भोपाल। हौसला हो तो इंसान कुछ भी कर सकता है. ऐसा ही कुछ भोपाल की रहने वाली गुंजिता अग्रवाल ने कर दिखाया है. उन्होंने यूपीएससी में 26वी रैंक हासिल की है. जब रिजल्ट आया, तब गुंजिता दिल्ली में थी और फोन पर ईटीवी भारत संवाददाता आदर्श चौरसिया से उन्होंने बात कर अपने अनुभव को शेयर किया. इस रैंक के पीछे वह बताती हैं कि कड़ी मेहनत और हौसले ने ही उनको इस मुकाम तक पहुंचाया है. वो बताती हैं कि कई बार मैं निराश हो जाती थी और यह एग्जाम पहले भी दे चुकी हूं, लेकिन वह रिजल्ट नहीं आया, जो चाहिए था. जिसके बाद भाई ने एक मेंटोर के रूप में पूरा सहयोग दिया और हर बार निराश होने के बाद भी मैं पीछे नहीं हटी. फिर आगे चलकर खड़ी हो गई. इसका पूरा श्रेय वह अपने भाई और परिवार को देती हैं. भाई यश मुंबई में प्राइवेट जॉब करते हैं. जबकि बहन शादीशुदा होने के बाद बेंगलुरु में पति के साथ है. भाई यश और गरिमा का हमेशा इनको सहयोग मिला है, तो पिता और माता ने भी पूरा सहयोग दिया.
इस पल का था इंतजार: गुंजिता कहती हैं कि फिलहाल तो उन्हें यह समझ में नहीं आ रहा है कि इतनी मेहनत के बाद वह पल आ गया, जिसका उन्हें बेसब्री से इंतजार था, लेकिन जो सोचा करने का वह कर पाने का मौका मिला है. इसलिए वह सभी काम करने हैं. गुंजिता 26वी रैंक हासिल करने के बाद प्रशासनिक सेवा की अधिकारी बनेगी. ऐसे में वह बताती हैं कि उनकी आगे की क्या सोच है और उन्हें क्या काम करने हैं. उनके अनुसार उन्हें लगता है कि वहां पहुंचकर ज्यादा बेहतर हो पाएगा, क्योंकि वहां जाकर बहुत सारी अपॉर्चुनिटी मिलती है. बहुत सारे काम करने को मिलते हैं. लोगों की मदद करने को बहुत मिलता है, तो में उस पद पर पहुंचगी तो यह सब जरूर करूंगी. फिलहाल में पॉलिसी मेकिंग का कोर्स कर रही हूं तो उसमें भी कुछ करना चाहती हूं. एजुकेशन वूमेंस, डेवलपमेंट और चाइल्ड डेवलपमेंट में बहुत काम करना चाहती हूं और कुछ बदलाव लाना चाहती हूं यह मैंने सोचा.
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बैकअप प्लान जरूरी: गुंजिता ने कहा कि बैकअप का प्लान जरूर रख सकते हैं, अगर आप एग्जाम में फेल होते हैं तो दूसरा विकल्प अपने साथ जरूर रखें. मैंने भी यही सोचा और एक और UPSC की तैयारी करती रही. वहीं दूसरी ओर policy-making का कोर्स भी कर रही थी. आईएएस की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स को गुंजिता कहती हैं कि किसी को भी देखकर इस एग्जाम की तैयारी ना करें. इस एग्जाम में पहले आप उसको समझें और फिर अपना इरादा बनाएं, क्योंकि इसके लिए तैयारी आपको खुद ही करनी है. आप अगर अंदर से स्ट्रांग रहेंगे तो निश्चित ही आगे बढ़ पाएंगे.निराशा भी आपके जीवन का एक पहलू है. इसलिए अगर आप अंदर से स्ट्रांग है तो उस निराशा के समय भी आप उबर सकते हैं. गुंजिता कहती हैं कि आपके अंदर एटीट्यूड भी होना जरूरी है, लेकिन यह भी ध्यान रखें कि कर्म करो फल की चिंता ना करें.