ETV Bharat / state

सड़क पर क्यों सो रहा गरीब? हाईकोर्ट ने मांगा जवाब - जबलपुर न्यूज

जबलपुर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए नगरी प्रशासन विभाग से जवाब मांगा है, की सड़क पर सोने वाले गरीब लोगों के लिए और बेघर लोगों के लिए सरकार क्या सुविधा देती है. सरकार की रैन बसेरा व्यवस्था में लोगों को परेशानी क्यों हो रही है.

Jabalpur High Court
जबलपुर हाईकोर्ट
author img

By

Published : Feb 12, 2021, 10:27 PM IST

जबलपुर। सड़क पर क्यों सोने को मजबूर हैं? गरीब रैन बसेरों की स्थिति ठीक क्यों नहीं? आखिर गरिबों को रैन बसेरों में क्यों नहीं पहुंचाया जाता? सड़क पर सोने के लिए मजबूर गरिबों के संबंध में हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार से मांगा जवाब मांगा है.

  • रैन बसेरा व्यवस्था बदहाल

याचिकाकर्ता की ओर से मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में पैरवी कर रहे वकील दिनेश उपाध्याय ने बदहाल रैन बसेरों की स्थिति कोर्ट के सामने रखी. दिनेश उपाध्याय का कहना है कि रैन बसेरों की स्थिति बहुत खराब है. इनमें यदि कोई गरीब पहुंचता है तो उसे रुकने में परेशानी होती है. रैन बसेरे के संचालक लोगों को रुकने नहीं देते.

  • इंदौर का नजीर पेश किया गया

याचिकाकर्ता की ओर से इंदौर में बुजुर्गों के साथ होने वाली घटना का उदाहरण पेश किया गया. एडवोकेट का कहना है कि इंदौर में जिस तरीके से बुजुर्गों को गाड़ी में भर के सुनसान इलाके में छोड़ दिया गया था. ऐसी स्थिति पूरे प्रदेश में है. सरकार को इस मामले में गंभीर कदम उठाने चाहिए. देश एक ओर खुद को विश्व गुरु बनाने पर तुला है, दूसरी ओर अभी भी लाखों लोग सड़क पर सोने को मजबूर हैं. यह लोग सरकार को नजर नहीं आते. इसलिए आम आदमी को कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ता है.

जबलपुर। सड़क पर क्यों सोने को मजबूर हैं? गरीब रैन बसेरों की स्थिति ठीक क्यों नहीं? आखिर गरिबों को रैन बसेरों में क्यों नहीं पहुंचाया जाता? सड़क पर सोने के लिए मजबूर गरिबों के संबंध में हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार से मांगा जवाब मांगा है.

  • रैन बसेरा व्यवस्था बदहाल

याचिकाकर्ता की ओर से मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में पैरवी कर रहे वकील दिनेश उपाध्याय ने बदहाल रैन बसेरों की स्थिति कोर्ट के सामने रखी. दिनेश उपाध्याय का कहना है कि रैन बसेरों की स्थिति बहुत खराब है. इनमें यदि कोई गरीब पहुंचता है तो उसे रुकने में परेशानी होती है. रैन बसेरे के संचालक लोगों को रुकने नहीं देते.

  • इंदौर का नजीर पेश किया गया

याचिकाकर्ता की ओर से इंदौर में बुजुर्गों के साथ होने वाली घटना का उदाहरण पेश किया गया. एडवोकेट का कहना है कि इंदौर में जिस तरीके से बुजुर्गों को गाड़ी में भर के सुनसान इलाके में छोड़ दिया गया था. ऐसी स्थिति पूरे प्रदेश में है. सरकार को इस मामले में गंभीर कदम उठाने चाहिए. देश एक ओर खुद को विश्व गुरु बनाने पर तुला है, दूसरी ओर अभी भी लाखों लोग सड़क पर सोने को मजबूर हैं. यह लोग सरकार को नजर नहीं आते. इसलिए आम आदमी को कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.