जबलपुर। जापान में 'टाइयो नो टमागो' के नाम से मशहूर आम की एक खास वरायटी है, जिसे इंग्लिश में 'एग ऑफ द सन' का नाम दिया गया है. जापान में इस वरायटी के आम लगभग ढाई लाख रुपए किलो बेचे गए हैं. आम की इस खास वरायटी को अब जबलपुर में भी सफलतापूर्वक उगाया जा रहा है. जिले की तिलवारा घाट के पास अपनी बंजर पड़ी जमीन पर संकल्प सिंह परिहार इसकी खेती कर रहे हैं.
आम की ये विशेष प्रजाति 'टाइयो नो टमागो' इन दिनों पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बनी हुई है. यह आम अंडे की शक्ल का होता है. बैंगनी और लाल कलर के साथ ही पकने पर इसका कुछ हिस्सा पीला पड़ जाता है. इसमें रेशे नहीं पाए जाते और स्वाद में यह बहुत मीठा होता है. आम की यह प्रजाति जापान में संरक्षित वातावरण में उगाई जाती है, लेकिन संकल्प सिंह परिहार ने अपनी बंजर पड़ी जमीन पर इसे खुले वातावरण में ही उगाया है. इस आम को मल्लिका भी कहते हैं.
संकल्प ने बताया कि इस आम की खेती में किसी केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया गया है. उन्होंने कुछ देशी हाइब्रिड और कुछ विदेशी हाइब्रिड किस्म के आमों की किस्में लगाई हैं. इनमें सबसे ज्यादा सफल मल्लिका किस्म के आम की खेती में मिली है. संकल्प का कहना है कि यह आम अल्फांसों से भी बेहतर है. इसमें ज्यादा पल्प होता है. मल्लिका की यह वरायटी काफी स्वादिष्ट बताई जा रही है.