ETV Bharat / state

तपती दोपहरी में पानी के लिए संघर्ष कर रहे ग्रामीण, गर्भवती महिलाएं तय कर रही मीलों का सफर

जिले के कई क्षेत्रों में पानी की समस्या बनी हुई है. जिस कारण ग्रामीणों को बूंद-बूंद पानी के लिए संघर्ष कर पड़ रहा है. वहीं गर्भवती महिलाएं कई किलोमीटर दूर से पानी लाने को मजबूर हैं.

तपती दोपहरी में पानी के लिए संघर्ष करती महिलाएं
author img

By

Published : Jun 6, 2019, 1:08 PM IST

झाबुआ। जिले में पानी की भारी किल्लत है. इसके कारण जून की तपती धूप में भी महिलाएं पानी के लिए कई किलोमीटर दूर का सफर करने को मजबूर हैं. ग्रामीण महिलाएं अपना सारा समय पानी भरने में खर्च कर रही हैं. जिले के ग्रामीण अंचलों में जल व्यवस्था दुरुस्त करने में जिला प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है. जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में जलसंकट के बावजूद ना तो पीएचई और ना ही जिला प्रशासन ग्रामीणों को पीने लायक पानी उपलब्ध करा पा रहा है. जिसके चलते लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

भीषण गर्मी में जिले के गड़वाड़ा में पानी नहीं होने के कारण छोटे बच्चे से लेकर गर्भवती महिलाएं तक कई किलोमीटर दूर से पानी लाने को मजबूर हैं. बता दें कि नवनिर्वाचित सांसद गुमान सिंह डामोर अपने भतीजे के घर आ रहे हैं. ऐसे में उनके घर के पीछे लगे कतीजा फलिया (मोहल्ला) होली फलिया, निनामा फलिया, सहित अन्य मोहल्लों में लगे करीब आधा दर्जन से ज्यादा हैंडपंप सूखे पड़े हुए हैं. ग्रामीणों ने इसकी सूचना संबंधित पंचायत और ठेकेदार को भी दी है, मगर ना तो प्रशासन ने हैंडपंप दुरुस्त कराया और ना ही ग्रामीणों के लिए पीने का पानी उपलब्ध कराया.

तपती दोपहरी में पानी के लिए संघर्ष करती महिलाएं

वहीं पीने के पानी के लिए इन मोहल्लेवासियों को लगभग डेढ़ से 2 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है. मोहल्ले के बच्चे, महिलाएं और पुरुष भी दिनभर पानी के बर्तन लेकर पानी भरते नजर आ जाएंगे. इस मामले में पीएचई के अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन पिछले पखवाड़े से अधिकारी फील्ड में होने का बहाना बनाकर कैमरे के सामने आने से बच रहे हैं.

झाबुआ। जिले में पानी की भारी किल्लत है. इसके कारण जून की तपती धूप में भी महिलाएं पानी के लिए कई किलोमीटर दूर का सफर करने को मजबूर हैं. ग्रामीण महिलाएं अपना सारा समय पानी भरने में खर्च कर रही हैं. जिले के ग्रामीण अंचलों में जल व्यवस्था दुरुस्त करने में जिला प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है. जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में जलसंकट के बावजूद ना तो पीएचई और ना ही जिला प्रशासन ग्रामीणों को पीने लायक पानी उपलब्ध करा पा रहा है. जिसके चलते लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

भीषण गर्मी में जिले के गड़वाड़ा में पानी नहीं होने के कारण छोटे बच्चे से लेकर गर्भवती महिलाएं तक कई किलोमीटर दूर से पानी लाने को मजबूर हैं. बता दें कि नवनिर्वाचित सांसद गुमान सिंह डामोर अपने भतीजे के घर आ रहे हैं. ऐसे में उनके घर के पीछे लगे कतीजा फलिया (मोहल्ला) होली फलिया, निनामा फलिया, सहित अन्य मोहल्लों में लगे करीब आधा दर्जन से ज्यादा हैंडपंप सूखे पड़े हुए हैं. ग्रामीणों ने इसकी सूचना संबंधित पंचायत और ठेकेदार को भी दी है, मगर ना तो प्रशासन ने हैंडपंप दुरुस्त कराया और ना ही ग्रामीणों के लिए पीने का पानी उपलब्ध कराया.

तपती दोपहरी में पानी के लिए संघर्ष करती महिलाएं

वहीं पीने के पानी के लिए इन मोहल्लेवासियों को लगभग डेढ़ से 2 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है. मोहल्ले के बच्चे, महिलाएं और पुरुष भी दिनभर पानी के बर्तन लेकर पानी भरते नजर आ जाएंगे. इस मामले में पीएचई के अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन पिछले पखवाड़े से अधिकारी फील्ड में होने का बहाना बनाकर कैमरे के सामने आने से बच रहे हैं.

Intro:झाबुआ: जून की तपती धूप में सिर पर कई किलो वजन पानी रखकर ग्रामीण महिलाएं अपना सारा समय पानी भरने में खर्च कर रही है ,कारण जिले में ग्रामीण अंचलों में जल व्यवस्था दुरुस्त करने में जिला प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है । जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में जल संकट के बावजूद ना तो पीएचई और ना ही जिला प्रशासन ग्रामीणों को पीने लायक पानी उपलब्ध करा पा रहा है ।जिसके चलते लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है ।


Body:हैरानी तो इस बात की भी है कि जिला प्रशासन नवनिर्वाचित सांसद के मोहल्ले में भी जल संकट को दुरुस्त कराने में नाकाम साबित हुआ। वर्तमान सांसद गुमान सिंह डामोर झाबुआ मुख्यालय के गड़वाड़ा में अपने भतीजे के घर रह रहे हैं उनके घर के पीछे लगे कतीजा फलिया( मोहल्ला) होली फलिया, निनामा फलिया सहित अन्य मोहल्लों में लगे आधा दर्जन से हैंडपंप खराब पड़े हैं । ग्रामीणों ने इसकी सूचना संबंधित पंचायत और ठेकेदार को भी दी मगर हैंडपंप दुरुस्त करने आज तक कोई नहीं आया ।


Conclusion:सांसद के मोहल्लेवासी सड़क किनारे लगे एक हैंडपंप जो रुक-रुक के पानी दे रहा है वहां से पानी भरने को मजबूर है। पीने के पानी के लिए इन मोहल्ले वासियों को लगभग डेढ़ से 2 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है । मोहल्ले के बच्चे, महिलाएं और पुरुष भी दिन भर पानी के बर्तन लेकर पानी भरते नजर आ जाएंगे। इस मामले में पीएचई के अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया किंतु पिछले पखवाड़े से अधिकारी फील्ड में होने का बहाना बनाकर कैमरे के सामने आने से बच रहे हैं ।
बाइट: लक्ष्मी, स्थानीय युवती
मोके से पीटीसी
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.