जबलपुर। कोरोना महामारी के बावजूद जबलपुर में इस साल रिकॉर्ड गेंहू खरीदी हुई है. जिले के करीब 31 से ज्यादा गेहूं खरीदी केंद्रों में किसानों से गेहूं लेने का जिम्मा महिलाओ ने उठाया था. यही वजह है कि बिना विवाद के ज्यादा से ज्यादा किसान गेहूं खरीदी में शामिल हुए. जबलपुर जिले में करीब स्व सहायता समूह चलाने वाली महिलाओ को तैनात किया गया था. इस दौरान जिले के 123 गेहूं खरीदी केंद्रों में 5 लाख 26 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी हुई. जिसके लिए सरकार ने किसानों को अभी तक 900 करोड़ रुपए का भुगतान किया है. लेकिन इसके बावजूद अभी भी करीब 138 करोड़ रुपए किसानों का अटका हुआ है.
किसानों अटका हुआ है पैसा
सालभर तक खेतों में मेहनत कर अनाज को बेचने के बाद किसानों को उम्मीद होती है कि जल्द से जल्द उसका भुगतान हो जाए. हर साल किसानों को विलंब से अपनी फसल का भुगतान लेना पड़ता है. किसानों की माने तो बंपर खरीदी के बाद भी इस साल करीब 61 हजार 000 किसानों ने अपना पंजीयन करवाया था. जबकि 48000 किसानों ने ही अपना गेहूं शासन को बेचा. ऐसे में करीब 13 हजार 000 किसान ऐसे थे जिनका गेहूं खरीदी केंद्रों तक नही पहुंचा. जिसकी एक बड़ी वजह यह भी थी कि किसानों को मैसेज तो आया पर उनका माल खरीदा नहीं गया.
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इधर जबलपुर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा का कहना है कि कोरोना संक्रमण होने के बावजूद जबलपुर जिले में बंपर गेहूं खरीदी की गई. साथ ही गेहूं का परिवहन अभी तक 99% हो चुका है. इसके अलावा 900 करोड़ रुपए का भुगतान किसानों को कर दिया गया है. जो भुगतान बचा हुआ है वह भी एक-दो दिन में कर दिया जाएगा.
जिला में गेहूं खरीदी की स्थिति
- कुल गेहूं खरीद केंद्र - 123
- इस साल गेहूं खरीदी का लक्ष्य - 4.60 लाख टन
- कुल गेहूं खरीदी - 5.27 लाख टन
- जिले में पंजीकृत किसान - 61 हजार 256
- गेहूं बिक्री में शामिल होने वाले किसान - 48 हजार 551
- अभी तक किसानों को कुल भुगतान - 900 करोड़
- किसानों का शेष भुगतान - 138 करोड़