झाबुआ। कोरोना महामारी के चलते शहर से लेकर गांव तक सभी लोग इन दिनों खासे परेशान हैं. लॉकडाउन के चलते बाजार बंद हैं जिससे सबसे ज्यादा ग्रामीण प्रभावित हो रहे हैं. जरूरी सामान की दुकान बंद होने से ग्राम वासियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. शहर में आने पर पुलिस सख्ती दिखाती है तो दूसरी ओर गांव की दुकानों पर जरूरी सामान नहीं मिल रहा और जहां मिल रहा है वहां लोग जमकर मुनाफाखोरी करने से बाज नहीं आ रहे हैं.
लॉकडाउन के चलते शहरों में रहने वाले लोगों को प्रशासन व्यापारियोंं से होम डिलीवरी की सुविधा दिलवा रहा है. लेकिन ग्रामीण अंचल में रहने वाले लोगों की सुध कोई नहीं ले रहा. एक ओर ग्रामीणों के पास नकदी की कमी है तो दूसरी ओर उन्हें जरूरी वस्तुओं की ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है. जिले के पारा, राणापुर, कालीदेवी, मेघनगर बामणिया जैसे शहरों में कुछ व्यापारी लॉकडाउन तोड़ते हुए चोरी चुपके व्यापार कर रहे हैं. बावजूद पुलिस इन व्यापारियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही.
ग्रामीण कोरोना के कहर से दोहरी मार झेल रहे हैं. कोराना के चलते हुए लॉकडाउन ने इन ग्रामीणों का रोजगार छीन लिया तो दूसरी ओर बाजार में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति इन तक आसानी से नहीं हो रही. गांव में छोटी दुकानें लगाने वाले दुकानदार भी बड़े व्यापारियों द्वारा की जा रही मुनाफाखोरी से प्रताड़ित हैं, जिसके चलते उन्हें भी महंगे दामों पर सामान मिल रहा है. जिससे मजबूरन ग्रामीणों को तय मूल्य से ज्यादा कीमत चुका कर जरूरत का सामान खरीदना पड़ रहा है.
झाबुआ के गांवों में नहीं मिल रहा जरूरी सामान, व्यापारी कर रहे मुनाफाखोरी
झाबुआ के ग्रामीण इलाकों में लोगों को जरूरत के सामान के लिये परेशान होना पड़ रहा है. वही अगर सामन मिल भी जाता है तो व्यापारियों की मुनाफाखोरी के चलते उसे भी महंंगे दामों में खरीदना पड़ रहा है.
झाबुआ। कोरोना महामारी के चलते शहर से लेकर गांव तक सभी लोग इन दिनों खासे परेशान हैं. लॉकडाउन के चलते बाजार बंद हैं जिससे सबसे ज्यादा ग्रामीण प्रभावित हो रहे हैं. जरूरी सामान की दुकान बंद होने से ग्राम वासियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. शहर में आने पर पुलिस सख्ती दिखाती है तो दूसरी ओर गांव की दुकानों पर जरूरी सामान नहीं मिल रहा और जहां मिल रहा है वहां लोग जमकर मुनाफाखोरी करने से बाज नहीं आ रहे हैं.
लॉकडाउन के चलते शहरों में रहने वाले लोगों को प्रशासन व्यापारियोंं से होम डिलीवरी की सुविधा दिलवा रहा है. लेकिन ग्रामीण अंचल में रहने वाले लोगों की सुध कोई नहीं ले रहा. एक ओर ग्रामीणों के पास नकदी की कमी है तो दूसरी ओर उन्हें जरूरी वस्तुओं की ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है. जिले के पारा, राणापुर, कालीदेवी, मेघनगर बामणिया जैसे शहरों में कुछ व्यापारी लॉकडाउन तोड़ते हुए चोरी चुपके व्यापार कर रहे हैं. बावजूद पुलिस इन व्यापारियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही.
ग्रामीण कोरोना के कहर से दोहरी मार झेल रहे हैं. कोराना के चलते हुए लॉकडाउन ने इन ग्रामीणों का रोजगार छीन लिया तो दूसरी ओर बाजार में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति इन तक आसानी से नहीं हो रही. गांव में छोटी दुकानें लगाने वाले दुकानदार भी बड़े व्यापारियों द्वारा की जा रही मुनाफाखोरी से प्रताड़ित हैं, जिसके चलते उन्हें भी महंगे दामों पर सामान मिल रहा है. जिससे मजबूरन ग्रामीणों को तय मूल्य से ज्यादा कीमत चुका कर जरूरत का सामान खरीदना पड़ रहा है.