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झाबुआ: कांतिलाल भूरिया को सातवीं बार मिला कांग्रेस का टिकट

कांग्रेस ने रतलाम-झाबुआ संसदीय सीट से अपने उम्मीदवार की घोषणा करते हुए सातवीं बार कांतिलाल भूरिया को लोकसभा का टिकट दिया है.

कांतिलाल भूरिया को मिला कांग्रेस का टिकट
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Published : Mar 24, 2019, 12:53 PM IST

झाबुआ। कांग्रेस ने देर रात रतलाम-झाबुआ संसदीय सीट से अपने उम्मीदवार की घोषणा की. इस सीट पर दिग्गज आदिवासी नेता कांतिलाल भूरिया को कांग्रेस पार्टी ने अपना उम्मीदवार घोषित किया है. कांतिलाल भूरिया को सोनिया गांधी और राहुल गांधी के करीबी नेताओं में गिना जाता है.

कांतिलाल भूरिया को मिला कांग्रेस का टिकट

भूरिया ने 1991 में पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था, तब से 2014 तक वे झाबुआ से 4 बार सांसद रहे है. 2014 में आम चुनाव में बीजेपी के दिलीप सिंह भूरिया से पहली बार कांतिलाल भूरिया को चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था. राजनीतिक राजयोग के चलते 2015 में एक बार फिर भूरिया ने उपचुनाव में भारी बहुमत के साथ जीत हासिल की और पांचवी बार सांसद के रूप में दिल्ली पहुंचे.

भूरिया को देश के दिग्गज आदिवासी नेताओं में गिना जाता है. 2011 में भूरिया राज्य की कांग्रेस सरकार में आदिम जाति कल्याण मंत्री बने. वह 2009 में यूपीए-2 में मनमोहन सिंह सरकार में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री रहे है. साथ ही कांतिलाल भूरिया को प्रदेश कांग्रेस की कमान भी मिली. वहीं अब लगातार सातवीं बार लोकसभा का टिकट कांग्रेस पार्टी ने उन्हें दिया है. कांग्रेस में भूरिया को एक मजबूत उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है.

झाबुआ। कांग्रेस ने देर रात रतलाम-झाबुआ संसदीय सीट से अपने उम्मीदवार की घोषणा की. इस सीट पर दिग्गज आदिवासी नेता कांतिलाल भूरिया को कांग्रेस पार्टी ने अपना उम्मीदवार घोषित किया है. कांतिलाल भूरिया को सोनिया गांधी और राहुल गांधी के करीबी नेताओं में गिना जाता है.

कांतिलाल भूरिया को मिला कांग्रेस का टिकट

भूरिया ने 1991 में पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था, तब से 2014 तक वे झाबुआ से 4 बार सांसद रहे है. 2014 में आम चुनाव में बीजेपी के दिलीप सिंह भूरिया से पहली बार कांतिलाल भूरिया को चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था. राजनीतिक राजयोग के चलते 2015 में एक बार फिर भूरिया ने उपचुनाव में भारी बहुमत के साथ जीत हासिल की और पांचवी बार सांसद के रूप में दिल्ली पहुंचे.

भूरिया को देश के दिग्गज आदिवासी नेताओं में गिना जाता है. 2011 में भूरिया राज्य की कांग्रेस सरकार में आदिम जाति कल्याण मंत्री बने. वह 2009 में यूपीए-2 में मनमोहन सिंह सरकार में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री रहे है. साथ ही कांतिलाल भूरिया को प्रदेश कांग्रेस की कमान भी मिली. वहीं अब लगातार सातवीं बार लोकसभा का टिकट कांग्रेस पार्टी ने उन्हें दिया है. कांग्रेस में भूरिया को एक मजबूत उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है.

Intro:झाबुआ : रतलाम झाबुआ संसदीय सीट पर देर रात कांग्रेस ने अपनी उम्मीदवार की घोषणा कर दी। इस सीट पर दिग्गज आदिवासी नेता कांतिलाल भूरिया को कांग्रेस पार्टी ने अपना उम्मीदवार घोषित किया है । कांतिलाल भूरिया को सोनिया गांधी और राहुल गांधी के करीबी नेताओं में गिना जाता है। भूरिया ने 1991 में पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था तब से 2014 तक वे यहां से 4 बार सांसद रहे । 2014 में आम चुनाव में भाजपा के दिलीप सिंह भूरिया से कच्चा खाने के कारण पहली बार कांतिलाल भूरिया को चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था


Body:राजनीतिक राजयोग के चलते भूरिया 2015 में इसी रतलाम संसदीय सीट पर हुए उपचुनाव में भारी बहु मतों से जीते और पांचवी बार सांसद के रूप में दिल्ली पहुंचे। कांतिलाल भूरिया को देश के दिग्गज आदिवासी नेताओं में गिना जाता है ,लिहाजा लगातार सातवीं बार भूरिया को कांग्रेस पार्टी ने इस सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है ।


Conclusion:कांतिलाल भूरिया का लंबा राजनीतिक रुतबा और जीवन है। 2011 में राज्य में कांग्रेस की सरकार में आदिम जाति कल्याण मंत्री बने। 2009 में यूपीए-2 में मनमोहन सिंह सरकार में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री बनाए गए । कांतिलाल भूरिया को प्रदेश कांग्रेस की कमान भी मिली। वही अब लगातार सातवीं बार लोकसभा का टिकट कांग्रेस पार्टी ने उन्हें दिया है । कांग्रेस में भूरिया को एक मजबूत उम्मीदवार के रूप में देखा जाता है ।
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