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सीएम कमलनाथ के दौरे के विरोध में आदिवासी संगठन, कहा- धन्ना सेठों के हित की करते हैं बात - मुख्यमंत्री कमलनाथ के झाबुआ दौरे

सीएम कमलनाथ के झाबुआ दौरे के विरोध में आदिवासी संगठन ने मोर्चा खोल दिया है, साथ ही मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया है कि, वो सिर्फ पूंजीपतियों और धन्ना सेठों के हित की बात करते हैं.

Tribals express opposition to CM's visit to Jhabua in jhabua
झाबुआ में सीएम के दौरे का आदिवासियों ने जताया विरोध
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Published : Dec 2, 2019, 8:37 PM IST

झाबुआ। मुख्यमंत्री कमलनाथ के झाबुआ दौरे के विरोध में जय आदिवासी संगठन ने मोर्चा खोल दिया है. संगठन के प्रवक्ता अनिल कटारा का आरोप है कि सीएम सिर्फ पूंजीपतियों और धन्नासेठों के हितों की बात करते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि झाबुआ आदिवासी बहुल क्षेत्र है, यहां सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक किसी भी बाहरी व्यक्ति का आना निषेध है.

सीएम कमलनाथ के दौरे के विरोध में आदिवासी संगठन

अनिल कटारा के कहा कि, जिले की सीमा में मुख्यमंत्री भी एक व्यक्ति ही माने गए हैं, लिहाजा आदिवासी समुदाय कमलनाथ के आगमन को लेकर विरोध करता है, साथ ही जय आदिवासी युवा संगठन के सदस्यों ने झाबुआ जिले में एनआरसी लागू करने की मांग की. उन्होंने कहा कि, झाबुआ में 1919 के पहले रहने वाले व्यक्ति ही यहां के मूल निवासी हैं, उसके बाद आने वाले लोगों को झाबुआ छोड़ना पड़ेगा.

दरअसल आदिवासी युवाओं ने मुख्यमंत्री कमलनाथ का विरोध करते हुए कहा कि, यह सरकार आदिवासी समाज के हित की बात ना करते हुए पूंजीपति और धन्ना सेठों के हित की बात करती है. जिले में खनिज संपदा को दूसरे समाज के लोगों को आवंटित किया है. जबकि इस पर मूल अधिकार आदिवासियों का है.

झाबुआ। मुख्यमंत्री कमलनाथ के झाबुआ दौरे के विरोध में जय आदिवासी संगठन ने मोर्चा खोल दिया है. संगठन के प्रवक्ता अनिल कटारा का आरोप है कि सीएम सिर्फ पूंजीपतियों और धन्नासेठों के हितों की बात करते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि झाबुआ आदिवासी बहुल क्षेत्र है, यहां सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक किसी भी बाहरी व्यक्ति का आना निषेध है.

सीएम कमलनाथ के दौरे के विरोध में आदिवासी संगठन

अनिल कटारा के कहा कि, जिले की सीमा में मुख्यमंत्री भी एक व्यक्ति ही माने गए हैं, लिहाजा आदिवासी समुदाय कमलनाथ के आगमन को लेकर विरोध करता है, साथ ही जय आदिवासी युवा संगठन के सदस्यों ने झाबुआ जिले में एनआरसी लागू करने की मांग की. उन्होंने कहा कि, झाबुआ में 1919 के पहले रहने वाले व्यक्ति ही यहां के मूल निवासी हैं, उसके बाद आने वाले लोगों को झाबुआ छोड़ना पड़ेगा.

दरअसल आदिवासी युवाओं ने मुख्यमंत्री कमलनाथ का विरोध करते हुए कहा कि, यह सरकार आदिवासी समाज के हित की बात ना करते हुए पूंजीपति और धन्ना सेठों के हित की बात करती है. जिले में खनिज संपदा को दूसरे समाज के लोगों को आवंटित किया है. जबकि इस पर मूल अधिकार आदिवासियों का है.

Intro:झाबुआ : जय आदिवासी संगठन के प्रदेश प्रवक्ता अनिल कटारा ने झाबुआ में पत्रकार वार्ता कर मुख्यमंत्री कमलनाथ के झाबुआ आगमन को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया है ,उन्होंने कहा कि झाबुआ अनुसूचित क्षेत्र है और इस क्षेत्र में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार किसी भी बाहरी व्यक्ति के आगमन को निषेध माना गया है। कटारा के अनुसार जिले की सीमा में सरकार के मुख्यमंत्री भी एक व्यक्ति ही माने गए है, लिहाजा आदिवासी समुदाय कमलनाथ के आगमन को लेकर विरोध करता है ।


Body:जय आदिवासी युवा संगठन के सदस्यों ने झाबुआ जिले में एनआरसी लागू किए जाने की मांग की उन्होंने कहा कि झाबुआ में 1919 के पहले रहने वाले व्यक्ति ही यहां के मूल निवासी है उसके बाद झाबुआ आने वाले लोगों को झाबुआ छोड़ना पड़ेगा ।


Conclusion:आदिवासी युवाओं ने मुख्यमंत्री कमलनाथ की सरकार का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि यह सरकार आदिवासी समाज के हित की बात ना करते हुए पूंजीपति और धन्ना सेठों के हित की बात करती है जिले में खनिज संपदा ऊपर भी दूसरे समाज के लोगों को आवंटित किया हुआ है जबकि इस पर मूल अधिकार यहां के आदिवासियों का है इसे लेकर आदिवासियों का विरोध कमलनाथ के दौरे को लेकर आक्रामक होता दिखाई दे रहा है ।
बाइट : अनिल कटारा, प्रदेश प्रवक्ता जयेश
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