झाबुआ। वैश्विक महामारी कोरोना काल के दौरान लोगों को अपने शरीर में ऑक्सीजन लेवल बनाए रखने के लिए कई तरह के जतन करना पड़ रहे हैं. कोरोना संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन के लिए कितना परेशान होना पड़ रहा है, इसकी तस्वीरें रोज लाखों लोगों को विचलित कर रही है. ऐसे में शरीर में ऑक्सीजन की कमी और मौसम जनित बीमारियों में काम आने वाले देसी नुस्खे का उपयोग झाबुआ में खूब हो रहा है. यहां ऑक्सीजन लेवल को मेंटेन करने के लिए झाबुआ महासंघ के बैनर तले देसी नुस्खा अपना कर रक्षा पोटलियां बनाई जा रही है. संघ का दावा है कि वे 50 हजार रक्षा पोटली तैयार करेंगे, जिन्हें वे झाबुआ सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों में निशुल्क रूप से लोगों को वितरित करेंगे.
- क्या है, रक्षा पोटली
इस रक्षा पोटली में लोंग, अजवाइन, कपूर की एक बट्टी को एक छोटे कपड़े में बांधकर पोटली तैयार की जा रही है. जिन्हें उस तरह की पोटली दी जा रही है, उन्हें कुछ समय के अंतराल में पोटली सूंघने की सलाह दी जाती है. दावा है कि इससे शरीर मे ऑक्सीजन लेवल मेंटेन रहता है. देश के पहाड़ी इलाकों में इस तरह के नुस्खे अपनाएं जाते हैं, जिन्हें अब संक्रमण काल मे गांव-गांव तक लोगों की मदद के लिए पहुंचाया जा रहा है.
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- 32 हजार पोटली का वितरण किया
झाबुआ के सामाजिक महासंघ ने अब तक 32 हजार रक्षा पोटलियों का वितरण जिले भर में करने का दावा किया है. महसंघ ने जिला कलेक्टर सोमेश मिश्रा के साथ-साथ पुलिस, नगर पालिका और शहर के विभिन्न वार्ड पार्षदों को उनके वार्डों में वितरित करने के लिए यह रक्षा पोटलिया सौंपी है. इन पोटलियों की सुगंध से मौसम जनित बीमारियों से भी बचाव होने का दावा है. वहीं यह तरीका देसी होने के चलते इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता. लिहाजा बड़ी संख्या में लोग रक्षा पोटली लेने के लिए भी महासंघ के लोगों से संपर्क कर रहे हैं.
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- बैतूल में भी बनाए जा रहे हैं रक्षा लॉकेट
बैतूल में भी महिला एवं बाल उत्थान समिति ऑक्सीजन मैजिक लॉकेट बांट रही हैं. रक्षा पोटली की तरह इस लॉकेट में कपूर, अजवाइन, लोंग और पिपरमेंट की एक पोटली बनाकर उसे धागे से बांधकर लोकेट जैसा तैयार किया जा रहा है. इसे लोगों को गले में पहनने या जेब में रखकर बार-बार सूंघने की सलाह दी जा रही है. ऑक्सीजन मैजिक लॉकेट या रक्षा पोटली लोगों की ऑक्सीजन लेवल को मेंटेन करने के लिए काफी उपयोगी साबित हो रहे हैं. लिहाजा शहर के विभिन्न संगठन इसे जरूरतमंद लोगों के साथ-साथ फील्ड में काम कर रहे विभिन्न संस्थाओं के कर्मचारियों को भी निशुल्क रूप से वितरित कर रहे हैं.