झाबुआ। आदिवासी बहुल इलाके झाबुआ में तमाम कोशिशों के बाद भी अंधविश्वास दूर होने का नाम नहीं ले रहा है. झाबुआ से एक ऐसी ही तस्वीर सामने आई जो हैरान कर देने वाली है. जिले के समोई गांव में मासूम बच्चे को सर्दी जुकाम से निजात दिलाने के लिए लोहे की गर्म सलाखों से दाग दिया गया.
जानकारी के मुताबिक झाबुआ के जिले के समोई गांव में रहने वाले कमलेश हटिला अपने दूध मुंहे बेटे को सर्दी-जुकाम की शिकायत के बाद डॉक्टर के पास ले जाने की बजाय तांत्रिक के पास ले गया. तांत्रिक ने इलाज के नाम पर बच्चे के सीने को गर्म सलाखों से 15 बार दाग दिया.
इतनी बेरहमी करने के बाद भी बच्चे की सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ तो परिजन ने गुजरात ले जाकर इलाज करवाने का मन बनाया. रास्ते में तबीयत खराब होने पर पिटोल में डॉक्टर को दिखाया. पिटोल में प्राथमिक उपचार के बाद परिवार बच्चे को लेकर इलाज के लिए बाहर चला गया.
स्वास्थ्य और शिक्षा के मामले में झाबुआ जिले में सुधार तो जरूर हुआ है लेकिन इस तरह के मामले बेशक ये उजागर करते आए हैं कि आज भी यहां के लोगों की अंधविश्वास में आस्था है. बीमारी के चलते यहां लोग आज भी डॉक्टरों की बजाय तांत्रिक की शरण में जाते हैं.