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वन्य प्राणी प्रेमी बंदरों-मछलियों को रोजाना खिला रहे भोजन - feed food to monkeys and fishes

बेजुबान जानवरों से लगाव रखने वाले वन्य प्राणी प्रेमी दिलीप भारती रोजाना बंदरों और मछलियों को भोजन खिलाने के लिए उनके पास पहुंचते हैं. जिसके लिए इंतजाम भी वो खुद ही करते हैं.

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वन्यजीव प्रेमी
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Published : Jun 4, 2020, 5:32 PM IST

Updated : Jun 4, 2020, 6:02 PM IST

जबलपुर। इंसान और जानवरों का रिश्ता सादियों पुराना है. दोनों एक दूसरे के प्रति वफादार रहे हैं और दोनों ने इस जीवन च्रक में एक-दूसरे का बाखूबी साथ दिया है. जानवरों से लगाव रखने वाले वन्य प्राणी प्रेमी दिलीप भारती हैं, जो रोजाना बंदरों और मछलियों को भोजन खिलाने के लिए उनके पास पहुंचते हैं.

बंदरों को खाना खिलाते दिलीप

दिलीप भारती कई सालों से बेजुबान जानवरों को भोजन खिलाने का काम कर रहे हैं, लॉकडाउन में भी वो बंदरों को खाना खिलाने से नहीं कतराए. जानवरों के प्रति लगाव रखने वाले दिलीप भारती ने बताया कि वो रोजाना पहले की ही तरह बंदरों और मछलियों को भोजन कराने यहां आते हैं. इन बंदरों को खिलाने के लिए करीब 15 किलो गाठिया लाते हैं. नर्मदा किनारे लम्हेटा घाट के पास रहने वाले दिलीप ने कहा कि वे किसान हैं, बंदरों और मछलियों को भोजन कराने के लिए वे खुद ही व्यवस्था करते हैं.

बंदरों के बीच बैठकर खिलाते हैं खाना

दिलीप भारती खाना लेकर जैसे ही अपनी गाड़ी से उनके पास पहुंचते हैं, उसी दौरान बंदर उन्हें चारों ओर से घेर लेते हैं. इसके बाद वे खाने की थैली से गठिया निकालकर उन्हें खिलाना शुरू कर देते हैं और दिलीप तब तक उनके पास बैठे रहते हैं, जब तक उनका खाना खत्म नहीं हो जाता है.

जबलपुर। इंसान और जानवरों का रिश्ता सादियों पुराना है. दोनों एक दूसरे के प्रति वफादार रहे हैं और दोनों ने इस जीवन च्रक में एक-दूसरे का बाखूबी साथ दिया है. जानवरों से लगाव रखने वाले वन्य प्राणी प्रेमी दिलीप भारती हैं, जो रोजाना बंदरों और मछलियों को भोजन खिलाने के लिए उनके पास पहुंचते हैं.

बंदरों को खाना खिलाते दिलीप

दिलीप भारती कई सालों से बेजुबान जानवरों को भोजन खिलाने का काम कर रहे हैं, लॉकडाउन में भी वो बंदरों को खाना खिलाने से नहीं कतराए. जानवरों के प्रति लगाव रखने वाले दिलीप भारती ने बताया कि वो रोजाना पहले की ही तरह बंदरों और मछलियों को भोजन कराने यहां आते हैं. इन बंदरों को खिलाने के लिए करीब 15 किलो गाठिया लाते हैं. नर्मदा किनारे लम्हेटा घाट के पास रहने वाले दिलीप ने कहा कि वे किसान हैं, बंदरों और मछलियों को भोजन कराने के लिए वे खुद ही व्यवस्था करते हैं.

बंदरों के बीच बैठकर खिलाते हैं खाना

दिलीप भारती खाना लेकर जैसे ही अपनी गाड़ी से उनके पास पहुंचते हैं, उसी दौरान बंदर उन्हें चारों ओर से घेर लेते हैं. इसके बाद वे खाने की थैली से गठिया निकालकर उन्हें खिलाना शुरू कर देते हैं और दिलीप तब तक उनके पास बैठे रहते हैं, जब तक उनका खाना खत्म नहीं हो जाता है.

Last Updated : Jun 4, 2020, 6:02 PM IST
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