झाबुआ। संविदा स्वास्थ्य कर्मी (MP contract health workers) अपने नियमितीकरण और वेतन बढ़ोतरी की मांग को लेकर 7 दिसंबर से चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं. बताया जाता है कि शनिवार को पहले से निर्धारित शेड्यूल के अनुसार संविदा कर्मचारी भोपाल में जेपी अस्पताल परिसर में प्रदर्शन कर रहे थे. (MP contract health workers strike) इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी कोरोना की स्क्रीनिंग, सेंपलिंग और इलाज के इंतजामों का रिव्यू करने अस्पताल पहुंचे थे. यही पर संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने उनका घेराव कर दिया. इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री तो रवाना हो गए, लेकिन पुलिस अपराधियों की तरह संविदा स्वास्थ्यकर्मियों को गिरफ्तार कर के ले गई. जिससे ये मुद्दा गरमा गया है.
जेल भरो आंदोलन की तैयारी: संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष डॉ. लोकेश दवे का कहना है कि, पुलिस प्रशासन द्वारा हमारे 10 साथियो को अन्याय पूर्ण एवं दमनकारी तरीके से रस्सी में बांधकर आदतन अपराधियो की तरह सडक रास्ते से जेल ले जाया गया. जिससे 32000 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियो में आक्रेाश है. पूरे मध्यप्रदेश में आज का दिन काला दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. यदि हमारे साथी कर्मचारियों को सह सम्मान रिहा नहीं किया गया तो 27 दिसंबर को पूरे प्रदेश के 32 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी जेल भरो आंदोलन करेंगे.
गांधी के देश में अंग्रेजों की तरह दमन: इस मुद्दे पर युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के समर्थन में खड़े हो गए हैं. वे खुद भी एक सर्जन है. डॉ विक्रांत ने कहा मुझे खबर मिली है कि हमारे बहुत सारे संविदा स्वास्थ्यकर्मियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. ये बेहद चौकाने वाली खबर है. जिस देश में हम रहते हैं, वह महात्मा गांधी का देश है. अगर कोई अहिंसा से अपना विरोध प्रदर्शन करना चाहता है तो उसे पूरी स्वतंत्रता है कि वह अपनी बात रख सके. इसके बावजूद प्रदेश की शिवराज सरकार अंग्रजों की तरह दमनकारी नीति अपनाकर उनके आंदोलन को कुचलने में लगी है.
MP Contract Health Workers कल संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल पर, NHM के बाहर करेंगे प्रदर्शन
कोरोना काल में लोगों की बचाई जान: डॉ. विक्रांत ने कहा अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर संविदा स्वास्थ्यकर्मी काफी दिनों से हड़ताल पर है. उसके बाद भी इस सरकार के कानों में जूं नहीं रेंग रही. आज जब संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी बात स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी के सामने रखी तो उनमें इतनी तमीज और संयम नहीं था कि उनकी बात सुन सके. उन सबको रस्सी बांधकर थाने लाया गया और फिर जेल भेज दिया. इन्हीं संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने कोरोना काल में अपनी जान पर खेलकर लोगों की जान बचाई. इन्होंने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को भी दुरुस्त किया. आज उन्हीं कोरोना योद्धाओं को जेल भेजा जा रहा है. आज निश्चित तौर पर स्वास्थ्य के क्षेत्र में ये दिन काला दिवस के रूप में मनाया जाएगा. डॉ. विक्रांत ने कहा मैं अपने सभी संविदा स्वास्थ्यकर्मियों को बताना चाहूंगा कि आप अकेले नहीं हैं, हम सब आपके साथ खड़े हैं. पूरी ताकत से आपकी लड़ाई में हम शामिल रहेंगे.