झाबुआ। देश में 2030 तक मलेरिया को मिटाने का लक्ष्य स्वास्थ्य विभाग ने निर्धारित किया है. वहीं हर साल मलेरिया से पीड़ित मरीजों की संख्या हजारों में बढ़ती रहती है. वही 2015 में झाबुआ जिले में 11617 की संख्या में मलेरिया के मरीज सामने आए थे. वहीं 2016 में 7306 और 2017 में 2314 व 2018 में 658 मरीज़ मिले थे. बता दें की इस साल केवल 101 मलेरिया पीड़ित मरीजों की पहचान ही हो पाई है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार मलेरिया पर अब नियंत्रण पा लिया गया है जिसके चलते यह संख्या घट गई है.
मलेरिया के रोकथाम में जुटा स्वास्थ्य विभाग, इस साल 101 मरीज आए सामने
झाबुआ जिले में स्वास्थ्य विभाग ने मलेरिया पर नियंत्रण पाने के लिए ग्रामीणों को मलेरिया जांच किट और उपचार उपलब्ध करा रही है. जिससे मलेरिया में नियंत्रण होता देखा जा सके.
झाबुआ। देश में 2030 तक मलेरिया को मिटाने का लक्ष्य स्वास्थ्य विभाग ने निर्धारित किया है. वहीं हर साल मलेरिया से पीड़ित मरीजों की संख्या हजारों में बढ़ती रहती है. वही 2015 में झाबुआ जिले में 11617 की संख्या में मलेरिया के मरीज सामने आए थे. वहीं 2016 में 7306 और 2017 में 2314 व 2018 में 658 मरीज़ मिले थे. बता दें की इस साल केवल 101 मलेरिया पीड़ित मरीजों की पहचान ही हो पाई है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार मलेरिया पर अब नियंत्रण पा लिया गया है जिसके चलते यह संख्या घट गई है.
Body:झाबुआ में हर साल मलेरिया से पीड़ित मरीजों की संख्या हजारों में रहती है। 2015 में झाबुआ जिले में 11617 मरीज मलेरिया के सामने आए थे। 2016 में 7306, 2017 में 2314 और 2018 में 658 मरीज़ मिले थे । वहीं इस साल विभाग केवल 101 मलेरिया पीड़ित मरीजों की पहचान कर पाया है विभाग का मानना है कि उसने मलेरिया पर नियंत्रण कर लिया है जिसके चलते यह संख्या घट गई है ।
Conclusion:जिले में मलेरिया से बचाव के लिए सरकारी स्तर पर 6 लाख 5 हजार मच्छरदानीयो का वितरण किया जा चुका है। स्वास्थ्य विभाग अपने ग्रामीण अमले के साथ गांवों में मलेरिया जांच किट ओर उपचार उपलब्ध कराने के चलते जिले में मलेरिया नियंत्रण होता जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग आने वाले दिनों में जिले के सभी सरकारी आवासीय हॉस्टलों में विद्यार्थियों के लिए होस्टल में ही मलेरिया की जांच और उपचार उपलब्ध कराने की बात कर रहा है ताकि मलेरिया की रोकथाम की जा सके ।
बाइट : आर एस सिसोदिया, जिला मलेरिया अधिकारी