जबलपुर। पंडित द्वारका प्रसाद मिश्र इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी डिजाइन एंड मेन्युफैक्चरिंग संस्थान में कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें उप राष्ट्रपति एम वैंकैया नायडू भी शामिल हुए. उन्होंने कहा कि देश के औद्योगिक विकास के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डाटा एनालिसिस, मशीन टू मशीन कम्युनिकेशन, रोबोटिक्स जैसी नई तकनीकों को अपनाना होगा. इस मौके पर उप राष्ट्रपति ने स्कूलिंग के साथ स्किलिंग की प्रक्रिया को भी सतत जारी रखने पर जोर दिया.
उप राष्ट्रपति जबलपुर के पंडित द्वारका प्रसाद मिश्र इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी डिजाइन एंड मेन्युफैक्चरिंग में आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए, जहां बड़ी संख्या में प्रौद्योगिकी के छात्रों की मौजूदगी में उन्होंने युवा पीढ़ी से आह्वान किया कि वे स्कूलिंग के साथ-साथ स्किलिंग की प्रक्रिया को भी सतत जारी रखें, तभी न केवल वे सफल हो सकते हैं, बल्कि देश को भी प्रगति के रास्ते पर ले जा सकते हैं.
उप राष्ट्रपति ने कहा कि भारत एक युवा देश है, जिसकी 65 फीसदी आबादी 35 वर्ष से कम आयु वर्ग की है. भारत के युवा न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था को गति दे सकते हैं, बल्कि विश्व के अन्य देशों को भी लाभान्वित कर सकते हैं. इसके लिए डिग्री ही नहीं बल्कि उभरती टेक्नोलॉजी में कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करना भी जरूरी है. आज की दुनिया तेजी से बदल रही है और हम ऐसे विश्व में रह रहे हैं, जहां चौथी औद्योगिक क्रांति हमारे लिए नए अवसरों के द्वार खोल रही है.
विनिर्माण क्षेत्र के लिए नई चुनौतियां को ही उन्होंने अवसरों की संज्ञा दी. उन्होंने कहा कि विनिर्माण के क्षेत्र में भारत विश्व का पांचवा सबसे बड़ा उत्पादक देश है. किसी देश की अर्थव्यवस्था की प्रगति विनिर्माण क्षेत्र में प्रगति से नापी जा सकती है. ये चिंता का विषय है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में विनिर्माण क्षेत्र का योगदान है. जो 16 प्रतिशत पर बना हुआ है. हमारा प्रयास है कि इसे जीडीपी के 25 फीसदी स्तर पर बढ़ाया जाए.
उपराष्ट्रपति ने अनुसंधान और शोध के क्षेत्र में किए जाने वाले कम खर्च पर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि किसी भी देश की तकनीकी प्रगति का अनुमान सार्वजनिक और निजी क्षेत्र द्वारा अनुसंधान पर किए जा रहे खर्च से लगाया जा सकता है. देश में अनुसंधान और शोध पर सार्वजनिक खर्च अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले बहुत कम है. उन्होंने इसके लिए निजी क्षेत्र से आगे आने का आह्वान करते हुए कहा कि वे अधिक संसाधन उपलब्ध कराएं, ताकि विश्वविद्यालय और शोध संस्थानों में अत्याधुनिक तकनीकों पर अनुसंधान के कार्य हो सके.
उप राष्ट्रपति ने देश में हो रहे डिजिटल क्रांति की चर्चा करते हुए कहा कि देश में डिजिटल डिवाइड को पाटने के लिए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम चलाया जा रहा है. भारत नेट के तहत 1.5 लाख ग्राम पंचायतों को चार लाख किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर के माध्यम से हाई स्पीड ब्रॉडबैंड से जोड़ा गया है, जिससे ई गवर्नेंस का लाभ सुदूरवर्ती गांवों तक पहुंच सकेगा. देश में डिजिटल साक्षरता बढ़ाने के लिए व्यापक अभियान चलाया जा रहा है.
उन्होंने डिजिटल सामग्री के भारतीय भाषाओं में उपलब्ध न होने पर चिंता जताते हुए कहा कि यदि डिजिटल क्रांति और ई गवर्नेंस का लाभ समाज के आखिरी व्यक्ति तक पहुंचाना है तो उसे भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराना होगा. इस मौके पर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने विद्यार्थियों के द्वारा बनाये गए प्रोजेक्ट्स का अवलोकन किया और उनसे सीधा संवाद किया. उपराष्ट्रपति ने ट्रिपल आईटी डीएम परिसर में रीवा रेसिडेंसी आवासीय परिसर का उद्घाटन करने के साथ ही रुद्राक्ष के पौधे का रोपण भी किया.