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MPPSC परीक्षा के सवाल पर बवाल, कांतिलाल भूरिया ने की PSC चेयरमैन पर मुकदमा दर्ज करने की मांग - एट्रोसिटी एक्ट

झाबुआ विधायक कांतिलाल भूरिया ने MPPSC मेे भील जनजाति से संबंधित पूछे गए सवाल को लेकर पीएससी के चेयरमैन और सेक्रेटरी के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के साथ-साथ एट्रोसिटी एक्ट में मामला दर्ज करने की मांग की है.

Kantilal Bhuria
कांतिलाल भूरिया
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Published : Jan 13, 2020, 4:33 PM IST

Updated : Jan 13, 2020, 4:41 PM IST

झाबुआ। मध्यप्रदेश में आयोजित एमपीपीएससी की परीक्षा में भील जनजाति से संबंधित पूछे गए सवाल को लेकर झाबुआ में राजनीति गरमाने लगी है. इस मामले को लेकर झाबुआ विधायक कांतिलाल भूरिया ने सरकार से पीएससी के चेयरमैन और सेक्रेटरी के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के साथ-साथ एट्रोसिटी एक्ट में मामला दर्ज करने की मांग की है.

कांतिलाल भूरिया ने की PSC चेयरमैन के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग

उन्होंने कहा कि आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष होने के नाते ये उनकी नैतिक जिम्मेदारी है कि सरकार इस पर कड़ाई से कार्रवाई करें. वे इसे लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात भी करेंगे और जरूरत पड़ी तो राज्यपाल और राष्ट्रपति के पास भी अपनी बात लेकर पहुंचेंगे.

कांतिलाल भूरिया ने कहा कि एमपीपीएससी के अध्यक्ष और सेक्रेटरी ने दुर्भावना पूर्वक आदिवासी समाज को सार्वजनिक रूप से अपमानित किया है. इसके लिए उनके खिलाफ तत्काल कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की है.

यह था मामला

भील जनजाति से जुड़े गद्यांश और सवाल से आदिवासी समुदाय के लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है. 12 जनवरी को झाबुआ में एमपीपीएससी की परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें सी सेट में भील जनजाति से संबंधित एक गद्यांश था. इस गद्यांश से जुड़े कुछ प्रश्नों को रद्द करने की मांग की गई है.

झाबुआ। मध्यप्रदेश में आयोजित एमपीपीएससी की परीक्षा में भील जनजाति से संबंधित पूछे गए सवाल को लेकर झाबुआ में राजनीति गरमाने लगी है. इस मामले को लेकर झाबुआ विधायक कांतिलाल भूरिया ने सरकार से पीएससी के चेयरमैन और सेक्रेटरी के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के साथ-साथ एट्रोसिटी एक्ट में मामला दर्ज करने की मांग की है.

कांतिलाल भूरिया ने की PSC चेयरमैन के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग

उन्होंने कहा कि आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष होने के नाते ये उनकी नैतिक जिम्मेदारी है कि सरकार इस पर कड़ाई से कार्रवाई करें. वे इसे लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात भी करेंगे और जरूरत पड़ी तो राज्यपाल और राष्ट्रपति के पास भी अपनी बात लेकर पहुंचेंगे.

कांतिलाल भूरिया ने कहा कि एमपीपीएससी के अध्यक्ष और सेक्रेटरी ने दुर्भावना पूर्वक आदिवासी समाज को सार्वजनिक रूप से अपमानित किया है. इसके लिए उनके खिलाफ तत्काल कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की है.

यह था मामला

भील जनजाति से जुड़े गद्यांश और सवाल से आदिवासी समुदाय के लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है. 12 जनवरी को झाबुआ में एमपीपीएससी की परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें सी सेट में भील जनजाति से संबंधित एक गद्यांश था. इस गद्यांश से जुड़े कुछ प्रश्नों को रद्द करने की मांग की गई है.

Intro:झाबुआ : मध्यप्रदेश में आयोजित एमपीपीएससी की परीक्षा में भील जनजाति से संबंधित पूछे गए सवाल को लेकर झाबुआ में राजनीति गरमाने लगी है . 12 जनवरी को झाबुआ में एमपीपीएससी की परीक्षा आयोजित की गई थी जिसमे सी सेट में भील जनजाति से संबंधित एक गद्यांश था। इस गद्यांश से जुड़े प्रश्न क्रमांक 96 से 100 तक को रद्द करने की मांग की गई है ।
Body:भील जनजाति से जुड़े गद्यांश और सवाल सवालों से आदिवासी समुदाय के लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है इस मामले को लेकर झाबुआ विधायक ने सरकार से पीएससी के चेयरमैन और सेक्रेटरी के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के साथ-साथ एट्रोसिटी एक्ट में मामला दर्ज करने की मांग की है उन्होंने कहा कि आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष होने के नाते या उनकी नैतिक जिम्मेदारी है कि सरकार इस पर कड़ाई से कार्रवाई करें मुख्यमंत्री से मुलाकात भी करेंगे और जरूरत पड़ी तो राज्यपाल और राष्ट्रपति के पास भी अपनी बात लेकर पहुंचेंगे।

Conclusion:कांतिलाल भूरिया ने कहा कि एमपीपीएससी के अध्यक्ष और सेक्रेटरी ने दुर्भावना पूर्वक आदिवासी समाज को सार्वजनिक रूप से अपमानित किया है इसके लिए उनके खिलाफ तत्काल कड़ी कार्रवाई की जाना चाहिए साथियों उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की है।
बाइट कांतिलाल भूरिया विधायक झाबुआ
Last Updated : Jan 13, 2020, 4:41 PM IST
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