आयोग ने एफआईआर दर्ज करवा दी है. आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो का कहना है कि वह कटनी में ही रुके हैं. इस पूरे मामले की तहकीकात और इसे उजागर कर ही मानेंगे.
बच्चों से जबरन कराई जाती है ईसाई प्रार्थना: पूरा मामला कटनी जिले के झिंझरी क्षेत्र का है, जहां लंबे समय से एससी-एसटी के बच्चों को स्कूल में खेल से लेकर पढ़ाई-लिखाई में परेशान करते हुए क्रिश्चियन धर्म को अपनाने का दबाव डाला जाता रहा है. कानूनगो ने बताया कि उन्हें कुछ बच्चों ने शिकायत कराई थी कि कटनी में एक मिशनरी स्कूल द्वारा जबरदस्ती उनसे मिशनरी से जुड़ी प्रार्थनाएं कराई जाती हैं. इस दौरान उन्होंने जब वहां का औचक निरीक्षण किया तो इन्हें भी वहां बच्चों के पास से ईसाई धर्म से जुड़ी पुस्तकें प्राप्त हुई. जानकारी में यहां मौजूद बच्चियों ने बताया कि आदिवासी छात्र-छात्राओं को जबरदस्ती यह प्रार्थनाएं कराई जाती हैं और उन्हें खेल और परीक्षा आदि में फेल करने व परेशान करने की धमकियां भी दी जाती है. बच्चियों से कहा जाता है कि अगर यह प्रार्थना ही नहीं करेंगी तो उन्हें अन्य गतिविधियों में नहीं रखा जाएगा, फेल कर दिया जाएगा.
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प्रियंक कानूनगो ने कराई एफआईआर: इसके बाद प्रियंक कानूनगो ने यहां के थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. कानूनगो ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि हमने इस पूरे मामले में गंभीरता के साथ एफआईआर भी कराई है, क्योंकि लगातार मिशनरी स्कूल द्वारा धर्म परिवर्तन की शिकायतें मिल रही थी. ऐसे में आदिवासी छात्रों को यहां पर जबरदस्ती मिशनरी से जुड़ी प्रार्थनाएं कराई जा रही थी. कानूनगो का कहना है कि इस मामले में फिलहाल वो कटनी में ही रुकेंगे. जब तक इस पूरे मामले में तथ्य सामने नहीं आ जाते और ऐसा करने वालों पर कार्रवाई नहीं हो जाती वह कटनी में ही रहेंगे.