झाबुआ। आदिवासी बाहुल्य जिले झाबुआ में सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली देने का दावा करने वाली कमलनाथ सरकार वादे पूरा करने में विफल नजर आ रही है. ग्रामीणों और किसानों से हजारों रुपए के बिलों का भुगतान कराने के बावजूद गांव में बिजली आपूर्ति नहीं की जा रही है, जिसके चलते ब्लैक आउट की स्थिति है.
गांव में ट्रांसफॉर्मर कई महीनों से खराब पड़े हैं, जिन्हें अभी तक सुधारा नहीं गया है. किसानों को गेहूं और चने की फसल की सिंचाई करने के लिए बिजली चाहिए, लेकिन गांवों में बिजली गुल है. पहले अतिवृष्टि के चलते किसानों की फसलें बर्बाद हो गई और अब बिजली आपूर्ति नहीं होने के चलते किसान मायूस होने लगे हैं. ग्रामीण अपने खर्च पर निजी वाहन से ट्रांसफर्मर लेने के लिए बिजली कंपनी के धक्के खा रहे हैं, लेकिन अधिकारी सुनने को तैयार नहीं हैं. वहीं गांव में ट्रांसफॉर्मर भी नहीं लगाया जा रहा है.
एक ओर मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने किसानों को सिंगल बत्ती कनेक्शन के साथ इंदिरा ज्योति योजना में बिजली हाफ करने का दावा किया था, लेकिन झाबुआ के कई गांवों में किसानों को सिंचाई के लिए बिजली नहीं मिल रही है, साथ ही बच्चों को अंधेरे में पढ़ाई करनी पड़ रही है. जहां थोड़ी-बहुत बिजली पहुंच भी रही है, वहां के लोग भारी भरकम बिजली बिल से परेशान हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती को लेकर विभागीय अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं. वहीं बीजेपी ने इस मामले में सुधार नहीं होने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है.