झाबुआ। चुनावी साल में भाजपा का पूरा फोकस आदिवासी सीटों पर है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने झाबुआ में रात्रि विश्राम के दौरान तीन जिले झाबुआ, आलीराजपुर और बड़वानी के भाजपा नेताओं के साथ मैराथन मंथन किया. इस दौरान उन्होंने जिलेवार पार्टी नेता और कार्यकर्ताओं से चर्चा कर फीडबैक जाना. ये तीनों जिले आदिवासी बहुल है और यहां कुल 9 विधानसभा सीट लगती है. फिलहाल इनमें से सात सीट पर कांग्रेस का कब्जा है. ऐसे में बातचीत के जरिए आगामी विधानसभा चुनाव के लिए जीत के सूत्र तलाशे गए. इन चर्चाओं में सबसे महत्वपूर्ण बात ये निकलकर आई कि इन दिनों ब्यूरोक्रेसी पूरी तरह से हावी है और नेताओं की कोई सुनवाई नहीं हो रही है. हालांकि सीएम ने इसके लिए व्यवस्था बनाने की बात कही, ताकि जनता से जुड़े काम हो सके. बैठक की शुरुआत बड़वानी जिले से हुई, जबकि समापन झाबुआ पर हुआ.
बड़वानी जिला:
विधानसभा सीट-4
भाजपा विधायक-1
कांग्रेस विधायक-3
स्थिति: इस जिले में चार विधानसभा सीट लगती है. केवल बड़वानी विधानसभा सीट पर ही भाजपा का कब्जा है. जबकि सेंधवा, राजपुर और पानसेमल विधानसभा में कांग्रेस के विधायक है.
किन मुद्दों पर हुई चर्चा: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सबसे पहले बड़वानी जिले के भाजपा नेताओं की बैठक ली. शाम करीब 6 बजे शुरू हुई इस बैठक में राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी, बड़वानी विधायक प्रेम सिंह पटेल, गजेंद्र सिंह पटेल, भाजपा जिलाध्यक्ष ओम सोनी, पूर्व विधायक दीवान सिंह पटेल सहित अन्य भाजपा नेता शामिल हुए. मुख्यमंत्री ने करीब डेढ़ घंटे तक सभी से फीडबैक लिया और उनकी बातें सुनी. कुछ मुद्दों पर भाजपा नेता मुखर भी नजर आए. हालांकि मुख्यमंत्री ने सभी की बातों का गौर से सुना और समस्याओं के निराकरण का भरोसा दिलाया.
आलीराजपुर जिला
विधानसभा सीट-2
भाजपा विधायक-1
कांग्रेस विधायक-1
स्थिति:आलीराजपुर जिले में दो विधानसभा सीट आलीराजपुर और जोबट लगती है. पहले दोनों सीट पर कांग्रेस का कब्जा था. इस बीच जोबट से कांग्रेस विधायक कलावती भूरिया का कोरोना काल में निधन हो गया. बाद में यहां हुए उप चुनाव में कांग्रेस से भाजपा में आई सुलोचना रावत विजय हुई.
किन मुद्दों पर चर्चा हुई: मुख्यमंत्री ने बड़वानी जिले के बाद आलीराजपुर के भाजपा नेताओं से बात शुरू की. यहां पूर्व विधायक नागर सिंह चौहान, भाजपा जिलाध्यक्ष मकू परवाल, माधोसिंह डावर, वकील सिंह ठकराला, विशाल रावत, नारायण अरोड़ा, किशोर शाह आदि नेता मौजूद थे. चर्चा के दौरान भाजपा नेताओं ने कई मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी. यहां से भी निकलकर आया कि अधिकारी जनप्रतिनिधियों की नहीं सुनते.
झाबुआ जिला
विधानसभा सीट-3
भाजपा विधायक-0
कांग्रेस विधायक-3
स्थिति: झाबुआ जिले के अंतर्गत तीन विधानसभा सीट झाबुआ, थांदला और पेटलावद लगती है। तीनों ही सीट पर कांग्रेस का कब्जा है। झाबुआ में जरूर भाजपा ने जीत हासिल की थी, लेकिन विधायक चुने गए गुमान
सिंह डामोर के लोकसभा चुनाव लड़ने से यह सीट रिक्त हो गई. बाद में हुए उप चुनाव में कांग्रेस से कांतिलाल भूरिया विधायक निर्वाचित हुए.
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किन मुद्दों पर चर्चा: रात करीब 10 बजे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने झाबुआ जिले के भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं से चर्चा शुरू की. इस दौरान ज्यादातर समय शिकायतों में ही निकला. नेताओं का कहना था कि अधिकारी उनकी नहीं सुनते. इस पर मुख्यमंत्री बोले जाने से पहले ऐसी व्यवस्था जमा देंगे कि जनता से जुड़े कामों में किसी तरह की रुकावट न आए. बैठक में भाजपा जिलाध्यक्ष भानू भूरिया, सांसद गुमान सिंह डामोर, पूर्व विधायक शांतिलाल बिलवाल, निर्मला भूरिया, पूर्व जिलाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह नायक के साथ ही नगरीय निकाय के अध्यक्ष, जनपद अध्यक्ष और अन्य पार्टी नेता मौजूद रहे. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा
बहुत दिनों से मन में ये बात थी कि पब्लिक मीटिंग और बड़े कार्यक्रम होते हैं, जिनमें शामिल होकर चले जाते हैं. इस बार बड़े आराम से कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा हुई. बड़ा आंनद आया. इस बार भाजपा 200 के पार जाएगी.