झाबुआ। मुख्यमंत्री कमलनाथ के झाबुआ दौरे के विरोध में जय आदिवासी संगठन ने मोर्चा खोल दिया है. संगठन के प्रवक्ता अनिल कटारा का आरोप है कि सीएम सिर्फ पूंजीपतियों और धन्नासेठों के हितों की बात करते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि झाबुआ आदिवासी बहुल क्षेत्र है, यहां सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक किसी भी बाहरी व्यक्ति का आना निषेध है.
अनिल कटारा के कहा कि, जिले की सीमा में मुख्यमंत्री भी एक व्यक्ति ही माने गए हैं, लिहाजा आदिवासी समुदाय कमलनाथ के आगमन को लेकर विरोध करता है, साथ ही जय आदिवासी युवा संगठन के सदस्यों ने झाबुआ जिले में एनआरसी लागू करने की मांग की. उन्होंने कहा कि, झाबुआ में 1919 के पहले रहने वाले व्यक्ति ही यहां के मूल निवासी हैं, उसके बाद आने वाले लोगों को झाबुआ छोड़ना पड़ेगा.
दरअसल आदिवासी युवाओं ने मुख्यमंत्री कमलनाथ का विरोध करते हुए कहा कि, यह सरकार आदिवासी समाज के हित की बात ना करते हुए पूंजीपति और धन्ना सेठों के हित की बात करती है. जिले में खनिज संपदा को दूसरे समाज के लोगों को आवंटित किया है. जबकि इस पर मूल अधिकार आदिवासियों का है.