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झाबुआ कलेक्टर प्रबल सिपाहा को हटाया गया, रोहित सिंह को मिली कमान - Jhabua Collector Removed

झाबुआ कलेक्टर को पद से पृथक कर उप सचिव लोक निर्माण के पद पर नियुक्त किया गया है. बताया जा रहा है कि कलेक्टर को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश था. इसी के चलते यह फैसला लिया गया है.

Jhabua Collector Removed
झाबुआ कलेक्टर को हटाया
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Published : Aug 20, 2020, 2:43 PM IST

झाबुआ। कलेक्टर प्रबल सिपाहा को उप सचिव लोक निर्माण के पद पर नियुक्त किया गया है. वहीं झाबुआ कलेक्टर की जिम्मेदारी 2012 बैच के आईएएस रोहित सिंह को सौंपी गई है.

बताया जा रहा है कि कलेक्टर को लेकर लगातार मुख्यमंत्री के पास शिकायतें पहुंच रही थी. इसी को लेकर यह निर्णय लिया गया है. लोगों का कहना है कि 20 माह के कार्यकाल में कलेक्टर प्रबल सिपाहा ने कभी भी आम लोगों से जुड़ने की कोशिश नहीं की और ना ही ग्रामीणों की शिकायतों पर कार्रवाई की. जिसके चलते कलेक्टर के खिलाफ लोगों में आक्रोश पनपने लगा था.

मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद दिसंबर 2018 में प्रबल सिपाहा को दिग्विजय सिंह का करीबी होने के चलते झाबुआ की कमान सौंपी गई थी. इस दौरान अतिक्रमण मुहिम में भाजपा नेताओं के मकान और दुकान तोड़ने से लेकर, मनरेगा में 100 करोड़ रुपए के घोटाले और कोरोना संक्रमण काल मे करोड़ों रुपए की खरीदी बिक्री में गड़बड़ी के आरोप खुद कांग्रेस नेता और विधायक कांतिलाल भूरिया ने लगाया है.

कांग्रेस सरकार में कलेक्टर प्रबल सिपाहा ने भाजपाइयों की एक नहीं सुनी थी. वहीं भाजपा सरकार एक बार फिर आई तो कलेक्टर को हटाने की मांग भोपाल तक गई. प्रबल सिपाहा को हटाने के लिए भाजपा में संगठन स्तर पर भी कई शिकायतें मुख्यमंत्री ओर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के पास पहुंच रही थी. जिसके बाद अब उन्हें कलेक्टर के पद से पृथक कर दिया गया है.

झाबुआ। कलेक्टर प्रबल सिपाहा को उप सचिव लोक निर्माण के पद पर नियुक्त किया गया है. वहीं झाबुआ कलेक्टर की जिम्मेदारी 2012 बैच के आईएएस रोहित सिंह को सौंपी गई है.

बताया जा रहा है कि कलेक्टर को लेकर लगातार मुख्यमंत्री के पास शिकायतें पहुंच रही थी. इसी को लेकर यह निर्णय लिया गया है. लोगों का कहना है कि 20 माह के कार्यकाल में कलेक्टर प्रबल सिपाहा ने कभी भी आम लोगों से जुड़ने की कोशिश नहीं की और ना ही ग्रामीणों की शिकायतों पर कार्रवाई की. जिसके चलते कलेक्टर के खिलाफ लोगों में आक्रोश पनपने लगा था.

मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद दिसंबर 2018 में प्रबल सिपाहा को दिग्विजय सिंह का करीबी होने के चलते झाबुआ की कमान सौंपी गई थी. इस दौरान अतिक्रमण मुहिम में भाजपा नेताओं के मकान और दुकान तोड़ने से लेकर, मनरेगा में 100 करोड़ रुपए के घोटाले और कोरोना संक्रमण काल मे करोड़ों रुपए की खरीदी बिक्री में गड़बड़ी के आरोप खुद कांग्रेस नेता और विधायक कांतिलाल भूरिया ने लगाया है.

कांग्रेस सरकार में कलेक्टर प्रबल सिपाहा ने भाजपाइयों की एक नहीं सुनी थी. वहीं भाजपा सरकार एक बार फिर आई तो कलेक्टर को हटाने की मांग भोपाल तक गई. प्रबल सिपाहा को हटाने के लिए भाजपा में संगठन स्तर पर भी कई शिकायतें मुख्यमंत्री ओर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के पास पहुंच रही थी. जिसके बाद अब उन्हें कलेक्टर के पद से पृथक कर दिया गया है.

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