जबलपुर। वंदे भारत एक्सप्रेस को लेकर एक बार फिर पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर मंडल में सरगर्मी तेज हो गई है. संभावना जताई जा रही है कि 24 अप्रैल को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रीवा आएंगे तो वो प्रदेश को 2 और ब्रांड न्यू वंदे भारत ट्रेन की सौगात देंगे. वंदे भारत एक्सप्रेस के संचालन का पूरा एकाधिकार रेल मंत्रालय का है. प्रधानमंत्री कार्यालय और रेल मंत्रालय की ओर से तैयारियों को लेकर रेलवे के स्थानीय अधिकारियों को जो संकेत मिल रहे हैं उससे यही लगता है कि जबलपुर के साथ ही रीवा के खाते में भी खुशखबरी आएगी. इसके साथ ही इंदौर का वंदे भारत का इंतजार भी खत्म हो जाएगा. अमूमन आखिरी वक्त तक किसी को इस बात की सटीक जानकारी नहीं होती है कि नई वंदे भारत एक्सप्रेस कब और कहां शुरु होगी. पीएम खुद लोगों को सरप्राइज देते हैं.
रीवा-जबलपुर-भोपाल और जबलपुर-इंदौर के बीच दौड़ेगी वंदे भारत: जबलपुर मंडल में भी वंदे भारत एक्सप्रेस को लेकर सुगबुगाहट है. केंद्र सरकार के कई विभागों के अधिकारी कर्मचारियों को इस बात के संकेत दिए गए हैं कि वह वंदे भारत ट्रेन में यात्रा करने के लिए तैयार रहें. इसकी सुगबुगाहट का इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि रेलवे ने अधिकारियों पीएम के रीवा दौरे के मद्देनजर अलर्ट मोड पर रहने के लिए कहा है. इसके साथ ही कहा गया है कि पीएम अपने दौरे में छात्रों से भी बातचीत करेंगे. आमतौर पर पीएम जब भी नई जेनेरेशन की वंदे भारत ट्रेन को लॉन्च करते समय स्टूडेंट्स से बात करते ही करते हैं और उन्हे ट्रेन की यात्रा भी कराते हैं. लिहाजा इससे पीएम के वंदे भारत ट्रेन की सौगात देने की बात को पूरा बल मिलता है. कुछ दिनों पहले रेलवे के अधिकारियों ने रीवा स्टेशन का दौरा भी किया था.
रेल अधिकारी क्या कहते हैं: अधिकारियों का कहना है कि "हमारे पास इस बात की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है कि प्रधानमंत्री कब और कहां से इस एक्सप्रेस की शुरुआत करेंगे. इसलिए इस बात के फिलहाल कयास लगाए जा रहे हैं कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश में रीवा के दौरे पर आएंगे तो हो सकता है कि वो यहां से नई वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत करें. ये पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर मंडल के क्षेत्राधिकार में आता है, जिसके कारण एक और संभावना जताई जा रही है कि ये एक्सप्रेस रीवा से जबलपुर या फिर भोपाल के लिए और जबलपुर से इंदौर के लिए भी चलाई जा सकती है. लेकिन इसकी टाइमिंग क्या होगी, अभी इस बात की जानकारी सार्वजनिक नहीं है."
'वंदे भारत एक्सप्रेस' आत्मनिर्भर भारत की तस्वीर: वंदे भारत रेल को मोदी सरकार एक बड़ी सफलता के रूप में और नई पीढ़ी की ट्रेन के रुप में प्रदर्शित कर रही है, जबलपुर आए केंद्रीय कैबिनेट मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी इस बात का जिक्र किया कि "वंदे भारत ट्रेन हमारा गौरव है, क्योंकि यह एक्सप्रेस आत्मनिर्भर भारत की तस्वीर है. इस रेल को भारत में ही बनाया जा रहा है और इसकी वजह से न केवल लोगों को आने-जाने की सुविधा मिली है बल्कि बड़ी तादाद में लोगों को रोजगार भी मिला है."
जानें कितना मिलेगा ट्रैफिक: जबलपुर से भोपाल और इंदौर के लिए फिलहाल 6 अलग-अलग रेलगाड़ियां हैं, इस रूट पर जनशताब्दी के विस्तार की बात भी है. ऐसे हालात में इसी रूट पर एक नई रेलगाड़ी को कितना ट्रैफिक मिलेगा यह नहीं कहा जा सकता. मगर इतना जरुर है कि सभी वंदे भारत को पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिल रहा है लिहाजा वंदे भारत एक्सप्रेस शुरू होती है तो इस गाड़ी को भी पर्याप्त सवारी मिलेगी.