झाबुआ। सड़क हादसे में मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. सड़क दुर्घटनाएं कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों को कड़े निर्देश दिए हैं. सड़क पर संकेतक और सूचना बोर्ड नहीं होने के चलते भी कई लोगों को असमय ही सड़क दुर्घटना का शिकार होना पड़ता है, जिसमें कई बार मौत तक हो जाती है.
दरअसल, सड़क पर फर्राटा भरते वाहनों पर यातायात विभाग और आरटीओ पूरे साल चालान काटने के साथ ही लाइसेंस निरस्त करने जैसी बड़ी कार्रवाई भी करता है, बावजूद इसके यातायात नियमों की अनदेखी जानलेवा साबित हो रही है. शराब पीकर वाहन चलाना, बिना हेलमेट लगाये बाइक चलाना और सड़कों की बनावट में तकनीकी खामी के अलावा खराब सड़कों के चलते ऐसे हादसे होते रहते हैं.
जिले में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए सड़क निर्माण एजेंसी के साथ पुलिस और आरटीओ ने जिले भर में 100 ऐसे स्थानों को चिह्नित किया है, जो संभावित दुर्घटना के कारण बनते हैं. अंधा मोड़, झाड़ियों वाले रोड, सड़क बनाने में तकनीकी कमी, वाहनों की स्पीड कंट्रोल जैसी अनियमितता को दुरुस्त कर अब अधिकारी सड़क दुर्घटना कम करने की बात कह रहे हैं. बता दे कि पिछले दो सालों में 322 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. इधर साल के शुरुआती महीने में ही 80 लोगों की जान जा चुकी है.