जबलपुर। जबलपुर में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर अपने चरम पर पहुंच गई है. शहर में वर्तमान में 6000 से ज्यादा एक्टिव मरीज हैं, जो केवल अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं. इतने ही लोग घरों में भी संक्रमण का शिकार हैं. ऐसे में कुछ लोगों को प्लाज्मा थेरेपी की जरूरत होने पर उनके लिए दो पुलिस वाले संकटमोचन बनकर सामने आए.
ऑक्सीजन प्लांट संचालक के सामने नतमस्तक हुए मंत्री प्रद्युम्न सिंह
कब जागेंगे नेता और अधिकारी
पुलिस अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही है, लेकिन जबलपुर के समाजसेवी एक सवाल खड़ा कर रहे हैं की प्लाज्मा दान करना रक्तदान करने जैसा महत्वपूर्ण काम है. शहर के कई प्रशासनिक अधिकारी और नेता कोरोना संक्रमण के बाद ठीक हुए हैं, लेकिन इन लोगों ने अब तक प्लाज्मा दान करने की कोशिश नहीं की. ये लोग दूसरों से प्लाज्मा दान करने की अपील करते हैं, लेकिन खुद सामने नहीं आ रहे हैं. इस मुश्किल दौर में लोगों को इन वीआईपी लोगों की बहुत जरूरत है, लेकिन दुर्भाग्य कि ये बयान बाजी तक ही सीमित रह जा रहे हैं.