झाबुआ। नवंबर से ही कपास की आवक जिले की मंडियों और बाजारों में होने लगती है. लेकिन नवंबर माह के बीत जाने के बाद भी बाजार में कपास की आवक नहीं हो रही है. प्रदेश भर में हुई अतिवृष्टि के चलते इस बार कपास की फसल एक से डेढ़ माह लेट हो गई है. अब दिसंबर के पहले पखवाड़े में कपास की आवक शुरू होने के कयास लगाए जा रहे हैं.
पिछले साल झाबुआ और रतलाम कॉटन क्षेत्र में 2 लाख 10 हजार किलो कपास का उत्पादन हुआ था. विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार उत्पादन पिछले साल की तुलना में बढ़ेगा. अच्छी बारिश के चलते सिंचित खेतों के साथ-साथ असिंचित खेतों में भी कपास का उत्पादन अच्छा रहेगा.
ये भी कहा जा रहा है कि कपास का अच्छा उत्पादन होने के बावजूद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में रुई के दाम कम होने के चलते किसानों को पिछले साल के मुकाबले भाव में कुछ कमी देखने को मिल सकती है. पिछले साल डीसीएस कपास का भाव 7 हजार रुपए से शुरू हुआ था, इस साल 6300 रुपए से शुरू हुआ है. वहीं बाजार में फिलहाल 5800 प्रति क्विंटल की दर से कपास खरीदा जा रहा है.