झाबुआ। रेलवे ट्रैक पर से गुजरकर अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल जाने को मजबूर ये छात्र-छात्राएं झाबुआ जिले के हैं. लेकिन रेलवे ट्रैक पर से गुजकर स्कूल तक का रास्ता तय करना इनकी मजबूरी है. क्योंकि स्कूल तक पहुंचने का सड़क मार्ग इतना खराब हो चुका है जिस पर चलना तो दूर पैर रखना भी मुश्किल लगता है. लेकिन इन व्यवस्थाआों को दुरुस्त करने की बजाए सरकारी सिस्टम धृतराष्ट्र की तरह अंधा बना हुआ है. जिसे शायद इन छात्रों की मजबूरी दिखाई ही नहीं देती है.
नौगांवा हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ने के लिए आसपास के 1 दर्जन से अधिक गांवों से करीब 400 से 500 बच्चें रोज आते हैं. स्कूल तक पहुंचने का कच्चा रास्ता बरसात में कीचड़ से लबालब भर जाता है. ऐसे में ये छात्र दिल्ली-मुम्बई मैन रेलवे ट्रैक के सहारे स्कूल तक पहुंचते है. रेल ट्रैक पर लगातार गाड़ियां गुजरती है जहां छात्रों की छोटी सी चूक बड़ी दुर्घटना का सबब बन सकती है.
छात्रों का कहना है कि रेलवे ट्रैक पार करना उनकी मजबूरी है क्योंकि स्कूल के रास्ते पर तो कीचड़ भरा पड़ा है. बच्चे आते हैं। गांव से स्कूल का रास्ता खराब ओर कीचड़ से भरा होने के कारण बरसात के दिनों में स्कूल में पढ़ाई करने वाले सेकड़ो छात्र-छात्राओं को गांवों से गुज़र रही दिल्ली-मुम्बई मैन रेलवे ट्रैक के सहारे स्कूल आना और जाना पड़ता है रेल ट्रैक पर आने जाने के दौरान रेल गाड़िया भी गुरती है, इस दौरान छोटी सी चूक बड़ी दुर्घटना का सबब बन सकती है.