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जबलपुर में रोड एक्सीडेंट कम करने का अनोखा प्रयास, आप भी देखें - जबलपुर में रोड एक्सीडेंट

जबलपुर शहर में रोड एक्सीडेंट कम करने के लिए ट्रैफिक पुलिस द्वारा अनोखा प्रयास शुरू किया गया है, जिसके तहत दुर्घटनाग्रस्त वाहनों का स्टेचू ऊंचे स्टैंड पर सजाया गया है.

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रोड एक्सीडेंट कम करने का प्रयास
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Published : Oct 23, 2020, 8:46 PM IST

जबलपुर। शहर में ट्रैफिक पुलिस का अनोखा अभियान सड़क किनारे देखने को मिला, जहां दुर्घटनाग्रस्त वाहनों का स्टेचू ऊंचे स्टैंड पर सजाया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य रोड एक्सीडेंट को तेजी से कम करना है.

रोड एक्सीडेंट कम करने का प्रयास

रोजाना होते हैं 8 से 10 एक्सीडेंट

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश में हर साल औसतन लगभग 50 हजार रोड एक्सीडेंट होते हैं, जो शहर में 2 हजार से 25 सौ तक प्रति वर्ष है. इस हिसाब से देखा जाए, तो रोजाना 8 से 10 एक्सीडेंट होते रहते हैं, जिसमें जान और माल दोनों का नुकसान होता है.

इन्हीं रोड एक्सीडेंट को कम करने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने एक अनोखा अभियान शुरू किया है. शहर से गुजरने वाले नेशनल हाइवे पर दुर्घटना में टूटी फूटी गाड़ियों को सड़क किनारे ऊंचे स्टैंड पर जमाया गया है, ताकि ये दूर से ही लोगों को नजर आ सकें.

पढ़े: सड़क दुर्घटना में एक ही परिवार के नौ लोगों की मौत, छह घायल

दरअसल, जबलपुर से नागपुर जाने वाला हाइवे हाई स्पीड वाला है. यहां गाड़ियों की रफ्तार बहुत ज्यादा होती है. यहीं हाल नवविर्मित कुछ सड़कों का भी है. इनमें जबलपुर- भोपाल हाइवे, जबलपुर-दमोह हाइवे और जबलपुर से अमरकंटक जाने वाली रोड शामिल है.

अगर यहां एक्सीडेंट होते हैं, तो अक्सर लोगों की जान ही चली जाती है. इसीलिए ट्रैफिक पुलिस ने इस अभियान के तहत लोगों को जागरूक करने का कार्य किया है. फिलहाल जबलपुर-नागपुर हाइवे पर पुरानी कार का टूटा हुआ नमूना रखा गया है. ऐसी 10 जगहों पर भी दुर्घटनाग्रस्त कारों को रखने की तैयारी की जा रही है.

ट्रैफिक पुलिस का यह प्रयास बेहद अनूठा है. सड़क किनारे दुर्घटनाग्रस्त गाड़ियों को इस तरह देख कर लोगों को कुछ सीख जरूर मिल सकती है. अगर इससे गाड़ियों की रफ्तार कुछ कम होती है, तो बेशक रोड एक्सीडेंट में कमी आएगी.

जबलपुर। शहर में ट्रैफिक पुलिस का अनोखा अभियान सड़क किनारे देखने को मिला, जहां दुर्घटनाग्रस्त वाहनों का स्टेचू ऊंचे स्टैंड पर सजाया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य रोड एक्सीडेंट को तेजी से कम करना है.

रोड एक्सीडेंट कम करने का प्रयास

रोजाना होते हैं 8 से 10 एक्सीडेंट

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश में हर साल औसतन लगभग 50 हजार रोड एक्सीडेंट होते हैं, जो शहर में 2 हजार से 25 सौ तक प्रति वर्ष है. इस हिसाब से देखा जाए, तो रोजाना 8 से 10 एक्सीडेंट होते रहते हैं, जिसमें जान और माल दोनों का नुकसान होता है.

इन्हीं रोड एक्सीडेंट को कम करने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने एक अनोखा अभियान शुरू किया है. शहर से गुजरने वाले नेशनल हाइवे पर दुर्घटना में टूटी फूटी गाड़ियों को सड़क किनारे ऊंचे स्टैंड पर जमाया गया है, ताकि ये दूर से ही लोगों को नजर आ सकें.

पढ़े: सड़क दुर्घटना में एक ही परिवार के नौ लोगों की मौत, छह घायल

दरअसल, जबलपुर से नागपुर जाने वाला हाइवे हाई स्पीड वाला है. यहां गाड़ियों की रफ्तार बहुत ज्यादा होती है. यहीं हाल नवविर्मित कुछ सड़कों का भी है. इनमें जबलपुर- भोपाल हाइवे, जबलपुर-दमोह हाइवे और जबलपुर से अमरकंटक जाने वाली रोड शामिल है.

अगर यहां एक्सीडेंट होते हैं, तो अक्सर लोगों की जान ही चली जाती है. इसीलिए ट्रैफिक पुलिस ने इस अभियान के तहत लोगों को जागरूक करने का कार्य किया है. फिलहाल जबलपुर-नागपुर हाइवे पर पुरानी कार का टूटा हुआ नमूना रखा गया है. ऐसी 10 जगहों पर भी दुर्घटनाग्रस्त कारों को रखने की तैयारी की जा रही है.

ट्रैफिक पुलिस का यह प्रयास बेहद अनूठा है. सड़क किनारे दुर्घटनाग्रस्त गाड़ियों को इस तरह देख कर लोगों को कुछ सीख जरूर मिल सकती है. अगर इससे गाड़ियों की रफ्तार कुछ कम होती है, तो बेशक रोड एक्सीडेंट में कमी आएगी.

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