झाबुआ। मध्यप्रदेश में आयोजित एमपीपीएससी की परीक्षा में भील जनजाति से संबंधित पूछे गए सवाल को लेकर झाबुआ में राजनीति गरमाने लगी है. इस मामले को लेकर झाबुआ विधायक कांतिलाल भूरिया ने सरकार से पीएससी के चेयरमैन और सेक्रेटरी के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के साथ-साथ एट्रोसिटी एक्ट में मामला दर्ज करने की मांग की है.
उन्होंने कहा कि आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष होने के नाते ये उनकी नैतिक जिम्मेदारी है कि सरकार इस पर कड़ाई से कार्रवाई करें. वे इसे लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात भी करेंगे और जरूरत पड़ी तो राज्यपाल और राष्ट्रपति के पास भी अपनी बात लेकर पहुंचेंगे.
कांतिलाल भूरिया ने कहा कि एमपीपीएससी के अध्यक्ष और सेक्रेटरी ने दुर्भावना पूर्वक आदिवासी समाज को सार्वजनिक रूप से अपमानित किया है. इसके लिए उनके खिलाफ तत्काल कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की है.
यह था मामला
भील जनजाति से जुड़े गद्यांश और सवाल से आदिवासी समुदाय के लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है. 12 जनवरी को झाबुआ में एमपीपीएससी की परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें सी सेट में भील जनजाति से संबंधित एक गद्यांश था. इस गद्यांश से जुड़े कुछ प्रश्नों को रद्द करने की मांग की गई है.