झाबुआ। झाबुआ जिले के कांग्रेस व भाजपा नेता गुजरात में चुनाव प्रचार में जुट गए हैं. भाजपा नेताओं ने तो अपने क्षेत्र की विधानसभा का प्रभार संभाल भी लिया है.वे नियमित दौरे और बैठके कर रहे हैं. वहीं, झाबुआ विधायक कांतिलाल भूरिया कांग्रेस के कद्दावर आदिवासी नेता हैं. वे केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार में मंत्री रहे हैं. इसके अलावा भूरिया ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाली है. कांग्रेस द्वारा मध्य गुजरात का ऑब्जर्वर बनाए जाने से पार्टी में उनका कद बढ़ा है.
बीजेपी के शैलेष दुबे लगातार संभाल रहे हैं कमान : भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष शैलेष दुबे वर्ष 1995 से लगातार हर बार गुजरात राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में जिम्मेदारी निभाते रहे हैं. इस बार भी पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है. झाबुआ जिला गुजरात से जुड़ा हुआ है. यहां के लोग बीमार होने पर उपचार के लिए भी गुजरात राज्य के दाहोद, बड़ौदा, अहमदाबाद, नडियाद तक जाते हैं. ये पूरा हिस्सा मध्य गुजरात में आता है. लिहाजा, झाबुआ के नेता गुजरात की सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य से पूरी तरह से वाकिफ हैं. इसका लाभ दोनों दलों को चुनाव में मिलेगा.
मध्य गुजरात में 61 विधानसभा सीटें : गुजरात में कुल 182 विधानसभा सीटें हैं. बहुमत के लिए 92 सीटों की जरूरत होती है. 2017 के विधानसभा चुनाव भाजपा को 99, कांग्रेस को 77 सीटें मिलीं थीं. छह सीटें निर्दलीय और अन्य के खाते में गई थीं. राज्य की सीटों को क्षेत्रवार देखें तो मध्य गुजरात में 61, सौराष्ट्र एवं कच्छ में 54, उत्तर गुजरात में 32 और दक्षिण गुजरात में 35 सीटें आती हैं. मध्य गुजरात की 61 में से 37 सीटें भाजपा के खाते में गईं थीं. कांग्रेस को 22 सीटें मिली थीं. वहीं, अन्य के खाते में दो सीटें गई थीं. यानी मध्य गुजरात में भाजपा को बड़ी बढ़त मिली थी. इस बार भी भाजपा अपना वही प्रदर्शन दोहराना चाहेगी.