झाबुआ। शारदीय नवरात्रि के पहले दिन राजगढ़ नाका मित्र मंडल द्वारा झाबुआ में निकाले जाने वाला चल समारोह पूरे प्रदेश में विख्यात है. इस वर्ष न तो ये चल समारोह निकलेगा और न ही राजगढ़ नाके पर गरबा महोत्सव का आयोजन किया जाएगा. यह विरोध प्रदर्शन है राजगढ़ नाका मित्र मंडल का, जिसकी नींव कमलनाथ सरकार के अल्प कार्यकाल में रखी गई थी.
आयोजन स्थल की भूमि पर विवाद: राजगढ़ नाका मित्र मंडल द्वारा घट स्थापना पर जो चल समारोह निकाला जाता है उसमें देश के अलग-अलग राज्यों की संस्कृति की झलक देखने को मिलती है. इसके अलावा गुजरात राज्य की तरह ही राजगढ़ नाके पर पूरे नौ दिनों तक भव्य गरबा महोत्सव का भी आयोजन किया जाता है. इस बीच कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में राजगढ़ नाके पर स्थित गरबा ग्राउंड की जमीन पर बने शेड को प्रशासन ने हटा दिया और तार फेंसिंग कर वहां एक साइन बोर्ड लगा दिया, जिस पर लिखा है कि ये जमीन लोक संस्कृति यांत्रिक विभाग के आधिपत्य की है. चूंकि, कोरोना संक्रमण के चलते बीते दो सालों से नवरात्रि महोत्सव का आयोजन नहीं हो पाया था, लिहाजा इस वर्ष सभी को भव्य महोत्सव होने की उम्मीद थी. यह उम्मीद तब धूमिल हो गई जब राजगढ़ नाका मित्र मंडल की बैठक में ये निर्णय ले लिया गया कि जब तक गरबा महोत्सव के लिए पुनः वही जमीन उपलब्ध नहीं करा दी जाती, तब तक कोई भव्य आयोजन नहीं किया जाएगा.
राजस्व रिकॉर्ड में सार्वजनिक प्रयोजन की भूमि दर्ज करें: राजगढ़ नाका मित्र मंडल के सदस्य शैलेष दुबे का कहना है कि -" हम ये जमीन किसी संस्था के नाम से नहीं चाहते हैं. हमारी एक ही मांग है कि उक्त जमीन को राजस्व रिकॉर्ड में सार्वजनिक प्रयोजन के रूप में दर्ज की जाए. ताकि न केवल नवरात्रि महोत्सव, बल्कि अन्य कार्यक्रम भी यहां संपन्न हो सके. जब तक ऐसा नहीं किया जाता, तब तक सिर्फ प्रतीकात्मक रूप से नवरात्रि महोत्सव मनाया जाएगा." (Navratri Mahotsav 2022 ) (Rajgarh Naka Mitra Mandal)(Jhabua Navratri Mahotsav 2022)(Jhabua Navratri Mahotsav Chal Samaroh)