झाबुआ। कोरोना वायरस को लेकर हुए लॉकडाउन के कारण गुजरात से निकलकर जिले के रास्ते अपने घर लौटने की जद्दोजहद करने वाले गरीब श्रमिकों की मदद के लिए जिले का न्याय विभाग अहम भूमिका निभा रहा है. प्रवासी मजदूरों को भोजन-पानी के साथ-साथ बुधवार को नंगे पैर मध्य प्रदेश की सीमा में पहुंचे श्रमिकों को न्यायिक अधिकारियों ने चप्पल-जूतों का भी वितरण किया.
गुजरात से लौटे थे पश्चिम बंगाल, ओड़िशा और मध्य प्रदेश के मजदूर
बुधवार सुबह मध्य प्रदेश-गुजरात सीमा पर ओड़िशा, पश्चिम बंगाल के साथ-साथ मध्य प्रदेश के कई जिलों के श्रमिक अहमदाबाद और सूरत से लौटे थे. सभी मजदूर पिटोल के इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट के पहले बने पुलिस चेक पोस्ट पर जमा थे. भूखे-प्यासे मजदूरों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के न्यायिक अधिकारियों ने खाना खिलाकर उनके गंतव्य की ओर रवाना किया. जो मजदूर नंगे पैर थे, उन्हें जूते-चप्पल भी दिए गए.
तीन दिनों से मदद में जुटे हैं जिले के कई न्यायधीश
प्रभारी जिला न्यायाधीश महेश कुमार शर्मा के नेतृत्व में अपर जिला न्यायाधीश राजेश कुमार धवलिया और न्यायाधीश गौरव प्रज्ञानंद के साथ जिले के तमाम मजिस्ट्रेट पिछले तीन दिनों से मध्य प्रदेश-गुजरात बॉर्डर पर पहुंचकर प्रवासी मजदूरों की मदद में जुटे हैं. न्यायिक अधिकारियों का मानना है कि, इस कोरोना नामक वैश्विक महामारी के दौर में सभी लोगों को एक दूसरे की मदद करनी चाहिए.