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महामारी में संकटमोचक बने पुलिस वाले, मरीज को दान किया प्लाज्मा

कोरोना संक्रमण अपने चरम पर है. संक्रमण की चपेट में आने से मरने वालों का आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है. इस बीच मरीज को प्लाज्मा थेरेपी की जरूरत होने पर उनके लिए दो पुलिस वाले संकटमोचक बनकर सामने आए.

जबलपुर न्यूज
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Published : Apr 25, 2021, 3:32 AM IST

जबलपुर। जबलपुर में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर अपने चरम पर पहुंच गई है. शहर में वर्तमान में 6000 से ज्यादा एक्टिव मरीज हैं, जो केवल अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं. इतने ही लोग घरों में भी संक्रमण का शिकार हैं. ऐसे में कुछ लोगों को प्लाज्मा थेरेपी की जरूरत होने पर उनके लिए दो पुलिस वाले संकटमोचन बनकर सामने आए.

जबलपुर न्यूज
पुलिस ने फिर दिखाई दिलेरीपुलिस की छवि बहुत अच्छी नहीं है. सामान्य तौर पर पुलिसिया तंत्र में भ्रष्टाचार की खबरें और लोगों को बेवजह पीटने की खबरें सामने आती हैं, लेकिन जबलपुर पुलिस इन दिनों मददगार बनकर सामने आई है. दरअसल, सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हुआ कि छिंदवाड़ा और सतना की दो मरीजों के लिए प्लाज्मा की जरूरत है. इस मैसेज को देख कर जबलपुर कैंट थाने के प्रभारी विजय तिवारी और इसी थाने के सिपाही रामकृष्ण शर्मा तुरंत प्लाज्मा देने के लिए तैयार हो गए. उनका टेस्ट हुआ और इन्होंने प्लाज्मा दान किया. हालांकि, एक मरीज की जान नहीं बच पाई, लेकिन पुलिस वालों का यह जज्बा सराहनीय है. दो दिन पहले भी पुलिस वालों ने गैलेक्सी अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म हो जाने की वजह से उपजी समस्या का तुरंत निदान किया था. आज फिर पुलिस ने एक अनुकरणीय काम किया है.

ऑक्सीजन प्लांट संचालक के सामने नतमस्तक हुए मंत्री प्रद्युम्न सिंह

कब जागेंगे नेता और अधिकारी

पुलिस अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही है, लेकिन जबलपुर के समाजसेवी एक सवाल खड़ा कर रहे हैं की प्लाज्मा दान करना रक्तदान करने जैसा महत्वपूर्ण काम है. शहर के कई प्रशासनिक अधिकारी और नेता कोरोना संक्रमण के बाद ठीक हुए हैं, लेकिन इन लोगों ने अब तक प्लाज्मा दान करने की कोशिश नहीं की. ये लोग दूसरों से प्लाज्मा दान करने की अपील करते हैं, लेकिन खुद सामने नहीं आ रहे हैं. इस मुश्किल दौर में लोगों को इन वीआईपी लोगों की बहुत जरूरत है, लेकिन दुर्भाग्य कि ये बयान बाजी तक ही सीमित रह जा रहे हैं.

जबलपुर। जबलपुर में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर अपने चरम पर पहुंच गई है. शहर में वर्तमान में 6000 से ज्यादा एक्टिव मरीज हैं, जो केवल अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं. इतने ही लोग घरों में भी संक्रमण का शिकार हैं. ऐसे में कुछ लोगों को प्लाज्मा थेरेपी की जरूरत होने पर उनके लिए दो पुलिस वाले संकटमोचन बनकर सामने आए.

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पुलिस ने फिर दिखाई दिलेरीपुलिस की छवि बहुत अच्छी नहीं है. सामान्य तौर पर पुलिसिया तंत्र में भ्रष्टाचार की खबरें और लोगों को बेवजह पीटने की खबरें सामने आती हैं, लेकिन जबलपुर पुलिस इन दिनों मददगार बनकर सामने आई है. दरअसल, सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हुआ कि छिंदवाड़ा और सतना की दो मरीजों के लिए प्लाज्मा की जरूरत है. इस मैसेज को देख कर जबलपुर कैंट थाने के प्रभारी विजय तिवारी और इसी थाने के सिपाही रामकृष्ण शर्मा तुरंत प्लाज्मा देने के लिए तैयार हो गए. उनका टेस्ट हुआ और इन्होंने प्लाज्मा दान किया. हालांकि, एक मरीज की जान नहीं बच पाई, लेकिन पुलिस वालों का यह जज्बा सराहनीय है. दो दिन पहले भी पुलिस वालों ने गैलेक्सी अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म हो जाने की वजह से उपजी समस्या का तुरंत निदान किया था. आज फिर पुलिस ने एक अनुकरणीय काम किया है.

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कब जागेंगे नेता और अधिकारी

पुलिस अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही है, लेकिन जबलपुर के समाजसेवी एक सवाल खड़ा कर रहे हैं की प्लाज्मा दान करना रक्तदान करने जैसा महत्वपूर्ण काम है. शहर के कई प्रशासनिक अधिकारी और नेता कोरोना संक्रमण के बाद ठीक हुए हैं, लेकिन इन लोगों ने अब तक प्लाज्मा दान करने की कोशिश नहीं की. ये लोग दूसरों से प्लाज्मा दान करने की अपील करते हैं, लेकिन खुद सामने नहीं आ रहे हैं. इस मुश्किल दौर में लोगों को इन वीआईपी लोगों की बहुत जरूरत है, लेकिन दुर्भाग्य कि ये बयान बाजी तक ही सीमित रह जा रहे हैं.

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