झाबुआ। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया के खिलाफ झाबुआ सहित रतलाम में हुई एफआईआर के बाद भूरिया ने मंगलवार को दिए अपने बयान से पलटी मार ली है. कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा की उनकी बातों को गलत तरह से लिया गया. उन्होंने आरोप लगाया की बीजेपी के राज में जनता की आवाज उठाने पर FIR हो जाती हैं. ईटीवी भारत से बात करते हुए कांतिलाल भूरिया ने कहा कि वह किसी से नहीं डरते.
भूरिया के खिलाफ लॉकडाउन के दौरान धारा 188 के तहत मामला दर्ज हो चुका है. वहीं रतलाम में भी इसी तरह का मामला दर्ज होने के बाद भूरिया ने गुरुवार को अपने बयान से पलटी मार ली है. भूरिया ने मंगलवार को कोरोना को लेकर जो बयान दीया था उसकी सफाई देते हुए भूरिया ने कहा कि केंद्र सरकार कोरोना से हुई मौतों के आंकड़े को छुपा रही है. भूरिया ने कहा कि लोग इससे डरे हुए हैं और जनप्रतिनिधि होने के नाते वे अगर जनता के बीच में जाते हैं तो प्रशासन उनके खिलाफ मामले दर्ज कर रहा है.
भूरिया ने प्रशासन को आड़े हाथों में हाथों लेते हुए चेतावनी दी है कि 90 दिनों के बाद कांग्रेस की सरकार बनने वाली है, तब उनका हिसाब किताब किया जाएगा. भूरिया अधिकारियों पर ने भाजपा नेताओं के दबाव में काम करने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा की भारतीय जनता पार्टी की सरकार आवाज दबाना चाहती है किंतु वह किसी से नहीं डरते. बता दें भाजपा सरकार के 100 दिन पूरे होने पर काला दिवस मनाया गया था, इस दौरान अपने भाषण में भूरिया ने कोरोना से ढाई लाख से ज्यादा लोगों के मरने की बात कही थी. इस मामले में बुधवार को भाजपा नेता और अधिवक्ता ओम शर्मा ने शिकायत दर्ज कराई थी.