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झाबुआ में कपास की फसल हुई लेट, भाव में आ सकती है कमी - Cotton Plaque Late,

प्रदेश भर के साथ झाबुआ जिले में हुई अतिवृष्टि के चलते कपास की फसल की आवक इस बार दिसंबर महीने में होगी. साथ ही अच्छी बारिश होने की वजह से इस बार कपास का उत्पादन अच्छा रहेगा.

Cotton crop delayed in Jhabua due to heavy brain in mp
नहीं हो रही सफेद सोने की आवक
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Published : Dec 1, 2019, 1:45 PM IST

Updated : Dec 1, 2019, 2:56 PM IST

झाबुआ। नवंबर से ही कपास की आवक जिले की मंडियों और बाजारों में होने लगती है. लेकिन नवंबर माह के बीत जाने के बाद भी बाजार में कपास की आवक नहीं हो रही है. प्रदेश भर में हुई अतिवृष्टि के चलते इस बार कपास की फसल एक से डेढ़ माह लेट हो गई है. अब दिसंबर के पहले पखवाड़े में कपास की आवक शुरू होने के कयास लगाए जा रहे हैं.

नहीं हो रही सफेद सोने की आवक

पिछले साल झाबुआ और रतलाम कॉटन क्षेत्र में 2 लाख 10 हजार किलो कपास का उत्पादन हुआ था. विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार उत्पादन पिछले साल की तुलना में बढ़ेगा. अच्छी बारिश के चलते सिंचित खेतों के साथ-साथ असिंचित खेतों में भी कपास का उत्पादन अच्छा रहेगा.

ये भी कहा जा रहा है कि कपास का अच्छा उत्पादन होने के बावजूद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में रुई के दाम कम होने के चलते किसानों को पिछले साल के मुकाबले भाव में कुछ कमी देखने को मिल सकती है. पिछले साल डीसीएस कपास का भाव 7 हजार रुपए से शुरू हुआ था, इस साल 6300 रुपए से शुरू हुआ है. वहीं बाजार में फिलहाल 5800 प्रति क्विंटल की दर से कपास खरीदा जा रहा है.

झाबुआ। नवंबर से ही कपास की आवक जिले की मंडियों और बाजारों में होने लगती है. लेकिन नवंबर माह के बीत जाने के बाद भी बाजार में कपास की आवक नहीं हो रही है. प्रदेश भर में हुई अतिवृष्टि के चलते इस बार कपास की फसल एक से डेढ़ माह लेट हो गई है. अब दिसंबर के पहले पखवाड़े में कपास की आवक शुरू होने के कयास लगाए जा रहे हैं.

नहीं हो रही सफेद सोने की आवक

पिछले साल झाबुआ और रतलाम कॉटन क्षेत्र में 2 लाख 10 हजार किलो कपास का उत्पादन हुआ था. विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार उत्पादन पिछले साल की तुलना में बढ़ेगा. अच्छी बारिश के चलते सिंचित खेतों के साथ-साथ असिंचित खेतों में भी कपास का उत्पादन अच्छा रहेगा.

ये भी कहा जा रहा है कि कपास का अच्छा उत्पादन होने के बावजूद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में रुई के दाम कम होने के चलते किसानों को पिछले साल के मुकाबले भाव में कुछ कमी देखने को मिल सकती है. पिछले साल डीसीएस कपास का भाव 7 हजार रुपए से शुरू हुआ था, इस साल 6300 रुपए से शुरू हुआ है. वहीं बाजार में फिलहाल 5800 प्रति क्विंटल की दर से कपास खरीदा जा रहा है.

Intro:झाबुआ: दीपावली के बाद नवंबर माह से ही सफेद सोने यानी कपास की आवक जिले की मंडियों और बाजारों में होने लगती है, मगर नवंबर माह के बीत जाने के बावजूद बाजार में कपास याने सफेद सोने की आवक नहीं हो रही। देशभर के साथ जिले में हुई अतिवृष्टि के चलते इस बार कपास की फसल एक से डेढ़ माह लेट हो गई है। अब दिसंबर के पहले पखवाड़े में कपास की आवक शुरू होने के कयास लगाए जा रहे हैं।


Body:पिछले साल झाबुआ - रतलाम कॉटन क्षेत्र में 210000 गठान का उत्पादन हुआ था। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार उत्पादन पिछले साल की तुलना में बढ़ेगा। अच्छी बारिश के चलते सिंचित खेतो के साथ साथ बयडीये वाले खेतो में भी कपास का उत्पादन अच्छा रहेगा। इधर जानकारों का मानना है कि कपास का अच्छा-अच्छा उत्पादन होने के बावजूद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में रुई के दाम कम होने के चलते किसानों को पिछले साल के मुकाबले भाव में कुछ कमी देखने को मिल सकती है ।


Conclusion:पिछले साल जो डीसीएस कपास ₹7000 से शुरू हुआ था वर्तमान में यही डीसीएस कपास ₹6300 के प्रारंभिक भाव से शुरू हुआ है वहीं बाजार में फिलहाल ₹5800 प्रति क्विंटल की दर से कपास खरीदा जा रहा है खेती में या भाव महेश ₹5500 तक सीमित है। रुई और कपासिया के भाव में मंदी होने के चलते फिलहाल किसानों को कपास की फसल से ज्यादा लाभ की उम्मीद नहीं रखना चाहिए, मगर उत्पादन बढ़ने से किसानों को आर्थिक रूप से जरूर फायदा होगा ।
बाइट : विनोद बाफना , सेक्रेटरी रतलाम झाबुआ कॉटन एसोसिएशन
Last Updated : Dec 1, 2019, 2:56 PM IST
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