जबलपुर। शहर स्मार्ट सिटी बन गया है, शहर की साज-सज्जा पर सौ करोड़ के लगभग खर्च हुआ है. लेकिन आसपास के गांव के हालात बदतर है. जिले के डुमना और काकरतला गांव ऐसे गांव है जहां लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए भी तरस रहे है, जिसके चलते ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला लिया है.
डुमना और काकरतला दोनों ही आदिवासी गांव हैं इसमें गोंड जनजाति के लगभग एक हजार लोग रहते हैं जिनमें 545 वोटर हैं. यह गांव जबलपुर के हवाई अड्डे के ठीक पीछे बसा हुआ है. पथरीले इलाके में होने की वजह से गांव में पानी की समस्या है. गांव तक पहुंचने के लिए पक्की रोड नहीं है. गांव के ज्यादातर लोग मजदूर हैं. ग्रामीणों का कहना है कि वे विकास में पिछड़ गए हैं सड़क और पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं होने की वजह से उन्होंने तय किया है कि इस बार वे चुनाव के लिए वोट नहीं डालेंगे.
जबलपुर कलेक्टर का कहना है वोट डालने के लिए लोग स्वतंत्र हैं लोगों को ज्यादा से ज्यादा अपने दायित्व का निर्वहन करना चाहिए. लेकिन किसी को मनाया नहीं जाएगा. ना ही मतदान के लिए किसी की अनर्गल मांग मानी जाएगी. साथ ही कलेक्टर ने कहा कि पानीकी समस्या का निराकरण किया जाएगा. वहीं ग्रामीणों को लगता है कि चुनाव का बहिष्कार करने से सरकार का ध्यान उनकी तरफ जाएगा.