जबलपुर। साल 2020-21 में दुनिया ने सबसे बड़ी महामारी देखी. कोरोना संक्रमण ने हर किसी को यह बता दिया कि सेहत सर्वोपरि है. महामारी के दौर में इम्यूनिटी को मजबूत रखने के लिए हर किसी ने योग का सहारा लिया. शारीरिक हो या मानसिक, हर तरह से तंदरुस्त रहने के लिए लोगों ने योग को जरिया बनाया. आंकड़े बताते हैं कि कोरोना महामारी के बाद योग करने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. वहीं जबलपुर की एक युवती हैं गंगा चक्रवर्ती, जिन्हें योग गुरू वॉटर गर्ल नाम से ख्याति प्राप्त है. आखिर वह ऐसा क्या करती हैं जिस वजह से उन्होंने अपनी यह पहचान बनाई. जानने के लिए पढ़िए ईटीवी भारत की यह खास रिपोर्ट.
पानी में आसानी से करती हैं योग
अपने विभिन्न तरह के योग से ख्याति बना चुकी गंगा चक्रवर्ती को आज मध्य प्रदेश में वॉटर गर्ल कहा जाता है. योग गुरू गंगा न सिर्फ जमीन बल्कि पानी में भी योग में निपुण हो चुकी हैं. वॉटर गर्ल गंगा चक्रवर्ती योग आसन के जरिए आराम से पानी में तैर भी सकती हैं. वह ऐसा हर रोज करती हैं. उनका मानना है कि हर किसी को दिन में कम से कम 10 से 15 मिनट योग या सूर्य नमस्कार करना चाहिए.
पानी में योग आसन करना, योग करने का एक बेहतर तरीका है, पानी में योग करने से शरीर में तेजी से शक्ति उत्पन्न होती है.
-गंगा चक्रवर्ती, योग गुरू वॉटर गर्ल
'इम्यूनिटी बूस्टर' है योग
ईटीवी भारत से खास बातचीत में योग गुरू वॉटर गर्ल गंगा चक्रवर्ती ने कहा, आज योग करना सबके लिए जरूरी है, जो योग कर रहा है उनकी उम्र भी बढ़ रही है. जो जितना ज्यादा योग करता है, वह उतनी ज्यादा उम्र तक जीवित रहता है. इतना ही नहीं योग से कोरोना संक्रमण से भी बचा जा सकता है, क्योंकि आप जितना योग करेंगे आपके शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता उतनी ही बढ़ेगी. अगर 15 मिनट भी आप सूर्य नमस्कार करते हैं तो यह आपके शरीर के लिए फायदेमंद है.
मां-बेटे की सुपर जोड़ी
योग गुरू वॉटर गर्ल गंगा चक्रवर्ती जैसी ही एक मां-बेटे की जोड़ी भी है. जो योग के क्षेत्र में जबरदस्त काम कर रही है. जबलपुर की रहने वाली योग टीचर आरती तिवारी अपने बेटे के साथ कई सेमिनार में शामिल हो चुकी हैं, जहां से वह दोनों योग के गुर सीखते हैं. अब इसे बढ़वा देने के लिए मां-बेटे की यह जोड़ी रोजाना न सिर्फ घर पर योग करती है बल्कि सेमिनार के जरिए लोगों को भी योग सिखाती हैं. योग टीचर आरती तिवारी के 10 साल के बेटे भी योग में इतने निपुण हैं कि वह भी सेमिनार में शामिल होकर दूसरों को योग सिखाते हैं.
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मानव सभ्यता की शुरुआत से है योग
मान्यता के अनुसार, मानव सभ्यता की शुरुआत से ही योग किया जा रहा है. योग के विज्ञान की उत्पत्ति हजारों साल पहले धर्मों या आस्था के जन्म लेने से भी काफी पहले हो गई थी. योग विद्या के अनुसार शिव को पहले योगी या आदि योगी और पहले गुरू या आदि गुरू के रूप में माना जाता है. योग एक संस्कृत शब्द है. ऋग्वेद में की गई इसकी व्याख्या के अनुसार, योग एक ऐसी शक्ति है जिससे हम अपने मन, मस्तिष्क और शरीर को एक सूत्र में पिरो सकते हैं.
इस वजह से मनाते हैं योग दिवस
हर साल होती है एक नई थीम
हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है, बड़े पैमाने पर कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं. लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते ज्यादातर कार्यक्रम डिजिटल, वर्चुअल और इलेक्ट्रॉनिक मंच के माध्यम से ही होंगे. हर साल की तरह पीएम नरेन्द्र मोदी योग का महत्व समझाने और इसके लिए लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से अपना संबोधन देंगे. वहीं इस साल 'योग फॉर वेल्नेस' थीम रखी गई है.