Mp Winter Analysis : मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से लोगों को ठंड से राहत मिली है. दिन के तापमान के उछाल मारते ही लोग कयास लगा रहे हैं कि अब ठंड कम होने लगेगी, पर पिछले दस साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो ये कहना जल्दबाजी होगी. भोपाल समेत प्रदेश के कई जिलों में जनवरी के आखिरी दस दिनों में तेज ठंड पड़ने का रिकॉर्ड रहा है. ऐसे में सवाल ये है कि क्या प्रदेश में जनवरी की ठंड उसी वेदर पैटर्न पर चलेगी, या इस बार ये रिकॉर्ड टूट जाएगा? आइए जानते हैं.
जनवरी अंत में ऐसा रहा है ठंड का पैटर्न
मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला के मुताबिक, '' पिछले दस सालों में जनवरी अंत में सबसे ज्यादा ठंड पड़ी है. राजधानी भोपाल में जनवरी के आखिरी 10 दिन काफी ठंडे रहते हैं. ऐसा ही पैटर्न बाकी जिलों का भी रहता है. पिछले दस सालों में 21 से 31 जनवरी के बीच 6 बार सबसे कम तापमान दर्ज किया गया. ऐसे में ठंड की वापसी हो रही है, ये कहना जल्दबाजी होगी.''
फिर मध्य प्रदेश से ठंड क्यों गायब हुई?
दरअसल, मध्यप्रदेश के उत्तरी हिस्सों में कई मौसमी प्रणालियां सक्रिय हैं. इसके साथ ही हवा का रुख बदलने से उत्तर की ओर से आ रही हवाएं थम गई हैं. यही वजह है कि मध्य प्रदेश के अधिकांश जिलों में दिन का तापमान बढ़ने लगा है और रात के वक्त हल्की ठंड का एहसास हो रहा है.
क्या फिर जनवरी अंत में बढ़ेगी ठंड?
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश बताते हैं, '' आमतौर पर जनवरी में मध्यप्रदेश में अच्छी सर्दी पड़ती है. वर्तमान में भले ही प्रदेश में तापमान में बढोत्तरी हुई हो, लेकिन यह राहत सिर्फ दो से तीन दिन तक ही रहेगी. कड़ाके की सर्दी का एक और दौर आने वाला है. महीने के अंत तक तेज ठंड पड़ेगी ''
बरकरार रहेगा जनवरी का वेदर पैटर्न?
मौसम विभाग की मानें तो मध्य प्रदेश में जनवरी का वेदर पैटर्न बरकरार रहने की संभावना है. यानी केवल राजधानी भोपाल ही नहीं बल्कि प्रदेश के सभी प्रमुख जिलों में सर्दी का वही पैटर्न देखने मिलेगा और 25-26 जनवरी से फिर ठंड का दौर शुरू होगा. मौसम विभाग के मुताबिक, 25 जनवरी से मध्य प्रदेश में फिर तेज ठंड पड़ सकती है. दरअसल, उत्तर से फिर बर्फीली हवाएं मध्य प्रदेश के मौसम को प्रभावित करेंगी और रात में तेज ठंडक का एहसास होगा. अगले 48 घंटों तक तापमान में भले ही उतार चढ़ाव रहे पर 25-26 जनवरी से तेज ठंड पड़ेगी.
जनवरी में प्रदेश के प्रमुख जिलों का वेदर पैटर्न
बात करें मध्य प्रदेश के प्रमुख जिलों के जनवरी के वेदर पैटर्न की तो राजधानी भोपाल के साथ-साथ जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर और उज्जैन में जनवरी में सबसे ज्यादा ठंड पड़ती है. भोपाल में 18 जनवरी 1935 को रात का तापमान 0.6 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था, तो वहीं जबलपुर में 7 जनवरी 1973 को 1.1 डिग्री सेल्सियस, इंदौर में 16 जनवरी 1935 को माइनस 1.1 और ग्वालियर में 24 जनवरी 1954 को 1.1 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया जा चुका है. इसके साथ ही इन जिलों में तेज ठंड के साथ जनवरी में मावठे की बारिश का भी ट्रेंड रहा है. यही वजह है कि जनवरी के बाकी दिनों में ठंड के एक और दौर के आने की संभावना जताई जा रही है.
यह भी पढ़ें -