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आदिवासी छात्रावास में छात्राओं से अभ्रदता, कलेक्टर से लगाई न्याय की गुहार - झाबुआ आदिवासी छात्रावास न्यूज

जिले में कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावासों में छात्राओं और वार्डनों के बीच लगातार विवाद चल रहा है. जिसके चलते मेघनगर थांदला और झाबुआ हॉस्टल की छात्राओं ने कई बार कलेक्टर के सामने गुहार लगाई. लेकिन कोई हल नहीं निकला.

Students strike
छात्राओं ने दिया धरना
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Published : Dec 9, 2019, 9:26 PM IST

झाबुआ। जहां एक और मध्य प्रदेश सरकार आदिवासी छात्राओं की शिक्षा पर करोड़ों रुपए का बजट भेज रही है, तो दूसरी ओर जिले की छात्राओं ने रो-रोकर कलेक्टर को अपनी समस्या सुनाई है. मेघनगर कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास की छात्राओं ने लगभग एक घंटे तक कलेक्टर चैंबर के बाहर धरना देकर अपनी समस्यां कलेक्टर के सामने रखी. छात्राओं ने कहा कि छात्रावास की सीनियर छात्राएं उनके साथ अभद्र व्यवहार करती हैं और उनके साथ मारपीट जैसी घटना भी करती हैं. जबकि इस तरह के आरोप पहले भी लगाए जा चुके हैं. जिसकी जांच भी हुई. लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है.

छात्राओं ने दिया धरना


जिले में कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावासों में इन दिनों हालात कुछ ठीक नहीं चल रहे है. एक दर्जन कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावासों में छात्राओं और वार्डनों के बीच लगातार विवाद चल रहा है. जिसके चलते मेघनगर थांदला और झाबुआ हॉस्टल की छात्राओं ने कई बार कलेक्टर के सामने गुहार लगाई. पर इसका कोई हल नहीं निकला है. आलम ये है कि हॉस्टल का प्रभार एक रसायन को सौंप दिया गया, जबकि थांदला हॉस्टल अधीक्षक ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है. यही हालात मेघनगर में भी बने हुए हैं.


वहीं जिले में चल रहे कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावासों में अधीक्षक के पद को लेकर भी इन दिनों खूब राजनीति चल रही है. जिसके चलते छात्राओं को भी बरगलाया जा रहा है, और वार्डन के खिलाफ शिकायतें करवाई जा रही है. तो दूसरी ओर छात्राएं भी मुखर होकर अधिकारियों के खिलाफ आवाज़ उठाने लगी हैं. कलेक्टर ने भी इस मामले में साफ कह दिया है कि हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं को अनुशासन में रहना होगा. नहीं तो उन्हें हॉस्टल से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा. कलेक्टर ने कहा कि विवाद के चलते कोई भी महिला शिक्षक हॉस्टल का चार्ज लेना नहीं चाहती. जिसके चलते झाबुआ में रसोई अंको हॉस्टल का प्रभार दिया गया है.

झाबुआ। जहां एक और मध्य प्रदेश सरकार आदिवासी छात्राओं की शिक्षा पर करोड़ों रुपए का बजट भेज रही है, तो दूसरी ओर जिले की छात्राओं ने रो-रोकर कलेक्टर को अपनी समस्या सुनाई है. मेघनगर कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास की छात्राओं ने लगभग एक घंटे तक कलेक्टर चैंबर के बाहर धरना देकर अपनी समस्यां कलेक्टर के सामने रखी. छात्राओं ने कहा कि छात्रावास की सीनियर छात्राएं उनके साथ अभद्र व्यवहार करती हैं और उनके साथ मारपीट जैसी घटना भी करती हैं. जबकि इस तरह के आरोप पहले भी लगाए जा चुके हैं. जिसकी जांच भी हुई. लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है.

छात्राओं ने दिया धरना


जिले में कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावासों में इन दिनों हालात कुछ ठीक नहीं चल रहे है. एक दर्जन कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावासों में छात्राओं और वार्डनों के बीच लगातार विवाद चल रहा है. जिसके चलते मेघनगर थांदला और झाबुआ हॉस्टल की छात्राओं ने कई बार कलेक्टर के सामने गुहार लगाई. पर इसका कोई हल नहीं निकला है. आलम ये है कि हॉस्टल का प्रभार एक रसायन को सौंप दिया गया, जबकि थांदला हॉस्टल अधीक्षक ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है. यही हालात मेघनगर में भी बने हुए हैं.


वहीं जिले में चल रहे कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावासों में अधीक्षक के पद को लेकर भी इन दिनों खूब राजनीति चल रही है. जिसके चलते छात्राओं को भी बरगलाया जा रहा है, और वार्डन के खिलाफ शिकायतें करवाई जा रही है. तो दूसरी ओर छात्राएं भी मुखर होकर अधिकारियों के खिलाफ आवाज़ उठाने लगी हैं. कलेक्टर ने भी इस मामले में साफ कह दिया है कि हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं को अनुशासन में रहना होगा. नहीं तो उन्हें हॉस्टल से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा. कलेक्टर ने कहा कि विवाद के चलते कोई भी महिला शिक्षक हॉस्टल का चार्ज लेना नहीं चाहती. जिसके चलते झाबुआ में रसोई अंको हॉस्टल का प्रभार दिया गया है.

Intro:झाबुआ : झाबुआ जिले में कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावासों में इन दिनों हालात कुछ ठीक नहीं चल रहे जिले में चल रहा है एक दर्जन कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावासों में छात्राओं और वार्डनो की चल रहे विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे हैं इसके चलते मेघनगर थांदला और झाबुआ हॉस्टल की छात्राओं ने कई बार कलेक्टर के सामने दुहाई लगाई मगर इसका कोई हल नहीं निकला आलम यह हुआ कि झाबुआ की हॉस्टल का प्रभार एक रसायन को सौंप दिया गया जबकि थांदला हॉस्टल अधीक्षक ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया यही हालात मेघनगर में भी बने हुए हैं .


Body:एक और मध्य प्रदेश की सरकार आदिवासी छात्राओं की शिक्षा पर करोड़ों रुपए का बजट झाबुआ में भेज रही है तो दूसरी ओर जिले की छात्राएं रो-रोकर कलेक्टर को अपनी समस्या सुना रही है मेघनगर कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास की छात्राओं ने लगभग 1 घंटे तक कलेक्टर चैंबर के बाहर धरना देकर अपनी व्यथा कलेक्टर के सामने रखी छात्राओं ने कहा कि छात्रावास की सीनियर छात्राएं उनके साथ अभद्र व्यवहार करती है और उनके साथ मारपीट जैसी घटना भी करती है जबकि इस तरह के आरोप पहले भी लगाए जा चुके हैं जिसकी जांच भी हुई मगर जांच क्या हुई इसका निराकरण अधिकारियों ने आज तक सार्वजनिक नहीं किया.


Conclusion:जिले में चल रहे कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावासों में अधीक्षक के पद को लेकर इन दिनों खूब राजनीति चल रही है। जिसके चलते छात्राओं को भी बरगलाया जा रहा है, और वार्डन के खिलाफ शिकायतें करवाई जा रही है तो दूसरी और छात्राएं भी मुखर होकर अधिकारियों के खिलाफ आवाज़ उठाने लगी है। कलेक्टर ने भी इस मामले में साफ कह दिया है कि हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं को अनुशासन में रहना होगा नहीं तो उन्हें हॉस्टल से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। कलेक्टर ने कहा कि विवाद के चलते कोई भी महिला शिक्षक हॉस्टल का चार्ज लेना नहीं चाहती जिसके चलते झाबुआ में रसोई अंको हॉस्टल का प्रभार दिया गया है।
बाईट : स्कूली छात्रा
बाइट : कलेक्टर प्रबल सिपाहा
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