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जबलपुरः ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का किया एलान, मूलभूत सुविधाओं का है बुरा हाल - mp

पथरीले इलाके में होने की वजह से डुमना और काकरतला गांव में पानी की समस्या है. गांव तक पहुंचने के लिए पक्की रोड नहीं है. सड़क और पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं होने की वजह से उन्होंने तय किया है कि इस बार वे चुनाव के लिए वोट नहीं डालेंगे.

चुनाव बहिष्कार
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Published : Apr 19, 2019, 9:08 PM IST

जबलपुर। शहर स्मार्ट सिटी बन गया है, शहर की साज-सज्जा पर सौ करोड़ के लगभग खर्च हुआ है. लेकिन आसपास के गांव के हालात बदतर है. जिले के डुमना और काकरतला गांव ऐसे गांव है जहां लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए भी तरस रहे है, जिसके चलते ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला लिया है.


डुमना और काकरतला दोनों ही आदिवासी गांव हैं इसमें गोंड जनजाति के लगभग एक हजार लोग रहते हैं जिनमें 545 वोटर हैं. यह गांव जबलपुर के हवाई अड्डे के ठीक पीछे बसा हुआ है. पथरीले इलाके में होने की वजह से गांव में पानी की समस्या है. गांव तक पहुंचने के लिए पक्की रोड नहीं है. गांव के ज्यादातर लोग मजदूर हैं. ग्रामीणों का कहना है कि वे विकास में पिछड़ गए हैं सड़क और पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं होने की वजह से उन्होंने तय किया है कि इस बार वे चुनाव के लिए वोट नहीं डालेंगे.

चुनाव बहिष्कार


जबलपुर कलेक्टर का कहना है वोट डालने के लिए लोग स्वतंत्र हैं लोगों को ज्यादा से ज्यादा अपने दायित्व का निर्वहन करना चाहिए. लेकिन किसी को मनाया नहीं जाएगा. ना ही मतदान के लिए किसी की अनर्गल मांग मानी जाएगी. साथ ही कलेक्टर ने कहा कि पानीकी समस्या का निराकरण किया जाएगा. वहीं ग्रामीणों को लगता है कि चुनाव का बहिष्कार करने से सरकार का ध्यान उनकी तरफ जाएगा.

जबलपुर। शहर स्मार्ट सिटी बन गया है, शहर की साज-सज्जा पर सौ करोड़ के लगभग खर्च हुआ है. लेकिन आसपास के गांव के हालात बदतर है. जिले के डुमना और काकरतला गांव ऐसे गांव है जहां लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए भी तरस रहे है, जिसके चलते ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला लिया है.


डुमना और काकरतला दोनों ही आदिवासी गांव हैं इसमें गोंड जनजाति के लगभग एक हजार लोग रहते हैं जिनमें 545 वोटर हैं. यह गांव जबलपुर के हवाई अड्डे के ठीक पीछे बसा हुआ है. पथरीले इलाके में होने की वजह से गांव में पानी की समस्या है. गांव तक पहुंचने के लिए पक्की रोड नहीं है. गांव के ज्यादातर लोग मजदूर हैं. ग्रामीणों का कहना है कि वे विकास में पिछड़ गए हैं सड़क और पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं होने की वजह से उन्होंने तय किया है कि इस बार वे चुनाव के लिए वोट नहीं डालेंगे.

चुनाव बहिष्कार


जबलपुर कलेक्टर का कहना है वोट डालने के लिए लोग स्वतंत्र हैं लोगों को ज्यादा से ज्यादा अपने दायित्व का निर्वहन करना चाहिए. लेकिन किसी को मनाया नहीं जाएगा. ना ही मतदान के लिए किसी की अनर्गल मांग मानी जाएगी. साथ ही कलेक्टर ने कहा कि पानीकी समस्या का निराकरण किया जाएगा. वहीं ग्रामीणों को लगता है कि चुनाव का बहिष्कार करने से सरकार का ध्यान उनकी तरफ जाएगा.

Intro:जबलपुर के हवाई अड्डे से लगे डुमना और ककरतला गांव में मतदान का बहिष्कार की घोषणा पीने का पानी और सड़क नहीं होने की वजह से ग्रामीण नहीं करना चाहते मतदान


Body:जबलपुर स्मार्ट सिटी बन गया है शहर में सिर्फ सात सज्जा पर ही 100 करोड़ के लगभग खर्चा कर दिया गया है जबलपुर के हवाई अड्डे पर भी चार सौ करो रुपए की लागत से आधुनिक हवाई अड्डा बनाया जा रहा है लेकिन डुमना नाम के जिस गांव के नाम पर हवाई अड्डा बनाया जा रहा है उस गांव की हालत बेहद चिंताजनक है और लोगों के पास पीने तक का पानी नहीं है इसलिए डुमना और काकरतला नाम की दो गांव के लोगों ने मतदान ना करने का फैसला किया है

डुमना और काकरतला यह दोनों ही आदिवासी गांव हैं इसमें गोंड जनजाति के लगभग 1000 लोग रहते हैं 545 वोटर हैं यह गांव जबलपुर के हवाई अड्डे के ठीक पीछे बसा हुआ है पथरी ले इलाके में होने की वजह से इस गांव में पानी की बहुत समस्या है पानी लगभग 400 से 500 पेट की गहराई पर है गांव के पास में एक तालाब है उसी से निस्तार और पीने का पानी मिलता है कक्कड़ तला में एक बोरवेल है जो दिन में एक बार पानी देता है इसी से गांव के 500 लोग पानी भरते हैं गांव तक पहुंचने के लिए पक्की रोड नहीं है गांव के ज्यादातर लोग मजदूर हैं लोगों का कहना है कि वह विकास में बिछड़ गए हैं सड़क और पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं होने की वजह से उन्होंने तय किया है कि इस बार वे चुनाव के लिए वोट नहीं डालेंगे गांव में समस्याएं यहीं खत्म नहीं हो जाती बच्चों के लिए स्कूल नहीं है और लोगों के पास काम नहीं है

पास के हवाई अड्डे पर बाहर से आई लोगों को रोजगार मिल रहा है लेकिन स्थानीय ग्रामीणों को तरजीह नहीं दी जा रही है नाही गांव के लोगों को पानी जैसी मूलभूत समस्या को लेकर ही हवाई अड्डे के अधिकारी कर्मचारियों ने कभी कोई पहल नहीं की सवाल यह खड़ा होता है कि इसी हवाई अड्डे से होकर पूरी सरकार गुजरती है लेकिन इन गरीबों पर किसी का ध्यान नहीं जाता

जबलपुर कलेक्टर का कहना है वोट डालने के लिए लोग स्वतंत्र हैं लोगों को ज्यादा से ज्यादा अपने दायित्व का निर्वहन करना चाहिए लेकिन किसी को मनाया नहीं जाएगा और ना ही मतदान के लिए किसी की अनर्गल मांग मानी जाएगी यह आम आदमी का दायित्व है और उसे निभाना चाहिए हालांकि कलेक्टर का कहना है पानी की जरूरत पूरा किया जाएगा


Conclusion:इन लोगों को उम्मीद है कि वोट का बहिष्कार करने से सरकार का ध्यान उनकी तरफ जाएगा और हो सकता है कि उनके गांव में जल नल योजना आ जाए ताकि उन्हें कम से कम पीने का पानी तो मिल सके
byte ग्रामीण
बाइट छवि भारद्वाज कलेक्टर जबलपुर
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