झाबुआ। जिला अस्पताल में पदस्थ महिला डॉक्टर ने सुसाइड कर लिया है. निशा भायल गुरुवार दोपहर में ही पेटलावद से खासतौर पर ड्यूटी के लिए झाबुआ आईं थी, देर शाम घर लौटते ही उसने आत्महत्या कर ली. वह मेघनगर नाके पर किराए से कमरा लेकर रह रही थी. घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया और जांच शुरू कर दी है. सुसाइड नोट नहीं मिलने से पुलिस अब उसके मोबाइल के जरिए आत्महत्या के कारणों का पता लगाने में जुटी हुई है. डॉक्टर निशा मूल रूप से पेटलावद की रहने वाली थी. उनके पिता चैनालाल भायल पटवारी हैं.
घर में डॉक्टर का मिला शव: जांच में अब तक जो बात निकल कर सामने आ रही है उसके मुताबिक, गुरुवार देर शाम घरवालों ने उसे कई बार फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. ऐसे में घरवालों ने पड़ोस में ही रहने वाली एक अन्य डॉक्टर को फोन कर निशा से उनकी बात करवाने के लिए कहा. जब वह डॉक्टर निशा के घर पहुंची और दरवाजा खटखटाया तो किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं होने पर उसने आसपास के लोगों को इसकी जानकारी दी. पड़ोसियों ने जब घर के खिड़की का कांच तोड़कर देखा तो डॉक्टर मृत अवस्था में दिखी. रहवासियों ने इस घटना की जानकारी पुलिस और निशा के घरवालों को दी. सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया. शुक्रवार सुबह पोस्टमार्टम के पश्चात शव परिजन को सौंप दिया गया.
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नहीं मिला कोई सुसाइड नोट: SDOP बबिता बामनिया ने बताया कि, किसी तरह का कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. अब कॉल डिटेल और मैसेज के आधार पर डॉक्टर निशा के आत्महत्या के कारणों का पता चल पाएगा. कयास लगाए जा रहे हैं कि, जिला अस्पताल में ड्यूटी कर लौटने के बाद डॉक्टर निशा फोन पर किसी से बात कर रही थी. इसी दौरान किसी बात पर आवेश में आकर उसने आत्महत्या जैसा कदम उठाया. निशा भायल की जिला अस्पताल में 5-6 महीने पहले ही नियुक्ति हुई थी.