झाबुआ। पश्चिमी मध्य प्रदेश के अंतिम छोर पर बसा आदिवासी बहुल झाबुआ जिला गुजरात की सीमा से सटा हुआ है. बॉर्डर इलाका होने के चलते बड़ी संख्या में यहां के लोगों का बीमारी में उपचार और व्यवसाय के चलते गुजरात आना जाना होता है. बीते एक जुलाई के बाद से झाबुआ में कोरोना के ज्यादा मामले सामने आए हैं. कोरोना के जो नए मामले सामने आए हैं, उनमें गुजरात की ट्रैवल हिस्ट्री सबसे ज्यादा है. जिले में अब तक कोरोना के 50 से ज्यादा नए मामले सामने आ चुके हैं.
जिले में लगातार बढ़ रहे कोरोना मरीजों की संख्या के बाद स्वास्थ विभाग संक्रमण को रोकने के लिए नई रणनीति तैयार कर रहा है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वास्थ्य विभाग की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि, अन्य राज्यों से मध्य प्रदेश की सीमा में प्रवेश करने वाले लोगों को मेडिकल जांच के बाद ही प्रदेश दिया जाए. बॉर्डर इलाकों से प्रदेश की सीमा में प्रवेश करने वाले लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग शुरू कर दी गई है, साथ ही मेडिकल जांच भी की जा रही है.
CMHO डॉक्टर बीएस बारिया ने बताया कि, इसके लिए जिले में चार पॉइंट बनाए गए हैं. जहां पर गुजरात से आने वाले लोगों की जांच की जा रही है. CMHO ने संक्रमण काल में सोशल डिस्टेंसिंग और घर से निकलने पर मास्क पहनने के साथ ही बार-बार साबुन से हाथ धोने की सलाह दी है. साथ ही इस दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के प्रति सचेत रहने को कहा है.