झाबुआ। बच्चों को उनके अधिकार को दिलाने में जिला प्रशासन किस कदर लापरवाह है इसका उदाहरण शनिवार को देखने को मिला. कलेक्ट्रेट में बाल अधिकारों के उल्लंघन से संबंधित प्रकरणों के निराकरण के लिए आयोजित खंडपीठ में अपेक्षाकृत बेहद कम बच्चे पहुंचे. इस स्थिति पर निरीक्षण करने पहुंचे राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो भड़क गए. (Priyank Kanungo Visit Jhabua) प्रशासन के रवैए को लेकर उन्होंने राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपनें की बात कही है. (Jhabua Child Rights Bench) (National Commission Protection Child Rights Jhabua)
प्रशासन की लापरवाही: 18 जुलाई को आयोग से जिला प्रशासन को सूचना दी जा चुकी थी कि, आगामी 10 सितम्बर को बाल अधिकारों के उल्लंघन से संबंधित प्रकरण के निराकरण के लिए शिविर के साथ खंडपीठ आयोजित की जाएगी. इसके बावजूद प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. दो दिन पहले इसकी सूचना स्कूल और आंगनबाड़ी में भेजी गई थी. आयोग के अध्यक्ष ने सीधे तौर पर कहा कि, प्रशासन नहीं चाहता था कि बच्चे आयोग के सामने अपनी बात रखें. इस मामले में राज्य सरकार को जिम्मेदारी तय करनी चाहिए. ये संसाधन और समय दोनों की बर्बादी है. उन्होंने कहा कि प्रशासनिक स्तर पर बरती गई लापरवाही के चलते ही बच्चे आयोग तक नहीं पहुंच पाए हैं.
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दो महीने बाद लगेगी बेंच: आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा कि बेंच फेल होने की बड़ी वजह संबंधित विभाग में सामंजस्य की कमी होना है. किसी नोडल अधिकारी ने ठीक से निगरानी भी नहीं की. स्थान चयन भी सही नहीं था. अब अगले दो तीन महीने बाद जब जिला प्रशासन समय बताएगा तब दोबारा बेंच लगाई जाएगी. कानूनगो ने कहा, मुझे पूरी अपेक्षा है कि अब प्रशासन इसे गंभीरता से लेगा और आने वाले समय में इन सब चीजों को ठीक करेगा. (Jhabua Child Rights Bench) (National Commission Protection Child Rights Jhabua) (jhabua teachers training)(Priyank Kanungo Visit Jhabua)