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एमपी झाबुआ बीते 2 सालों में 322 लोगों की सड़क हादसों में हुई मौत - action

सुप्रिम कोर्ट के निर्देश दिये जाने के बाद भी सड़क हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे है. वहीं हादसें में मरने वालों की संख्या भी दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही है.

खराब सड़क।
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Published : Feb 5, 2019, 4:12 PM IST

झाबुआ। सड़क हादसे में मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. सड़क दुर्घटनाएं कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों को कड़े निर्देश दिए हैं. सड़क पर संकेतक और सूचना बोर्ड नहीं होने के चलते भी कई लोगों को असमय ही सड़क दुर्घटना का शिकार होना पड़ता है, जिसमें कई बार मौत तक हो जाती है.

दरअसल, सड़क पर फर्राटा भरते वाहनों पर यातायात विभाग और आरटीओ पूरे साल चालान काटने के साथ ही लाइसेंस निरस्त करने जैसी बड़ी कार्रवाई भी करता है, बावजूद इसके यातायात नियमों की अनदेखी जानलेवा साबित हो रही है. शराब पीकर वाहन चलाना, बिना हेलमेट लगाये बाइक चलाना और सड़कों की बनावट में तकनीकी खामी के अलावा खराब सड़कों के चलते ऐसे हादसे होते रहते हैं.

खराब सड़क।
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जिले में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए सड़क निर्माण एजेंसी के साथ पुलिस और आरटीओ ने जिले भर में 100 ऐसे स्थानों को चिह्नित किया है, जो संभावित दुर्घटना के कारण बनते हैं. अंधा मोड़, झाड़ियों वाले रोड, सड़क बनाने में तकनीकी कमी, वाहनों की स्पीड कंट्रोल जैसी अनियमितता को दुरुस्त कर अब अधिकारी सड़क दुर्घटना कम करने की बात कह रहे हैं. बता दे कि पिछले दो सालों में 322 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. इधर साल के शुरुआती महीने में ही 80 लोगों की जान जा चुकी है.

झाबुआ। सड़क हादसे में मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. सड़क दुर्घटनाएं कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों को कड़े निर्देश दिए हैं. सड़क पर संकेतक और सूचना बोर्ड नहीं होने के चलते भी कई लोगों को असमय ही सड़क दुर्घटना का शिकार होना पड़ता है, जिसमें कई बार मौत तक हो जाती है.

दरअसल, सड़क पर फर्राटा भरते वाहनों पर यातायात विभाग और आरटीओ पूरे साल चालान काटने के साथ ही लाइसेंस निरस्त करने जैसी बड़ी कार्रवाई भी करता है, बावजूद इसके यातायात नियमों की अनदेखी जानलेवा साबित हो रही है. शराब पीकर वाहन चलाना, बिना हेलमेट लगाये बाइक चलाना और सड़कों की बनावट में तकनीकी खामी के अलावा खराब सड़कों के चलते ऐसे हादसे होते रहते हैं.

खराब सड़क।
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जिले में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए सड़क निर्माण एजेंसी के साथ पुलिस और आरटीओ ने जिले भर में 100 ऐसे स्थानों को चिह्नित किया है, जो संभावित दुर्घटना के कारण बनते हैं. अंधा मोड़, झाड़ियों वाले रोड, सड़क बनाने में तकनीकी कमी, वाहनों की स्पीड कंट्रोल जैसी अनियमितता को दुरुस्त कर अब अधिकारी सड़क दुर्घटना कम करने की बात कह रहे हैं. बता दे कि पिछले दो सालों में 322 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. इधर साल के शुरुआती महीने में ही 80 लोगों की जान जा चुकी है.

Intro:झाबुआ: सड़क हादसे में मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने देश के सभी सरकारों को कड़े निर्देश दिए हैं। झाबुआ में बीते 25 महीनों में हुई सड़क दुर्घटनाओं में 322 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। जिले में वर्ष 2017 में 905 सड़क दुर्घटना हुई जिसमें 147 लोगों की मौत हो गई जबकि 942 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सड़कों पर संकेतों और सूचनाओं पट्टीकाओ के ना होने के चलते भी कई लोगों को असमय ही सड़क दुर्घटना का शिकार हो कर अपनी जान गवाना पड़ी।


Body:सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा वर्ष 2018 में बढ़कर 981 हो गया, जिसमें 157 लोगों की मौत हो गई जबकि 911 लोग गंभीर रूप से घायल होकर अस्पताल पहुंचे। सड़कों पर अंधाधुन दौड़ते इन वाहनों पर यातायात विभाग ओर आरटीओ द्वारा सालभर चालानी कार्रवाई के साथ साथ लाइसेंस निरस्त जैसी बड़ी कार्रवाई भी होती है, बावजूद सड़क पर यातायात नियमों का पालन करने को लेकर लोगों की उदासीन मानसिकता उनके लिए ही जानलेवा साबित होती है । जिले में सड़क दुर्घटनाओं के कई कारण है ,जिसमें शराब पीकर वाहन चलाना ,दु पहिया वाहन चालकों द्वारा हेलमेट का उपयोग ना करना और सड़कों की बनावट में तकनीकी कमी के साथ-साथ खराब सड़कों का होना भी शामिल है।


Conclusion:साल के शुरुआत महीने में ही झाबुआ में सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा 80 पर हो चुका है जिसमें 18 लोगों की मौत हो चुकी है और 113 लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। जिले में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए सड़क निर्माण एजेंसी के साथ-साथ पुलिस और आरटीओ ने जिले भर में 100 ऐसे स्थानों को चिन्हित किया है, जो संभावित दुर्घटना के कारण बनते हैं ।अंधे मोड़ , झाड़ियों वाले रोड, सड़क बनाने में तकनीकी कमी, वाहनों की स्पीड कंट्रोल आधी को दुरुस्त कर अब अधिकारी सड़क दुर्घटना कम करने की बात कह रहे है।
बाइट विनीत जैन एसपी झाबुआ
बाइट राजेश गुप्ता आरटीओ झाबुआ
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