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कड़कनाथ खाओ कोरोना भगाओ! रिसर्च सेंटर ने ICMR से कहा मरीजों की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए डाइट में शामिल करें कड़कनाथ चिकन-अंडा

कड़कनाथ रिसर्च सेंटर ने दावा किया है कि कड़कनाथ का अंडा-चिकन कोरोना मरीजों की इम्युनिटी बढ़ा सकता है, इसलिए इसे कोरोना डाइट प्रोटोकाल में शामिल किया जाए, उसके इस दावे को कृषि विकास केंद्र ने भी समर्थन दिया है.

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फाइल फोटो
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Published : Jul 9, 2021, 8:02 PM IST

Updated : Jul 10, 2021, 4:46 PM IST

झाबुआ। झाबुआ कड़कनाथ रिसर्च सेंटर (KRC) और कृषि विकास केंद्र (KVK) ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानि (ICMR) और डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ रिसर्च सेंटर (DHRC) को चिट्ठी लिखकर ये दावा किया है कि कोरोना संक्रमित मरीजों और कोरोना से ठीक हुए मरीजों की डाइट में कड़कनाथ मुर्गा शामिल करने से उसकी इम्युनिटी बढ़ सकती है. चिट्टी में दोनों संस्थाओं की ओर से ये दावा किया गया है कि इसमें हाई प्रोटीन के साथ ही लो फैट पाया जाता है. साथ ही कोलेस्ट्राल फ्री भी होता है, लिहाजा पोस्ट कोविड और कोविड के दौरान डाइट प्रोटोकाल में इसे शामिल किया जाए.

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सक्षम मप्र के कड़कनाथ मुर्गे की मांग बढ़ी

निमाड़ क्षेत्र के आदिवासी बाहुल्य इलाकों में पाया जाने वाला कड़कनाथ मुर्गा रोग प्रतिरोधिक क्षमता बढ़ाने में मददगार है. कोरोना महामारी के दौर में लोग रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए तरह-तरह के तरीके अपना रहे हैं. एमपी का प्रसिद्ध कड़कनाथ मुर्गा रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ ही कम वसा व प्रोटीन से भरपूर होता है, जोकि हृदय-सांस और एनीमिक रोगी के लिए लाभकारी है. रिसर्च सेंटर ने प्रो-पोस्ट कोविड मरीजों की डाइट में कड़कनाथ मुर्गे को शामिल करने की मांग की है. हालांकि, इस पर फैसला आईसीएमआर को ही करना है.

कोरोना काल में लोगों का खास ध्यान रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर केंद्रित है. इसी के चलते इसकी मांग भी बढ़ी है. इसे देखते हुए राज्य शासन ने इसके उत्पादन और विक्रय को बढ़ाने के लिये विशेष योजना भी तैयार की है. इससे कुक्कुट पालकों की आय में भी इजाफा होगा. कड़कनाथ का शरीर, पंख, पैर, खून, मांस सब काले रंग का होता है. कड़कनाथ को पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम के अधिकृत विक्रेता चिकन पार्लर पर उपलब्ध कराया गया है.

पशु पालन विभाग के अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया ने बताया कि कड़कनाथ कुक्कुट पालन को सहकारिता के माध्यम से बढ़ावा देने के लिये कड़कनाथ के मूल जिलों झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी और धार की पंजीकृत कड़कनाथ कुक्कुट पालन समितियों के अनुसूचित जनजाति के 300 सदस्यों को प्रशिक्षण भी दिया गया है. झाबुआ जिले का चयन कड़कनाथ की मूल प्रजाति के कारण जीआई टैग के लिए पहले ही किया जा चुका है. योजना में 33 प्रतिशत महिलाओं को स्थान दिया गया है. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी कड़कनाथ मुर्गी पालन करते हैं.

झाबुआ। झाबुआ कड़कनाथ रिसर्च सेंटर (KRC) और कृषि विकास केंद्र (KVK) ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानि (ICMR) और डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ रिसर्च सेंटर (DHRC) को चिट्ठी लिखकर ये दावा किया है कि कोरोना संक्रमित मरीजों और कोरोना से ठीक हुए मरीजों की डाइट में कड़कनाथ मुर्गा शामिल करने से उसकी इम्युनिटी बढ़ सकती है. चिट्टी में दोनों संस्थाओं की ओर से ये दावा किया गया है कि इसमें हाई प्रोटीन के साथ ही लो फैट पाया जाता है. साथ ही कोलेस्ट्राल फ्री भी होता है, लिहाजा पोस्ट कोविड और कोविड के दौरान डाइट प्रोटोकाल में इसे शामिल किया जाए.

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सक्षम मप्र के कड़कनाथ मुर्गे की मांग बढ़ी

निमाड़ क्षेत्र के आदिवासी बाहुल्य इलाकों में पाया जाने वाला कड़कनाथ मुर्गा रोग प्रतिरोधिक क्षमता बढ़ाने में मददगार है. कोरोना महामारी के दौर में लोग रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए तरह-तरह के तरीके अपना रहे हैं. एमपी का प्रसिद्ध कड़कनाथ मुर्गा रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ ही कम वसा व प्रोटीन से भरपूर होता है, जोकि हृदय-सांस और एनीमिक रोगी के लिए लाभकारी है. रिसर्च सेंटर ने प्रो-पोस्ट कोविड मरीजों की डाइट में कड़कनाथ मुर्गे को शामिल करने की मांग की है. हालांकि, इस पर फैसला आईसीएमआर को ही करना है.

कोरोना काल में लोगों का खास ध्यान रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर केंद्रित है. इसी के चलते इसकी मांग भी बढ़ी है. इसे देखते हुए राज्य शासन ने इसके उत्पादन और विक्रय को बढ़ाने के लिये विशेष योजना भी तैयार की है. इससे कुक्कुट पालकों की आय में भी इजाफा होगा. कड़कनाथ का शरीर, पंख, पैर, खून, मांस सब काले रंग का होता है. कड़कनाथ को पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम के अधिकृत विक्रेता चिकन पार्लर पर उपलब्ध कराया गया है.

पशु पालन विभाग के अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया ने बताया कि कड़कनाथ कुक्कुट पालन को सहकारिता के माध्यम से बढ़ावा देने के लिये कड़कनाथ के मूल जिलों झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी और धार की पंजीकृत कड़कनाथ कुक्कुट पालन समितियों के अनुसूचित जनजाति के 300 सदस्यों को प्रशिक्षण भी दिया गया है. झाबुआ जिले का चयन कड़कनाथ की मूल प्रजाति के कारण जीआई टैग के लिए पहले ही किया जा चुका है. योजना में 33 प्रतिशत महिलाओं को स्थान दिया गया है. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी कड़कनाथ मुर्गी पालन करते हैं.

Last Updated : Jul 10, 2021, 4:46 PM IST
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