झाबुआ। मध्य प्रदेश के झाबुआ में सामाजिक समरसता की अनोखी मिसाल पेश की है. यहां कस्तूरबा मार्ग में विराजित झाबुआ के राजा की पहली महाआरती का लाभ सफाई कर्मियों (वाल्मिकी समाज के सदस्यों) ने लिया. ये वे लोग है जिनके हाथ में शहर की स्वच्छता की बागडोर है. इस आयोजन के सूत्रधार बने हिंदू संगठन के हिमांशु त्रिवेदी. झाबुआ के राजा गणेश जी को मन्नतों का राजा भी कहते हैं.
वाल्मिकी समाज ने प्रसाद भी बांटा: शहर के कस्तूरबा मार्ग में विराजित झाबुआ के राजा जन-जन की आस्था का केंद्र हैं. पूरे गणेशोत्सव के दौरान यहां हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं. बुधवार को गणेश उत्सव का पहला दिन था. इस दौरान रात में हुई पहली महाआरती वाल्मिकी समाज के सदस्यों ने उतारी. उनके साथ हिंदू संगठन के सदस्य हिमांशु त्रिवेदी, ललित त्रिवेदी और आशा त्रिवेदी भी मौजूद रहे. वाल्मिकी समाज के सदस्यों ने न केवल आरती उतारी बल्कि प्रसाद वितरण में भी सहयोग दिया.
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समाज के टोनी मालिया का सम्मान: महाआरती के पश्चात शहर को स्वच्छ रखने में योगदान देने पर झाबुआ के राजा ग्रुप द्वारा वाल्मिकी के सदस्य एवम नगर पालिका के प्रभारी टोनी मलिया को चांदी का सिक्का भेंटकर सम्मानित किया गया. अपने सम्मान से अभिभूत टोनी ने कहा कि झाबुआ के राजा ग्रुप ने समाज के सदस्यों को जो सम्मान दिया है वह अद्भुत है. इस खुशी को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता.
समाज में सामाजिक समरसता का संदेश जाना चाहिए: हिंदू संगठन से जुड़े हिमांशु त्रिवेदी ने बताया कि महाआरती में वाल्मिकी समाज को शामिल करने का उद्देश्य यही था कि समाज में सामाजिक समरसता का संदेश जाना चाहिए. इसके लिए झाबुआ के राजा के दरबार से उपयुक्त कोई स्थान हो ही नहीं सकता था.
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