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सार्वजनिक कार्यक्रम में छलका कांग्रेस विधायकों का दर्द,बोले- 'नहीं उठाते अधिकारी फोन' - officers

मध्यप्रदेश में 15 सालों बाद कांग्रेस की सरकार बनी है और माना जाता है कि इस सरकार में कांग्रेस के हर विधायक को मंत्री का दर्जा प्राप्त है, मगर झाबुआ जिले के दो कद्दावर विधायकों के हाल बुरे हैं. आलम ये है कि इन विधायकों के फोन अधिकारी नहीं उठाते.

officers doesnt recieves the calls of jhabua mla's
अधिकारी नहीं उठाते विधायकों का फोन
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Published : Jan 14, 2020, 2:26 PM IST

झाबुआ। 31वां सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान आयोजित कार्यक्रम में पेटलावद विधायक वालसिंह मेड़ा और झाबुआ विधायक कांतिलाल भूरिया ने मंच से सार्वजनिक रूप से कह दिया कि अधिकारी उनके फोन नहीं उठाते. जिसके चलते जनता की समस्या उन तक नहीं पहुंच पाती . विधायकों ने तल्ख लब्जों में प्रशासनिक अधिकारियों को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाने की हिदायत भी दी. जिस वक्त इन दोनों विधायकों ने यह बात कही उस दौरान मंच पर जिला कलेक्टर प्रबल सिपाह और एसपी विनीत जैन भी मौजूद थे.

अधिकारी नहीं उठाते विधायकों का फोन


पेटलावद विधायक वाल सिंह मेड़ा ने जिला परिवहन अधिकारी राजेश कुमार गुप्ता सहित प्रशासनिक विभागों के कई अधिकारियों पर उनका फोन ना उठाने का आरोप लगाया है. मेडा ने कहा कि जब अधिकारी विधायकों के फोन नहीं उठाते तो ऐसे में जनता की शिकायतों का निराकरण कैसे करते होंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.


कद्दावर आदिवासी नेता कांतिलाल भूरिया ने भी पेटलावद विधायक का समर्थन करते हुए कहा कि प्रशासनिक अधिकारी अपना व्यवहार सुधारें और समन्वय से जनता की समस्याओं के समाधान पर ध्यान दें. दोनों विधायकों द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद प्रशासनिक अधिकारी असहज होने लगे. इस मामले में कलेक्टर और आरटीओ राजेश गुप्ता ने अपनी सफाई भी नेताओं को दी मगर विधायकों को यह रास नहीं आई.

झाबुआ। 31वां सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान आयोजित कार्यक्रम में पेटलावद विधायक वालसिंह मेड़ा और झाबुआ विधायक कांतिलाल भूरिया ने मंच से सार्वजनिक रूप से कह दिया कि अधिकारी उनके फोन नहीं उठाते. जिसके चलते जनता की समस्या उन तक नहीं पहुंच पाती . विधायकों ने तल्ख लब्जों में प्रशासनिक अधिकारियों को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाने की हिदायत भी दी. जिस वक्त इन दोनों विधायकों ने यह बात कही उस दौरान मंच पर जिला कलेक्टर प्रबल सिपाह और एसपी विनीत जैन भी मौजूद थे.

अधिकारी नहीं उठाते विधायकों का फोन


पेटलावद विधायक वाल सिंह मेड़ा ने जिला परिवहन अधिकारी राजेश कुमार गुप्ता सहित प्रशासनिक विभागों के कई अधिकारियों पर उनका फोन ना उठाने का आरोप लगाया है. मेडा ने कहा कि जब अधिकारी विधायकों के फोन नहीं उठाते तो ऐसे में जनता की शिकायतों का निराकरण कैसे करते होंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.


कद्दावर आदिवासी नेता कांतिलाल भूरिया ने भी पेटलावद विधायक का समर्थन करते हुए कहा कि प्रशासनिक अधिकारी अपना व्यवहार सुधारें और समन्वय से जनता की समस्याओं के समाधान पर ध्यान दें. दोनों विधायकों द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद प्रशासनिक अधिकारी असहज होने लगे. इस मामले में कलेक्टर और आरटीओ राजेश गुप्ता ने अपनी सफाई भी नेताओं को दी मगर विधायकों को यह रास नहीं आई.

Intro:झाबुआ : मध्यप्रदेश में 15 सालों बाद कांग्रेस की सरकार बनी है,और माना जाता है इस सरकार में कांग्रेस के हर विधायक को मंत्री का दर्जा प्राप्त है, मगर झाबुआ जिले के दो कद्दावर विधायकों के हाल बुरे हैं आलम यह है कि इन विधायकों के फोन अधिकारी नहीं उठाते जिसके चलते एक सार्वजनिक कार्यक्रम में इन अधिकारियों का दर्द छलक पड़ा।Body:सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान आजोजित कार्यक्रम में पेटलावद विधायक वालसिंह मेड़ा और झाबुआ विधायक कांतिलाल भूरिया ने मंच से सार्वजनिक रूप से कह दिया कि अधिकारी उनके फोन नहीं उठाते जिसके चलते जनता की समस्या उन तक नहीं पहुंच पाती । विधायको ने तल्ख लब्जो में प्रशासनिक अधिकारियों को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाने की हिदायत भी दी, जिस वक्त इन दोनों विधायको ने यह बात कही इस दौरान मंच पर जिला कलेक्टर प्रबल सिपाह और एसपी विनीत जैन भी मौजूद थे। Conclusion:पेटलावद विधायक वाल सिंह मेड़ा ने जिला परिवहन अधिकारी राजेश कुमार गुप्ता सहित प्रशासनिक विभागों के कई अधिकारियों पर उनका फोन ना उठाने का आरोप लगाया। मेडा ने कहा कि जब अधिकारी विधायकों के फोन नहीं उठाते तो ऐसे में जनता की शिकायतों का निराकरण कैसे करते होंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। कद्दावर आदिवासी नेता कांतिलाल भूरिया ने भी पेटलावद विधायक का समर्थन करते हुए कहा कि प्रशासनिक अधिकारी अपना व्यवहार सुधारें और समन्वय से जनता की समस्याओं के समाधान पर ध्यान दें । दोनों विधायकों द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद प्रशासनिक अधिकारी असहज होने लगे। इस मामले में कलेक्टर और आरटीओ राजेश गुप्ता ने अपनी सफाई भी नेताओं को दी मगर विधायकों को यह रास नहीं आई। ऐसे में कांग्रेस के इन कद्दावर विधायकों की यदि अधिकारी नहीं सुन रहे तो सरकार में क्या आलम होगा सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
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