झाबुआ। पूर्ववर्ती सरकार के अवैध कॉलोनियों को वैध करने के फैसले को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के पलटे जाने का असर झाबुआ में भी हो रहा है क्योंकि वहां की 29 कॉलोनियां अवैध से वैध होने की प्रक्रिया के बीच फिर से अवैध घोषित हो गई हैं. इस फैसले के चलते अब इन कॉलोनियों में प्लाट पर न तो लोन मिलेगा और न ही निर्माण की मंजूरी. लिहाजा अब कॉलोनियों में नगर पालिका विकास के काम भी नहीं करा पाएगी.
अवैध कॉलोनियों में प्लॉट खरीदने के इच्छुक लोग अपने प्लॉट की रजिस्ट्री तो करा सकेंगे, लेकिन इस रजिस्ट्री पर न तो नगर पालिका उन्हें निर्माण की अनुमति देगा और न ही बैंक लोन देगा. अवैध कॉलोनी होने के चलते नगर पालिका इन कॉलोनियों में सड़क, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधा भी मुहैया नहीं करा पाएगी.
40 हजार की आबादी वाले शहर के किशनपुरी, रामकृष्ण नगर, उदयपुरिया, मोदीपाड़ा, एलआईसी कॉलोनी, सिद्धेश्वर कॉलोनी, रोहिदास मार्ग, बसंत कॉलोनी, टीचर कॉलोनी को अवैध की सूची में डाला गया है. शासन के आदेश के बाद इन अवैध कॉलोनियों को वैध किया जा रहा था, यहां रहने वाले हजारों लोगों को उम्मीद थी कि अब उनके क्षेत्र में विकास के काम होंगे, लेकिन नए आदेश के तहत अब सब स्थिर कर दिया गया है.