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किसानों को नहीं मिल रहा उचित मात्रा में खाद, सोसायटी ने झाड़ा पल्ला

झाबुआ जिले के किसानों का आरोप है कि उन्हें पर्याप्त मात्रा में यूरिया खाद नहीं मिल रहा है, जिससे फसल खराब होने का डर है. उनका आरोप है कि बाजार में दुकानदार मनमाने रेट पर खाद बेच रहे हैं.

The crop is getting spoiled due to farmers not getting fertilizer
किसानों को नहीं मिल रहा उचित मात्रा में खाद
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Published : Nov 27, 2019, 2:48 PM IST

झाबुआ। जिले के अमरगढ़ गांव के कई किसानों को मांग के अनुसार यूरिया खाद नहीं मिलने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सोसायटी में यूरिया की आपूर्ति कम होने से सरकारी दर पर ये कम मात्रा में मिल रहा है, जिसके चलते महंगे दाम पर बाजार से यूरिया की खरीदी करनी पड़ रही है. किसानों के लिए सरकारी दर पर यूरिया खाद की कीमत 266.50 रुपये प्रति बैग रखी गई है, जबकि बाजार में यही यूरिया खाद 350 से 400 रुपए की दर से बिक रहा है, हालांकि सरकार ने इसकी दर तय कर रखी है, लेकिन निजी दुकानदार अपने निजी लाभ के लिए महंगे दामों पर किसानों को यूरिया खाद दे रहे हैं. अमरगढ़ के किसानों ने कहा कि बामनिया सोसायटी से उन्हें जो यूरिया दिया जा रहा है, वह पुराना है, जिससे गेहूं की फसल पीली पड़ रही है.

किसानों को नहीं मिल रहा उचित मात्रा में खाद

वहीं अधिक वर्षा के चलते गेहूं की फसल को ज्यादा मात्रा में यूरिया की जरूरत है. इधर किसानों को समय पर यूरिया नहीं मिल पाने से फसल खराब होने का डर भी है. समिति संचालकों का कहना है कि पर्याप्त मात्रा में यूरिया मौजूद है, जैसे ही उन्हें गोदाम से यूरिया मिलता है किसानों में बांट दिया जाता है.

झाबुआ। जिले के अमरगढ़ गांव के कई किसानों को मांग के अनुसार यूरिया खाद नहीं मिलने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सोसायटी में यूरिया की आपूर्ति कम होने से सरकारी दर पर ये कम मात्रा में मिल रहा है, जिसके चलते महंगे दाम पर बाजार से यूरिया की खरीदी करनी पड़ रही है. किसानों के लिए सरकारी दर पर यूरिया खाद की कीमत 266.50 रुपये प्रति बैग रखी गई है, जबकि बाजार में यही यूरिया खाद 350 से 400 रुपए की दर से बिक रहा है, हालांकि सरकार ने इसकी दर तय कर रखी है, लेकिन निजी दुकानदार अपने निजी लाभ के लिए महंगे दामों पर किसानों को यूरिया खाद दे रहे हैं. अमरगढ़ के किसानों ने कहा कि बामनिया सोसायटी से उन्हें जो यूरिया दिया जा रहा है, वह पुराना है, जिससे गेहूं की फसल पीली पड़ रही है.

किसानों को नहीं मिल रहा उचित मात्रा में खाद

वहीं अधिक वर्षा के चलते गेहूं की फसल को ज्यादा मात्रा में यूरिया की जरूरत है. इधर किसानों को समय पर यूरिया नहीं मिल पाने से फसल खराब होने का डर भी है. समिति संचालकों का कहना है कि पर्याप्त मात्रा में यूरिया मौजूद है, जैसे ही उन्हें गोदाम से यूरिया मिलता है किसानों में बांट दिया जाता है.

Intro:झाबुआ : झाबुआ से 40 किलोमीटर दूर ग्राम अमरगढ़ के सैकड़ों किसान सोसाइटी से मिलने वाले यूरिया खाद की किल्लत से परेशान है। किसानों को मांग के अनुसार यूरिया खाद ना मिल पाने से किसान चिंतत है। सोसाइटी में आपूर्ति कम होने के चलते सरकारी दर पर किसानों को फिलहाल यूरिया काम मिल पा रहा है जिसके चलते महंगे दाम पर उन्हें बाजार से यूरिया की खरीदी करना पड़ रही है।


Body:सरकारों ने किसान के लिए सरकारी दर पर यूरिया खाद की बिक्री ₹266.50 पैसे प्रति बैग के हिसाब से कर रखी है जबकि बाजार में यही यूरिया खाद 350 से ₹400 की दर से बिक रहा है। हालांकि सरकार ने इसकी दर तय कर रखी है मगर निजी दुकानदार अपने निजी लाभ के लिए महंगे दामों पर किसानों को यूरिया खाद दे रहे हैं । अमरगढ़ के किसानों का कहना है कि बामनिया सोसाइटी से उन्हें जो यूरिया दिया जा रहा है वह पुराना डल्ले वाला है जिससे गेहूँ की फसल पीली पड़ रही है ।


Conclusion:जिले में अति वर्षा के चलते गेहूं की फसल ज्यादा यूरिया मांग रही है वहीं किसानों को समय पर यूरिया ना मिल पाने से उनकी फसल खराब होने का डर भी किसानों को सताने लगा है इधर समिति संचालकों का कहना है कि पर्याप्त मात्रा में यूरिया मौजूद है साथ ही पुराने यूरिया पर समिति का कहना है कि जैसा यूरिया डबल लॉक से उन्हें यानी गोदाम से उन्हें मिलता है वैसा किसानों को वितरित किया जाता है फिलहाल यूरिया की किल्लत जैसी कोई समस्या नहीं है।
बाइट : मोहनलाल पाटीदार , किसान
बाइट: रणछोड़ लाल पाटीदार, किसान
बाइट : किसान अमरगढ़
बाइट: भेरूलाल पाटीदार, प्रबंधक आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था बामनिया
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